Saturday, April 30, 2011

सहाबा :मुहम्मद के साथी !!

B.N. Sharma         Represent:Dr. Santosh Rai


यह सर्व स्वीकृत सत्य है कि ,किसी भी व्यक्ति के चरित्र और स्वभाव के बारे में उसकी संगत से पता चल जाता है.जो जिस प्रकार का व्यक्ति होता है ,उसको वैसे ही साथी मिल जाते हैं .मुहम्मद ने भी अपने स्वभाव के अनुसार साथी बना रखे थे .मुहम्मद के साथियों को मुसलमान "الصحابهसहाबी "या Companion कहते हैं.और उनको अपना आदर्श मानकर आदर से उनके नाम से "रजी अल्लाहु अन्हु "लगा देते हैं ,यानि अल्लाह उन से राजी हो .मुहम्मद के साथियों में कई तरह के लोग थे ,जिनमे ,ईर्ष्यालु ,रिश्वत लेने देने वाले ,वेश्यागामी ,गंदे ,और ऐसे लोग भी थे ,जो औरतों पर बुरी नजर रखते थे .इनके बारे में हदीसों और इस्लाम की प्रमाणिक इतिहास की किताबों में जो लिखा है उसका कुछ नमूना प्रस्तुत किया जा रहा है . 
1 -ईर्ष्यालु 
इतिहास की किताबों में सहबियों की आपसी लड़ाइयों के बारे में जो प्रामाणिक हदीसों में रावियों द्वारा बयान की हैं ,उसके अनुसार अधिकांश सहाबी मुख्य मार्ग से हट गए थे .और जालिम और फासिक बन गए थे .क्योंकि वह इर्ष्या ,नफ़रत ,और लालच से भर गए थे .कई लोगों ने तो रसूल को देखा भी नहीं था .यह सभी पूरी तरह से निष्पाप नहीं थे .
  The battles (between the Sahaba) as its recorded in history books & narrated by reliable narrators serve as proof that some companions left the right path and became Zaalim and Fasiq because they became affected by jealousy, hatred, stubbornness, a desire for power and indulgence because the companions were not infallible , nor was every individual that saw Rasulullah (s), good".
Imam Dhahabi stated in his book Marifat al-Ruwah, page 4:
अल शुयूती ने कहा कि वह एकदूसरे को काफ़िर कहते थे .
Al-Suyuti writes:
“Some of the Sahaba issued Takfeer against one another”
Al-Dur al-Manthur, Volume 2 page 361
2 -मन के पापी 
एक औरत रसूल के पीछे नमाज पढ़ती थी ,वह बहुत सुन्दर थी .उसी लोग 
को देखने के लिए उसके पीछे खड़े हो जाते थे ,ताकि वह जैसे ही झुके उसके पीछे का हिस्सा दिख जाये .एक बार उन में से एक आदमी जब उस औरत को देखने को अगली पांति में अगया तो ,सब नाराज हो गए .
رأة تستخدم للصلاة وراء النبي (ص) وكانت جميلة جدا، وبالتالي فإن الناس سوف يصلون في السطر الأخير حتى يتمكنوا من مراقبة لها في حين أنها رضخت، واحد منهم، ثم توجه إلى السطر الأول بحيث أنهم لم يتمكنوا لرؤيتها، وبالتالي كشف الله '{لتعرف بنا أولئك منكم الذين أسارع إلى الأمام، وأولئك الذين متخلفة.}'

A woman used to pray behind the Prophet (s) and she was very beautiful, therefore the people would pray in the last line so that they could observe her whilst they bowed, one of them then went to the first line so that they were unable to see her, hence Allah revealed ‘{To Us are known those of you who hasten forward, and those who lag behind.}’
Imam of the Salafies Nasiruddin Albaani records in Silsila Sahiha, Volume 5 page 608:
Tarikh Dimashq, Volume 60 pafe 40:
3 -वेश्यागामी 
उमर एक औरत को सम्भोग के लिए बुलाये ,लेकिन वह इस  के लिए अग्रिम पैसा चाहती थी .जब उमर ने उसके साथ सम्भोग करना चाहा तो वह बहाने करने लगी ,की मेरा मासिक चल रहा है .उमर को पता चल गया कि औरत झूठ बोल रही है .तो वह रसूल के पास गए और शिकायत की ,रसूल ने कहा औरत को पचास दीनार अधिक दे दो ." 
ضي الله عمر بن الخطاب رضي الله كان له زوجة العبيد الذين كانوا يكرهون الرجال. واعتذرت كلما أراد عمر أن يكون الجماع معها ، من خلال تعزيز ذريعة أنها كانت فترة وجود ، وبالتالي يعتقد أن عمر كان يقول انها كذبة ، ثم (عندما كان الجماع معها) وجد أنها كانت تقول الحقيقة . ذهب بعد ذلك إلى النبي (ص) وقال انه أمرته بدفع خمسين دينارا كمنظمة خيرية. 

Umar bin al-Khatab may Allah be pleased with had a slave girl who used to hate men. Whenever Umar wanted to have sexual intercourse with her, she apologized by advancing an excuse that she was having a period, hence Umar thought that she was telling lie, then (when he had sexual intercourse with her) he found that she was telling the truth. He then he went to the prophet (pbuh) and He ordered him to pay fifty dinars as charity.

