Wednesday, October 1, 2014

आतंकवादी दाउद इब्राहीम के हाथ लम्बे हैं और सरकार लाचार


डॉ संतोष राय

(हमाम में कई लोग नंगे क्या होगा राष्ट्र का किस पर करें विश्वास)

राष्ट्रीय राजधानी इन्द्रप्रस्थ : यदि हिन्दुओं में जयचंद नहीं हुआ होता तो आज भारत हिन्दू राष्ट्र होता, आज स्थिति यह है की कांग्रेस, एनसीपी यहाँ तक की भाजपा में भी हिन्दू विरोधी और राष्ट्रद्रोही तत्व है !

12 मार्च 1993 के दिन सिर्फ दो घंटे 12 मिनट में मायानगरी मुंबई ने 12 धमाके झेले, इन धमाकों ने 257 लोगों की जानें गईं और करीब 700 लोग जख्‍मी हुए ! देश में आतंक का यह पहला और उस समय तक का सबसे बड़ा हमला था. और इस हमले के बाद अंडरवर्ल्‍ड डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की गोद में जा बैठा और इस आतंकवादी के सम्बन्ध उस समय के कांग्रेस के नेताओं से थे और ये सम्बन्ध अब तक बने रहे यहाँ तक की खुफिया रिपोर्ट तक बदलवाने की चेष्टा हुई और तो और वोहरा कमिटी की रिपोर्ट तक दबा दी गई ! खुफिया एजेंसी ने तो कई कद्दावर कांग्रेस नेताओं के नाम उजागर किये थे और बाद में कुछ लोग एनसीपी से जुड़े रहे और उस रिपोर्ट में कई हवाला कारोबारी,बिल्डर तथा अन्य अपराधियों के भी नाम थे यहाँ तक की उस रिपोर्ट में गुजरात भाजपा से जुड़े कुछ नेताओं का भी नाम था और ये लोग दाउद इब्राहीम के संपर्क में रहे !

ऐसी ही रिपोर्ट सेना के एक अधिकारी कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने बनाई थी जो की मालेगांव बम ब्लास्ट जैसे झूठे मुक़दमे में जेल में है और उन्होंने लिखा था की कांग्रेस, एनसीपी के कई नेता ISI के लोगों के संपर्क में है यहाँ तक संघ का एक प्रमुख पदाधिकारी भी !

सन 2004 में पाकिस्तान की यात्रा कांग्रेस के एक नेता ने की थी और वह नेता कभी एनसीपी के प्रमुख नेता का ख़ास माना जाता था और वहां उसकी मुलाकात भारत के शत्रु दाउद से होती है और उस नेता का ख़ास रिश्तेदार आज मोदी सरकार में मंत्री भी है ! सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ की दाउद चाहता था की पाकिस्तान में रॉ के अधिकारीयों के पर काटे जाएँ और उस नेता ने आश्वासन दिया था की कुछ न कुछ अवस्य किया जायेगा ! दाउद की पहुँच नेताओं तक ही नहीं भारत के कई आईएस, आईपीएस, आईएफएस, यहाँ तक की न्यायपालिका के कई अधिकारिओं तक थी !

अब मोदी जी प्रधानमंत्री है और राजनाथ सिंह जी गृह-मंत्री है और क्या कारण है की देशद्रोही नेताओं पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा सकती ! पुर्व प्रधानमंत्री स्व. पी. वी. नरसिम्हाराव ने देशभक्ति का परिचय दिया था और उन्होंने देशद्रोह के मामले में अपनी ही पार्टी के नेता कल्पनाथ राय को टाडा में जेल भिजवा दिया था लेकिन आगे वो कुछ कार्यवाही करते उनके खिलाफ ही विद्रोह होने लगा ! जम्मू कश्मीर के राज्यपाल आज तक वोहरा जी है और उन्हें अपना मुंह न खोलने की कीमत पर कांग्रेस व एनसीपी ने मिल कर राज्यपाल बनाया और अब क्या कारण है की मोदी सरकार भी उन्हें उसी पद विराजमान रखे हुए है !

महाराष्ट्र में एनसीपी ने कांग्रेस से जो गठबंधन तोडा है वो तो बस ड्रामा उसके पीछे कई राज हैं और भाजपा को शिवसेना से गठबंधन भी तोड़ना था !

मैंने जो भी बातें लिखी हैं डंके की चोट पर लिखी हैं और मैंने कुछ भी मन-गड़ंत कहानी नहीं लिखी है अपितु साक्ष्यों के आधार पर लिखा है ! बहुत कुछ तो मैंने लिखा ही नहीं है और मुझे पता है की यदि ये बाते मैंने प्रेस के माध्यम से लिखी होती तो मेरी जान को खतरा हो सकता है ! आज के इस लेख से बहुत लोगों के पेट में दर्द शुरू हो जायेगा ! भारत की जनता तय करे की राष्ट्रद्रोहियों के साथ क्या किया जाय !

भारत माता की जय ! जय हिन्दू राष्ट्र ! वन्देमातरम !