Saturday, April 7, 2012

जिलानी को अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाना गलत


विवादित बाबरी मस्जिद के वकील और आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी को राज्य का अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाये जाने पर भारी विरोध होना आरंभ हो गया है। इस नियुक्ति पर अखिल भारत हिन्दू महासभा ने बहुत ही कड़ी आपत्ति जतायी है। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने मुख्यमंत्री से उन्हें हटाये जाने की मांग की है। हिन्दू महासभा के वरिष्ठ नेता पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र व डॉ0 संतोष राय ने  कहा कि जिलानी एक घोर विवादास्पद व्यक्ति रहे हैं, उन्होंने सदैव एक ही सम्प्रदाय का प्रतिनिधित्व किया है। इसलिये वे किसी भी तरह से पूरी जनता के विश्वसनीय नही हो सकते।


अखिल भारत हिन्दू महासभा ने कहा कि जिलानी उच्चतम न्यायालय में चल  देश के ऐतिहासिक श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमें में मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील हैं। ऐसे में उनसे कैसे यह हो सकता है कि  वह सभी धर्म के लोंगों के साथ न्याय कर सकेंगे। हिन्दू महासभा ने  कहा कि सरकार का रूख पूर्णरूपेण पक्षपातपूर्ण है, इसे किसी भी तरह से उचित नही कहा जा सकता है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने मुसलमानों के लिये पहले से ही आरक्षण की घोषणा कर रखी है।

आगे, वरिष्ठ नेता डॉ0 संतोषराय ने कहा कि सरकार मुस्लिम बालिकाओं को 30 हजार रूपये अनुदान देने का निर्णय इसके पूर्व ही ले चुकी है। जिलानी को अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाकर सरकार ने मुसलमानों को प्रसन्न करने की एक और कुत्सित प्रयास किया है जो कि मुस्लिम तुष्टीकरण की पराष्ठा की हद हो गयी है। उन्होंने बताया कि  मुस्लिम समाज को तुष्ट करने के लिए सरकार अन्य वर्गों के हितों को अनदेखाकर उनकी नाराजगी मोल ले रही है। जिलानी को अतिरिक्त महाधिवक्ता बना देने का दुष्परिणाम यह होगा कि अब दूसरे धर्मों के लोगो को न्याय मिलना मुश्किल ही नही बल्कि असंभव हो जायेगा।


आगे हिन्दू महासभा ने कहा कि गिलानी अन्य धर्मों के साथ न्याय कदापि नहीं करेंगे साथ ही इनके इस पद पर रहते हुये अयोध्या मामले में सरकार का रूख भी पूरी तरह से प्रभावित होगा। इसलिये अखिल भारत हिन्दू महासभा  जिलानी की नियुक्ति को अविलंब रद्द करने की मांग करती है।

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