We read in Tabaqat Ibn Saad, Volume 6 page 195:

तबकाते इब्न साद -जिल्द 6 पेज 195 
4 -गंदे 
कदमा बिन मदऊन रसूल के सहाबी थे .उन्हों ने कहा है कि उमर नमाज से समय अपने सर और कपड़ों के जुएँ मारते रहते थे .यहांतक उनके हाथ खून से रंग जाते थे 
." ‘Ibn Umar used to kill lice during prayer until the blood get on his hand’
'وكان ابن عمر لقتل القمل في الصلاة حتى الدم الحصول على يده' 

Imam Ghazzali records in his authority work Ehya uloom al-Deen, Volume 1 page 188:
उसुद अल गवा -जिल्द 1 पेज 980 .और अल इसबा -जिल्द 5 पेज 432 
तारीख अल खिलाफा -लेखक अबू नईम अस्बहानी पेज 127 
और यही बात इमाम मुहम्मद बिन याह्या बिन अबी बकर ने अपनी किताब "التحميدوالبيان في المقتل شهيدعثمانअल तहमिदवाल बयान फिल मकतल अल शहीद उस्मान .पेज 186 
5 -हिजड़ा प्रेमी 
"उम्मे सलाम ने कहा कि .रसूल एक हिजड़े के साथ बैठे थे ,उसने अब्दुल्लाह बिन अबी उमैया से कहा अगर तुम कल ताइफ़ के यद्ध में जीत जाओ तो ,गैलान कि बेटी से शादी कर लेना वह सुन्दर है और उसमे इतनी चर्बी है कि आगे से चार गुना और पीछे से आठ गुना आनंद आयेगा .रसूल ने कहा इस हिजड़े को औरत के पास नहीं भेजना .
Narrated Um Salama:


The Prophet came to me while there was an effeminate man sitting with me, and I heard him (i.e. the effeminate man) saying to 'Abdullah bin Abi Umaiya, "O 'Abdullah! See if Allah should make you conquer Ta'if tomorrow, then take the daughter of Ghailan (in marriage) as (she is so beautiful and fat that) she shows four folds of flesh when facing you, and eight when she turns her back." The Prophet then said, "These (effeminate men) should never enter upon you (O women!)." Ibn Juraij said, "That effeminate man was called Hit."

Sahih al-Bukhari, Volume 5, Book 59, Number 613

6 -इस्लाम के लिए रिश्वत 
एक सहाबा अल मुगीरा बिन शुआब ने कहा कि ,मी इस्लाम के लिए सबसे पहिले रिश्वत ली थी .यही दूसरी हदीस भी है .


Al-Mughira bin Shu'aba (a Companion) said: ‘I am the first one who gave a bribe in Islam’


Similarly, we read in Usud al-Ghaba, Volume 4 page 407:

 " أنا أول من أعطى رشوة في الإسلام "
  
“The first one who gave a bribe in Islam”

Likewise we read in Al-Isaba, Volume 6 page 157:

7 -शहर में बदनाम 
अबू बकर अल मजूरी ने कहा कि ,मैं हसन अल बजा अहमद बिन हम्बल के घर गया तो उनके साथ एक सुंदर लड़का बात कर रहा था .जब मैं बात करके जाने लगा तो कहा तुम इस लडके के साथ बाजारों में बात नहीं किया करे ,वह बोले यह मेरी बहिन का लड़का है .तो मैंने कहा कुछ भी हो ,लोग तुम्हारी आदतों के कारण शक जरुर करेंगे .
Abu Bakr al-Maroozi narrated that Hassan al-Baza came to visit Ahmad ibn Hanbal and with him was a beautiful boy. He talked to him and when he wanted to leave, Abu Abdillah (Imam Ahmad) said: ‘Oh Abu Ali, don’t walk with this boy on the street. He replied: ‘He is my sister's son’. He (Imam Ahmad) said: ‘Even so, otherwise the people will have suspicious thoughts about you.’


وروى أبو بكر المروزي أن حسن بازا جاء لزيارة أحمد بن حنبل ومعه كان صبيا جميلا. وتحدث إليه وعندما أراد الرحيل ، أبو عبدالله (الإمام أحمد) قال : يا أبا علي، لا تمشي مع هذا الولد في الشارع. فأجاب : 'وهو ابن شقيقتي. وقال (الإمام أحمد) : 'على الرغم من ذلك، وإلا فإن الناس سوف لديك أفكار مشبوهة حول أنت.


Talbis Iblis, page 337


आप खुद अंदाजा कर सकते हैं ,की जब मुहम्मद के साथी इस प्रकार के थे तो मुहम्मद किस प्रकार का व्यक्ति होगा .उसके साथियों को मुसलमान भले ही आदर्श मानें ,लेकिन उनका तन और मन दौनों गंदे थे .इन से दूर रहना ही उचित है .
http://www.wilayat.net/index.php?option=com_content&view=article&id=231:should-we-love-all-the-sahabah&catid=71:05-Sahabiat-(Companionship)

Note-watch this videoनिवेदन है कि दिए गए विडिओ को ध्यान से जरुर देखिये
http://www.youtube.com/watch?v=MVCGM2uTXeI


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अल्लाह कौन था ?

