Wednesday, April 6, 2011

स्वामी अग्निवेश का माओवादियों को ‘लाल सलाम’

 
 
 
Source: सुदीप त्रिपाठी,   |   Last Updated 02:39(02/04/11)  
 
Represent: Dr. Santosh rai
 
 
 
रायपुर. सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश की एक सीडी सामने आई है , जिसमें उन्हें लाल सलाम..लाल सलाम नारे लगाते हुए दिखाया गया है। सीडी में स्वामी माओवाद के नारे भी लगा रहे हैं।

यह सीडी 11 जनवरी को जगदलपुर के करियामेटा के पास जंगलों के बीच माओवादियों की उस जन अदालत का है, जिसमें पांच अपहृत जवानों को 11 जनवरी को रिहा किया गया था।

गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने सीडी मुख्यमंत्री डा. रमनसिंह को सौंप दी है। संकेत हैं कि अब इस सीडी में मिले तथ्यों की समीक्षा की जाएगी। आला अफसरों व विधि विशेषज्ञों को परीक्षण का जिम्मा दिया गया है। स्वामी अग्निवेश पीयूसीएल की पदाधिकारी कविता श्रीवास्तव के साथ पिछले दिनों बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र गए थे।

उसी समय सीडी तैयार की गई है। इसमें ग्रामीणों की सभा में स्वामी अग्निवेश पीयूसीएल के नेताओं के साथ भीड़ के बीचों-बीच खड़े हैं। सभा में भारत सेना वापस जाओ के नारे लगाए जा रहे हैं और अग्निवेश उनके सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे हैं।

स्वामी अग्निवेश की छवि सामाजिक कार्यकर्ता की है। पिछले महीने नक्सलियों ने पांच जवानों का अपहरण कर लिया था। जवानों को छ़ुड़ाने के लिए अग्निवेश ने मध्यस्थता की थी।

शासन ने जवानों की जिंदगी को ध्यान में रखकर उनका प्रस्ताव स्वीकार किया था। उसके बाद स्वामी अग्निवेश ने उन जवानों को नक्सलियों से छुड़ाकर लाया था। सीडी जारी होने के बाद पूरे मामले में नए सिरे से बात उठ रही है।

सीडी में स्वामी ने यह कहा

हमारे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के जो नेता हैं, कॉमरेड नीति और तमाम हमारे जवान, उनको लाल सलाम करेंगे। ठीक है। फिर उन्होंने कहा-भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी..लाल सलाम .लाल सलाम। इस लाइन को उन्होंने दोहराया। उनके पीछे एक महिला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए भारत सेना वापस जाओ बोली।

संत समझते थे, माओवादी निकले

स्वामी अग्निवेश को सीडी में माओवाद के नारे लगाते देखकर गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कहा कि हम भी मानते थे कि वो सामाजिक कार्यकर्ता हैं। संत के रूप में रहते हैं। भगवा वस्त्र पहनते हैं। पर संत के रूप में अग्निवेश माओवादी निकले। लाल सलाम जिंदाबाद.. ये उनका नारा है।

कंवर ने फिर कहा कि नक्सलियों ने रणनीति में बदलाव किया है। इसमें वो अपहरण करो और छोड़ो की नीति अपना रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अग्निवेश को माध्यम बनाया।

अपहरण की दो घटनाएं हुई हैं। दोनों में अग्निवेश सामने आए हैं। मैं पहले से कह रहा हूं, लेकिन अब तक मेरी बातों को तवज्जो नहीं दी गई। ये सोची-समझी रणनीति है। नक्सली यह प्रचारित करना चाहते हैं कि हम लोगों को नहीं सताते।

इसी योजना के मुताबिक उन्होंने अपहरण किया। उसके बाद अपहर्ताओं को छ़ुड़ाने के लिए वहां अग्निवेश गए। ताड़मेटला में हमारी फोर्स नक्सलियों पर हावी हुई तो साजिश रचकर एसएसपी कल्लूरी के खिलाफ वातावरण तैयार किया।

हमने उनका ट्रांसफर किया है। लेकिन अब मैं गृहमंत्री होने की हैसियत से कहता हूं कि उनकी कहीं भी गलती नहीं है।

 

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