B.N. Sharma       Represent: Dr. Santosh Rai


यदि कुरान और हदीसों को ध्यान से पढ़ें ,तो उसमे अल्लाह के द्वारा जितने भी आदेश दिए गए हैं ,सब में केवल जिहाद ,ह्त्या ,लूट ,बलात्कार और अय्याशी से सम्बंधित है .कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति इनकी ईश्वर के आदेश मानने से इंकार कर देगा .अप देखेंगे की अल्लाह हमेशा मुहम्मद का पक्ष लेता है ,मुहम्मद के हरेक कुकर्म को किसी न किसी आयात से जायज बता देता है .मुहम्मद के लिए औरतों का इंतजाम करता है ,मुहम्मद के घरेलु विवाद सुलझाता है ,मुहम्मद के पापों पर पर्दा डालता है ,आदि 
यूरोप के विद्वान् इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि वास्तव में अल्लाह एक कल्पित चरित्र है .अल्लाह का कोई अस्तित्व नहीं है .अल्लाह और कोई नहीं मुहम्मद ही था .जो अल्लाह का रूप धरकर पाखण्ड कर रहा था ,और लोगों को मूर्ख बनाकर अपनी मनमर्जी चला रहा था .और अय्याशी कर रहा था .कुरान अल्लाह की किताब नहीं ,बल्कि मुहम्मद ,आयशा ,और वर्क बिन नौफल की बेतुकी बातों का संग्रह है .और हदीसें मुहम्मद के साथियों द्वारा चुगली की गयी बातें हैं (इसके बारे में अगले लेख में विस्तार से दिया जायेगा )
यहाँ पर उन्हीं तथ्यों की समीक्षा की जा रही है ,जिस से साबित होता है ,की मुहम्मद अलाह की खाल ओढ़कर अपनी चालें कैसे चलता था .इसके लिए प्रमाणिक हदीसों और कुरान से हवाले लिए गए हैं -
1 -अल्लाह को केवल मुहम्मद ही जानता था 
"रसूल ने कहा कि केवल मुझे ही अलह के बारे में पूरी पूरी जानकारी है ,कि अल्लाह कैसा है ,और कहाँ रहता है ,और भवष्य में क्या करने वाला है "
सही मुस्लिम -किताब 30 हदीस 5814 
"आयशा ने कहा कि ,जब भी मोमिन रसूल के पास आकर,उन से अल्लाह और रसूल के अधिकारों ,के बारे में कोई सवाल करता था ,तो रसूल एकदम भड़क जाते थे ,और कहते थे कि ,मैं अल्लाह को अच्छी तरह पहिचानता हूँ .मुझ में और अल्लाह में कोई फर्क नहीं है .मैं अल्लाह के बारे में तुम सब से अधिक जानता हूँ "
बुखारी -जिल्द 1 किताब 2 हदीस 19 
सईदुल खुदरी ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,जन्नत में केवल उन्हीं लोगों को ऊंचा स्थान मिलेगा जो ,अल्लाह के साथ मुझे भी आदर देंगे ,और मुझे चाहेंगे "
बुखारी -जिल्द 4 किताब 54 हदीस 478 .
2 -अल्लाह मुहम्मद को औरतें भेजता था 
"खौला बिन्त हकीम नामकी एक औरत रसूल के पास गयी ,रसूल ने उस से सहवास कि इच्छा प्रकट की ,लेकिन आयशा को यह पसंद नहीं आया .इस पर रसूल ने कहा कि ,आयशा क्या तुम नहीं चाहती हो ,आल्लाह मुझे औरतें भेजकर मुझे ख़ुशी प्रदान नहीं करे .इस औरत को अल्लाह ने मेरे लिए ही भेजा है ".
बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 48 .
3 -अल्लाह मुहम्मद का पक्ष लेता था 
"अब्ब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब ने कहा कि ,रसूल से मैंने सुना कि रसूल ने कहा अल्लाह हमेशा मेरा ही पक्ष लेता है .और मेरी हरेक बात को उचित ठहरा देता है .मेरे मुंह से अल्लाह ही बोलता है "सहीह मुस्लिम -किताब 1 हदीस 54 .
4 -मुहम्मद को गाली,अल्लाह को गाली 
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,जब कुरैश के लोग रसूल को मुहम्मद कि जगह "मुहम्मम "कहकर चिढाते थे तो,रसूल ने कहा क्या तुम लोग यह नहीं जानते हो कि ,तुम अल्लाह को चिढ़ा रहे हो .इस से तुम पर अजाब पड़ेगा "बुखारी -जिल्द 4 किताब 56 हदीस 773 
5 -मुहम्मद कि जुबान अल्लाह कि जुबान 
"अबू मूसा ने कहा कि ,रसूल ने कहा ,मैं जो भी कहता हूँ वह मेरी नहीं बल्कि अल्लाह कि जुबान है .जिसने मेरी बात मानी समझ लो उसने अल्लाह कि बात को मान लिया "अबू दाऊद-किताब 3 हदीस 5112 
"आयशा ने कहा कि ,हिन्दा बिन्त उतबा रसूल के पास शिकायत लेकर आई और बोली कि ,मुझे अबू सुफ़यान से खतरा है ,क्या मैं अपना घर छोड़ कर चली जाऊं ,क्या सुफ़यान को अल्लाह का खौफ नहीं है .रसूल ने कहा तुम डरो नहीं ,तुम्हें कुछ नहीं होगा .यह मेरा नहीं अल्लाह का वायदा है "सहीह मुस्लिम -किताब 18 हदीस 4254 .
6 -मुहम्मद को अल्लाह का डर नहीं था 
"आयशा ने कहा कि ,एक बार जैसे ही रसूल घर में दाखिल हुए तो ,एक यहूदिन ने चिल्लाकर रसूल से कहा कि ,क्या तझे पता नहीं है कि ,कयामत के दिन अल्लाह तेरे गुनाहों के बारे में सवाल करेगा .रसूल ने कहा कि मुझे इसका कोई डर नहीं है .मैं खुद अपने आप से सवाल क्यों करूंगा "मुस्लिम -किताब 4 हदीस 1212 .
"अम्र बिन आस ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,अल्लाह तो मेरा दोस्त है .और वह मुझसे या मेरे बाप दादाओं या मेरे साथियों से उनके गुनाहों के बारे में कोई सवाल नहीं करेगा .और मई सब गुनाह माफ़ कर दूंगा "मुस्लिम -किताब 1 हदीस 417 .इब्ने माजा -किताब 1 हदीस 93 
7 -मुहम्मद से नीची आवाज में बोलो 
"हे ईमान वालो ,अपनी आवाजें रसूल की आवाजों से ऊंची नहीं करो ,और जो लोग रसूल के सामने अपनी आवाजें नीची रखते है .अल्लाह उनके लिए क्षमा और उत्तम बदला देगा "सूरा -अल हुजुरात 49 :2 और 3 
8 -अल्लाह के नाम पर मुहम्मद का कानून 
"जब अल्लाह का रसूल की फैसला कर दे ,तो किसी को कोई अधिकार नहीं रह जाता है कि ,वह रसूल कि वह रसूल के फैसले कि अवज्ञा कर सके ."
सूरा -अहजाब 33 :36 . 
"इब्ने अब्बास ने कहा कि ,जो रसुल के आदेश को कबूलकरेगा और मान लेगा समझ ले कि उसाने अल्लाह केअदेश को मान लिया .और जो रसूल के आदेश का विरोध करेगा वह अल्लाह का विरोध माना जाएगा "बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 634 . 
9 -मुहम्मद का आतंक अल्लाह का आतंक 
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,मैं लोगों ले दिलों में आतंक पैदा कर दूंगा .और जो आतंक होगा वह अल्लाह के द्वारा पैदा किया आतंक समझा जाये 
"सहीह मुस्लिम -किताब 4 हदीस 1066 और 1067 . 
10 -अल्लाह ने शादियाँ तय करवायीं 
"जब मुहम्मद ने अपनी पुत्रवधू जैनब बिन्त से अपनी शादी करवाई थी ,वह शादी खुद अल्लाह ने ही करवायी थी .उस समय अल्लाह के आलावा कोई दूसरा नहीं रसूल ही थे "सहीह मुस्लिम -किताब 4 हदीस 1212 . 
11 -अल्लाह के बहाने अली बोलता था 
"जाबिर बिन अब्दुल्लाह ने कहा कि ,अक्सर जब रसूल कोई महत्वपूर्ण आयत सुनाने वाले होते थे तो ,सब को बुला लेते थे .फिर अपने घर के एक गुप्त कमरे में अली को बुला लेते थे .जबीर ने कहा कि इसी तरह एक बार रसूल ने हमें बुलाया ,फिर कहा कि एक विशेष आयत सुनाना है .फिर रसूल अली को एक कमरे में ले गए .आर कहा कि इस आयत में काफी समय लग सकता है इसलिए अप लोग रुके रहें ,हमने चुप कर देखा कि अली ,रसूल से अल्लाह की तरह बातें कर रहा था .वास्तव में कमरे में रसूल और अली के आलावा कोई नहीं था .अलह कि तरह बातें करने वाला और कोई नहीं बल्कि रसूल का चचेरा भाई अली था "शामए तिरमिजी हदीस 1590 . 
इस सारे विवरणों से साफ पता चलता है कि ,अल्लाह का कोई अस्तित्व ही नहीं है .यह मुहम्मद की चालबाजी और पाखंड था .अरब के मुर्ख ,लालची लोग मुहाम्मद की बे सर पैर की बातों को अल्लाह का आदेश मान लेते थे .आज भी कई ढोंगी बाबा ,फकीर इसी तरह से लोगों को ठगते रहते है .चूंकि आज विज्ञानं का प्रचार होने से लोग ऐसे ढोंगियों को जल्द ही भंडा फोड़ देते हैं .और पाखंडियों को जेल के अन्दर करा देते हैं .और ढोंगियों के जाल से बच जाते है . 
आज इस बात की अत्यंत जरुरत है कि दुनिया के सबसे बड़े धूर्त ,पाखंडी ,और अल्लाह के नाम पर आतंक करने वाले स्यंभू रसूल का विश्व स्तर पर भंडा फोड़ा जाये .तभी लोग शांति से जी सकेंगे .अल्लाह को मानाने या उस से डरने कि कोई जरुरत नहीं है .मुहम्मद ही अल्लाह बना हुआ था .

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इस्लाम के दस नियम

B.N. Sharma          Represent:Dr. Santosh Rai


यह कहावत सभी जानते है कि सोते हुए व्यक्ति को जगाना आसान होता है ,लेकिन जिसने सोने का ढोंग कर रखा हो ,या जिसे नींद कि गोली दी गयी हो ,उसे जगाना मुश्किल होता है .नादान को समझाने पर वह फ़ौरन समझ जाता है ,लेकिन जन पढ़े लिखे लोगों की अक्ल पर सेकुलर विचारों का पर्दा पड़ा हो ,जो मुसलमानों की चिकनी चुपड़ी मक्कारी भरी बातों में गुमराह हो गए हैं ,उनको समझाना कठिन है .यह लोग नहीं जानते कि आज कश्मीर नाम मात्र को भारत का अंग क्यों बना हुआ है ?क्या इसके लिए मुसलमानों की जिहादी विचारधारा जिमेदार नहीं है ?
अज का हिन्दू सिर्फ मैच देखने ,या बिग बोस जैसे फालतू सीरियल देखने में व्यस्त रहते हैं .और महिलाएं ऐसे सीरियल देखती रहतीं हैं ,जो समाज को तोड़ने के लिए बने हैं .यह एक सोची समझी योजना है .
मुसलमानों ने यही नीति रूस के एक हिस्से "कौकेसिया Caucasia "में अपनायी थी .पाहिले वहां पर आरमीनियन ,अज़रबैजानी लोगों की अधिकता थी .धीमे धीमे मुसलमान अपनी संख्या बढ़ाते गए .और वहां के आतंकी संगठन "हिजबुत तहरीर "और "Muslim Brotherhod "ने वहां इतना आतंक फैलाया की ,वहां के लोग भाग कर आस पास के देशों में चले गए .बाद में उन्ही आतंकी गिरोह ने अपना अलग देश बना लिया .और 9 अगस्त 2008 में इसे आजाद देश घोषित करा दिया .इसकी सीमा ज्योर्जिया ,और रूस से लगी है.यहाँ पर इस्लामी कानून चलता है .यहाँ के शासक को अमीर कहा जाता है .अबतक इस देश के दो अमीर बन चुके हैं .वर्त्तमान आमिर का नाम "دوكوعمروDokku Umarov "है 
इसका मकसद पूरे विश्व में इस्लामी राज्य की स्थापना करना है ,यानि "Pan islam "या "अल वहदत अल इस्लामिया الوحدة الاسلاميه"बनाना है .इस आतंकी गिरोह के तार भारत तक जुड़े होने के सबूत मिले हैं . 
इस इस्लामी आतंकी दल ने अपने सदस्यों को जो दस आदेश दिए हैं ,वह प्रस्तुत किये जा रहे हैं -

1 - يجب على كل مسلم الاقتداء محمد. Every muslim must follow Mohammed’s example. 
हरेक मुसलमान को मुहम्मद के उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए.


2 - الجهاد هو أول واجب المسلمين في كل! Jihad is the first duty of ALL MUSLIMS!
जिहाद करना मुसलमानों का पहिला कर्तव्य है.!


3 - يجب تحويل العالم كله إلى الإسلام The whole world must be converted to Islam 
सम्पूर्ण विश्व को इस्लाम में बदलना होगा .


4 - سوف الارهاب تجعل الإسلام منتصرا Terror will make Islam victorious. 
इस्लाम सिर्फ आतंक से विजयी होता है.


5 - فيعذبه الله العذاب المسلمين أن لا نقاتل في الجهاد.Allah will punish Muslims that don’t fight in Jihad. 
जो मुसलमान जिहाद में युद्ध नहीं करेगा ,अल्लाह उसे सख्त सजा देगा .


6 - يجب على المسلمين محاربة كل الكفار في جميع أنحاء العالم ويجب أن تكون قاسية معهم Muslims must fight all infidels around the world and MUST be ruthless with them. 


7 -يجب على المسلمين استخدام أي وسيلة تحت تصرفكم لمحاربة الكفار Muslims must use any means at your disposal to fight the Infidel. 
मुसलमानों को दुनिया भर के गैर मुस्लिमों से युद्ध करना चाहिए ,और उनसे क्रूरता का वर्ताव करना चाहिए .


8 - يجب على المسلمين أن يقتل كل من يترك الإسلام Muslims must kill anyone who leaves Islam 
इस्लाम छोड़ने वालों को मुसलमान क़त्ल दें .


9 - واستشهد لك في قضية الإسلام، والله يأخذك إلى الجنة you are martyred in the cause of Islam, Allah will take you into paradise where you can enjoy unlimited sex with your brand new 72 
Virgins  
अगर तुम इस्लाम की खातिर शहीद हो गए ,तो अल्लाह तुम्हें जन्नत में दाखिल कर देगा .जहाँ तुम्हें असीमित वासना पूर्ति के लिए 72 कुँवारी कन्याएं दी जायेंगी .


10 - ومداعبة الأطفال هو ارتفاع مضاهاة The fondling of children is the height of emulation 
बच्चों के साथ यौनाचार सबसे बड़ी प्रतियोगिता है.

The Islamic Emirate of Caucasus
यह दस आदेश इस्लामी कौकेसिया की अमीरात के सदर "दोकू उमरोव" ने अपने दल के लोगों को दिए थे .ताकि वह इन आदेशों का सख्ती से पालन करें ,और करवाएं .
अब यह सब पढ़ने के बाद ,जो लोग मुसलमानों को शांतिप्रिय ,शरीफ ,देशभक्त ,मानते हैं ,और उनकी वकालत करते हैं ,तो उनकी बूढी पर तरस आता है .अगर अब भी हिन्दू नहीं संभले तो ,यहाँ एक नहीं कई इस्लामी देश बन सकते हैं .मुसलमान कैसा भी हो ,मर्द हो ,या औरत ,बच्चा हो या बूढ़ा सब आतंक से इस्लाम फैलाना चाहते हैं.उनकी आपसी सौहार्द ,भाईचारे की बातों में नहीं आयें .आपको इस से बड़ा सबूत और क्या चाहिए ?

Monday, January 31, 2011


IslamDin : Message from the South-West sector Amir, Zakari (ha) 
निवेदन -मुसलमानों के खूंखार इरादों
 
Writer's Blog:www.bhandafodu.blogspot.com

Friday, April 29, 2011

Spectrum Raja's House ....in Tamil Nadu

Represent: Dr. Santosh Rai
 
Forward it to as many as a true Indian Citizen.


Indians are poor but INDIA is not a poor country". Says one of the swiss bank directors.
He says that "280 Lacs crore" of Indian money is deposited in swiss banks which can be used for 'taxless' budget for 30 yrs. Can give 60 0000000 jobs to all Indians. From any village to Delhi 4 lane roads. Forever free power supply to more than 500 social projects. Every citizen can get monthly Rs. 2000/- for 60 yrs. No need of World Bank & IMF loan. Think how rich politicians block our money. We have full right against corrupt politicians.
Forward to everybody so that every Indian can read this. Take this seriously, You can forward jokes, then why not this? Be a responsible citizen.

भारत देशम जहां धर्म निरपेक्षता (सेकुलरिस्म) एक मज़ाक है ....... बहुसंख्यकों के साथ

 ShreshthBharat      Represent: Dr. Santosh Rai
  1. भारत के मुर्दे 'अँग्रेजो के संविधान' मे धारा 25,26,29,30 अल्प संख्यकों को विशेषाधिकार देती है क्या किसी देश मे ऐसे विशेषाधिकार दिये जाते है या दिये जा रहे है ? 
  2. अल्पसंख्यक की परिभाषा भी नहीं है, किसे कहते है अल्प संख्यक ? अन्तराष्ट्रिय मानदंड कहते है की जिनकी आबादी 10% से कम है वे अल्प संख्यक माने जाएँगे परंतु भारत के मुस्लिम 15% से भी ऊपर है  और वे अल्प संख्यक के अधिकारो की मलाई मार रहे है 2011 तो यह आबादी 18% को भी पार कर जाएगी ..... 
  3. पहले ईरान भारत से अलग हुआ फिर.... अफगानिस्तान 1761 मे अलग हुआ .... फिर 1947 को पाकिस्तान बना ... फिर 1971 को बांग्लादेश अभी कश्मीर बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यो को मिलकर के मुगलिस्तान बनाने और केरल के रूप मे एक ईसाई देश बनाने की तैयारिया ज़ोर शोर से चल रही है .... आप नींद लेते रहिए   
  4. भारत मे अलग अलग आचार संहिताए है क्या किसी सेकुलर देश मे ऐसा हो सकता है ?
  5. हज यात्रा के लिए सरकार अरबों की सबसिडी देती है ऐसा लगता है जैसे संविधान / सरकार को अल्लाह पर ही अधिक भरोसा है 
  6. हज यात्रा मे खर्च होने वाले पैसे को (आकार विवरणी, I-TAX) दिखाने की आवश्यकता नहीं जबकि मानसरोवर यात्रा पर सबसिडी तो दूर खर्च होने वाले पैसे को विदेश यात्रा पर हुआ खर्च माना जाता है ( जैसे हिन्दू शिवजी की पूजा करने नहीं वहाँ पीक निक मनाने गए थे और मुल्ले अल्लाह से मिलने हज मे इसलिए भदभाव )
  7. अव्यवस्था के नाम पर केवल हिन्दू मंदिरो का अधिग्रहण किया जाता है क्या किसी अन्य मतावलंबियों के पूजा स्थल पर अव्यवस्था नहीं होती क्या एक भी चर्च या मस्जिद का अधिग्रहण किया गया है सरकार के द्वारा आजतक ? इन अधिग्रहित मंदिरो का राजनीतिक उपयोग चढ़ावे के पैसे का मनमाना उपयोग किया जाता है एक राज्य मे तो हज यात्रा की सबसिडी के लिए इस राशि का उपयोग किया जाता है (हिन्दू न चाहते हुए भी अपने पैसे पर मुल्लों को हज भेजे )
  8. हिन्दुओ के personal Code मे बार बार परिवर्तन होता है व हिन्दू प्रगतिशील होने के कारण स्वीकार भी करता है जबकि मुस्लिम इसाइयों के Personal Codes को छेड़ने तक की हिम्मत नहीं है सरकार मे फिर भी हिन्दू को कट्टरवादी कहते है
  9. जिन मुसलमानों ने भारत पर लगभग 1000 वर्ष राज किया बहू बेटियों को भोग और प्रचार प्रसार की वस्तु माना उनको सरकार ने पिछड़ा माना और इसी आधार पर राजेंद्र सच्चर (खच्चर) कमेटी बनाई मुस्लिमो को आरक्षण देने के लिए जो वास्तव मे भारत के एक और विभाजन की नींव तैयार कर रही है मतलब इस्लाम का एक और देश शायद अब की बार हम ईसाइयो को नया गिफ्ट देंगे कोई केरल को ईसाई बनाकर
  10. सऊदी अरब के आदेश को स्वीकार करके क्यों एक मुसलमान को ही वहाँ का राजदूत बनाया जाता है ऐसे ना जाने कितने यक्ष प्रश्न है जो हम पूछते है क्या भारत एक सेकुलर देश है 
  11. जम्मू कश्मीर मे आजतक कोई हिन्दू मुख्य मंत्री नहीं बना जबकि ऐसा मौका आया था लेकिन वहाँ की जनता के दबाव के कारण यह संभव नहीं हो सका..... हम उस इस्लाम वाली जनता को साल भर 19 हजार करोड़ की खैरात मुफ्त मे बाटते है जबकि हमारे किसान भूख के मारे आत्म हत्या कराते है कभी सुना है किसी कश्मीरी को आत्म हत्या कराते हुए भूख के मारे ?  
  12. कुछ वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की देश मे से अल्प संख्यक शब्द खत्म होना चाहिए अन्यथा यह भारत को एक और विभाजन की और ले जाएगा 
  13. न्यायपालिका बार बार यह आदेश देती है की धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता परंतु कॉंग्रेस बार बार इन नियमों की धज्जिया उड़ाती रही है और कोशिश आगे भी जारी है, विनोद दुआ जैसे सेकुलर राक्षस ऐसे मामलों मे गहन बहस नहीं करते है उन्हें गोधरा के दंगे मे मुस्लिम असहाय दिख जाते है लेकिन मुजरिम / षड्यंत्र कारी मुस्लिम नहीं....   
  14. उड़ीसा मे मतांतरण कर रहे पादरी स्टेंस की हत्या के केस मे उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कहा की धर्मांतरण किसी का अधिकार नहीं बलपूर्वक धोखे से धर्मांतरण गैर कानूनी है परंतु सेकुलर वादी धर्मांतरण के गैर कानूनी काम का समर्थन कराते है धर्मांतरण का विरोध करने वालों को सांप्रदायिक कहा जाता है 
  15. मकबूल फिदा हुसेन 'इस्लामिक' कलाकार ने देवी देवताओ और भारत माँ के नंगे चित्र बनाए जिन देश भक्तो ने उसका विरोध किया तो उन्हें सेकुलरों और भ्रष्ट मीडिया ने सांप्रदायिकता कह दिया है और कहा की यह अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर हमला है लेकिन जब पैगंबर मोहम्मद के चित्रा डेन्मार्क मे छपे तो भारत मे हर जगह पर हिंसक प्रदर्शन हुए उस समय इन्हीं सेकुलरों और मीडिया ने कहा की इनका गुस्सा जायज है किसी भी धार्मिक भावना से खिलवाड़ उचित नहीं 
  


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साध्‍वी प्रज्ञा तुम इसी वर्ताव के लायक हो

सुरेश चिपलुनकर      प्रस्‍तुति-डॉ० संतोष राय

मालेगाँव बम ब्लास्ट की प्रमुख आरोपी के रूप में महाराष्ट्र सरकार द्वारा मकोकाकानून के तहत जेल में निरुद्ध, साध्वी प्रज्ञा को देवास (मप्र) की एक कोर्ट में पेशी के लिये कल मुम्बई पुलिस लेकर आई। साध्वी के चेहरे पर असह्य पीड़ा झलक रही थी, उन्हें रीढ़ की हड्डी में तकलीफ़ की वजह से बिस्तर पर लिटाकर ही ट्रेन से उतारना पड़ा। कल ही उन्हें देवास की स्थानीय अदालत में पेश किया गया, परन्तु खड़े होने अथवा बैठने में असमर्थ होने की वजह से जज को एम्बुलेंस के दरवाजे पर आकर साध्वी प्रज्ञा (Sadhvi Pargya) से बयान लेना पड़ा। यहीं पर डॉक्टरों की एक टीम द्वारा उनकी जाँच की गई और रीढ़ की हड्डी में असहनीय दर्द की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की सलाह जारी की गई। मुम्बई में मकोका कोर्ट ने प्रज्ञा के स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें ट्रेन में AC से ले जाने की अनुमति दी थी, बावजूद इसके महाराष्ट्र पुलिस उन्हें स्लीपर में लेकर आई। (Harsh Treatment to Sadhvi Pragya)


इससे पहले भी कई बार विभिन्न अखबारी रिपोर्टों में साध्वी प्रज्ञा को पुलिस अभिरक्षा में प्रताड़ना, मारपीट एवं धर्म भ्रष्ट करने हेतु जबरन अण्डा खिलाने जैसे अमानवीय कृत्यों की खबरें आती रही हैं।

साध्वी प्रज्ञा से सिर्फ़ इतना ही कहना चाहूँगा कि एक धर्मनिरपेक्ष”(?) देश में आप इसी सलूक के लायक हैं, क्योंकि हमारा देश एक सेकुलर राष्ट्रकहलाता है। साध्वी जी, आप पर मालेगाँव बम विस्फ़ोट (Malegaon Blast) का आरोप है। ब्रेन मैपिंग, नार्को टेस्ट सहित कई तरीके आजमाने के बावजूद, बम विस्फ़ोट में उनकी मोटरसाइकिल का उपयोग होने के अलावा अभी तक पुलिस को कोई बड़ा सबूत हाथ नहीं लगा है, इसके बावजूद तुम पर मकोकालगाकर जेल में ठूंस रखा है और एक महिला होने पर भी आप जिस तरह खून के आँसू रो रही हैंयह तो होना ही था। ऐसा क्यों? तो लीजिये पढ़ लीजिये

1) साध्वी प्रज्ञातुम संसद पर हमला करने वाली अफ़ज़ल गुरु (Afzal Guru) नहीं हो कि तुम्हें VIP की तरह ट्रीटमेण्टदिया जाए, तुम्हें सुबह के अखबार पढ़ने को दिये जाएं, नियमित डॉक्टरी जाँच करवाई जाए

2) साध्वी प्रज्ञातुम भारत की इज्जत लूटने वालेअजमल कसाब की तरह भी नहीं हो कि तुम्हें इत्र-फ़ुलैल दिया जाए, स्पेशल सेल में रखा जाए, अण्डा-चिकन जैसे पकवान खिलाए जाएंतुम पर करोड़ों रुपये खर्च किये जाएं

3) साध्वी प्रज्ञातुम बिनायक सेन (Binayak Sen) भी तो नहीं हो, कि तुम्हारे लिये वामपंथी, सेकुलर और दानवाधिकारवादीसभी एक सुर में रुदालियाँगाएं। न ही अभी तुम्हारी इतनी औकात है कि तुम्हारी खातिर, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्च की साँठगाँठ से कोई मैगसेसे या नोबल पुरस्कारकी जुगाड़ लगाई जा सके

4) साध्वी प्रज्ञातुम्हें तो शायद हमारे सेकुलरदेश में महिला भी नहीं माना जाता, क्योंकि यदि ऐसा होता तो जो महिला आयोग”(?) राखी सावन्त/मीका चुम्बन जैसे निहायत घटिया और निजी मामले में दखल दे सकता हैवह तुम्हारी हालत देखकर पसीजता

5) साध्वी प्रज्ञातुम तो सो कॉल्डहिन्दू वीरांगना भी नहीं हो, क्योंकि भले ही तुम्हारा बचाव करते न सही, लेकिन कम से कम मानवीय, उचित एवं सदव्यवहार की माँग करते भी, किसी ड्राइंगरूमीभाजपाई या हिन्दू नेता को न ही सुना, न ही देखा

6) और हाँ, साध्वी प्रज्ञातुम तो कनिमोझी (Kanimojhi) जैसी समझदारभी नहीं हो, वरना देश के करोड़ों रुपये लूटकर भी तुम कैमरों पर बेशर्मों की तरह मुस्करा सकती थीं, सेकुलर महिला शक्ति तुम पर नाज़ करतीकरोड़ों रुपयों में तुम्हारा बुढ़ापा भी आसानी से कट जातालेकिन अफ़सोस तुम्हें यह भी करना नहीं आया

7) साध्वी प्रज्ञातुम्हारे साथ दिक्कत ये भी है कि तुम अरुंधती रॉय (Arundhati Roy’s Anti-National Remarks) जैसी महिला भी नहीं हो, जो सरेआम भारत देश, भारतवासियों, भारत की सेना सहित सभी को गरियाने के बावजूद फ़ाइव स्टार होटलोंमें प्रेस कांफ़्रेंस लेती रहे

8) साध्वी प्रज्ञातुम तो पूनम पाण्डे जैसी छिछोरी भी नहीं हो, कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतन्त्र के परिपक्व मीडिया”(?) की निगाह तुम पर पड़े, और वह तुम्हें कवरेज दे

कहने का मतलब ये है साध्वी प्रज्ञाकि तुम में बहुत सारे दोष हैं, जैसे कि तुम हिन्दूहो, तुम भगवापहनती हो, तुम कांग्रेसियों-वामपंथियों-सेकुलरों के मुँह पर उन्हें सरेआम लताड़ती हो, तुम फ़र्जी मानवाधिकारवादी भी नहीं हो, तुम विदेशी चन्दे से चलने वाले NGO की मालकिन भी नहीं होबताओ ऐसा कैसे चलेगा?

सोचो साध्वी प्रज्ञा, जरा सोचोयदि तुम कांग्रेस का साथ देतीं तो तुम्हें भी ईनाम में अंबिका सोनी या जयन्ती नटराजन की तरह मंत्रीपद मिल जाता…, यदि तुम वामपंथियों की तरफ़ सॉफ़्ट कॉर्नररखतीं, तो तुम भी सूफ़िया मदनी (अब्दुल नासेर मदनी की बीबी) की तरह आराम से घूम-फ़िर सकती थीं, NIA द्वारा बंगलोर बस बम विस्फ़ोट की जाँच किये जाने के बावजूद पुलिस को धमका सकती थींयानी तुम्हें एक विशेषाधिकारमिल जाता। बस तुम्हें इतना ही करना था कि जैसे भी हो "सेकुलरिज़्म की चैम्पियन" बन जातीं, बसफ़िर तुम्हारे आगे महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, सब कदमों में होते। महिलाओं के दुखों और पीड़ा को महसूस करने वाली तीस्ता जावेद सीतलवाड, शबाना आज़मी, मल्लिका साराभाई सभी तुमसे मिलने आतींतुम्हें जेल में खीर-मलाई आदि सब कुछ मिलता

लेकिन अब कुछ नहीं किया जा सकताजन्म ने तुम्हें हिन्दूबना दिया और महान सेकुलरिज़्म ने उसी शब्द के आगे आतंकवादीऔर जोड़ दिया। साध्वी प्रज्ञा, इस सेकुलर, लोकतांत्रिक, मानवीय और सभ्यदेश में तुम इसी बर्ताव के लायक हो