Thursday, October 24, 2013

मुस्लिम चरमपंथी हिन्‍दू व हिन्‍दू संगठनों को समूल नष्‍ट करना चाहते हैं

डॉ0 संतोष राय की कलम से 

कर्णाटक हिन्दू-महासभा के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का पुलिस द्वारा मुस्लिम चरमपंथीओं के दबाब में उत्पीड़न जारी !

बैंगलोर,24/10/13।  स्वामी प्रणवानन्दरामा जो की हिन्दू-महासभा की कर्नाटक राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हैं उन्होंने घोषणा की थी 5000 हिन्दू महासभा के युवा कार्यकर्ताओं को खड्ग (छोटी तलवार) रखने की दीक्षा दी जाएगी जिससे युवाओं में राष्ट्र रक्षा की प्रेरणा मिलेगी, यह घोषणा उन्होंने 15 सितम्बर 2013 को मँगलोर (दक्षिण कन्नडा जिला) में की थी और उस कार्यक्रम में राज्य के प्रदेश अध्यक्ष श्री श्रवण रायकर, दक्षिण कन्नड़ विभागीय मंत्री श्री हरीश आचार्य, जिला अध्यक्ष श्री राजेश पुजारी, हिन्दू युवक सभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश श्रीनिवासमूर्ति व हिन्दू युवक सभा के राज्य महामंत्री श्री लोहित कुमार भी थे तथा इन सभी के विरुद्ध "मुस्लिम-लीग", "पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया", "PUCL", "कम्युनिस्ट पार्टी" व "कौमी सौहार्द वेदिके" ने बन्दर पुलिस स्टेशन, मंगलौर में शिकायत दर्ज करवाई और कहा की हिन्दू-महासभा व उपरोक्त लोग राज्य का कौमी सौहार्द ख़राब कर रहे हैं अतः इन सभी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाय !


पिछले कई दिनों से बन्दर पुलिस स्टेशन मंगलौर के पुलिस अधिकारी इन सभी को गिरफ्तार करने के लिए छापामारी कर रहे हैं और और जब  बन्दर पुलिस स्टेशन के उप-पुलिस निरीक्षक श्री राम कृष्ण से मो. न. 09480805345 व निरीक्षक श्री मंजूनाथ शेट्टी से मो. न. 09480805338 पर हिन्‍दू महासभा के वरिष्‍ठ नेता डॉ0 संतोष राय ने बात की व पूछा कि  ऐसा आप किसके कहने पर कर रहे हैं और हिन्दू-महासभा ने किस कानून का उल्लंघन किया है, क्या खड्ग दीक्षा देना अपराध है जबकि खड्ग का उल्लेख मार्कंडेय पुराण व सिखों के धर्म ग्रन्थ दशम-ग्रन्थ के नौवें अध्याय में आता है तो दोनों अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे व कहने लगे की उन पर बहुत दबाब है।  जबकि उपरोक्त सभी हिन्दू-महासभाईयों की पूर्व जमानत की सुनवाई न्यायलय में 24 अक्तूबर को है और इससे पहले राज्य सरकार गिरफ्तार करने के लिए ऐसी घृणित कार्यवाही कर रही है।  हिन्‍दू महासभा ने इन  अधिकारियों को  कह दिया है कि  हिन्दू-महासभा अपने कार्यकार्ताओं के लिए किसी स्तर तक जा सकती है !

सभी हिन्दू-महासभाईओं एवं अन्य हिन्दू प्रेमियों से हिन्‍दू महासभा ने अनुरोध किया है कि वे पुरजोर से सेकुलर आतंकवादी सरकार की ऐसी कार्यवाही का विरोध करें।
जो संगठन हिन्‍दू महासभा को विरोध कर रहे हैं उनके बारे में भी जानें :
सनद रहे कि मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के प्रतिबन्धित इस्लामी संगठन सिमी से रिश्ते हैं। इस बात का खुलासा खुफिया एजेंसियों की एक विशेष  रिपोर्ट से हुआ है। जबकि ये संगठन पिछड़े और अल्पसंख्यकों के हक के लिए लड़ने का खम ठोंकते हैं।  लेकिन ये संगठन अपनी आतंकी  गतिविधियों की वजह से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है।

खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये संगठन देशविरोधी गतिविधियों में शामिल है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछड़े और अल्पसंख्यकों को सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक मदद पहुंचाने के नाम पर ये संगठन अपने खतरनाक जेहादी  मंसूबों को अंजाम देने में जुटा है।

सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत और  चिंता की बात ये है कि इस संगठन से जुड़े अस्सी से नब्बे फीसदी लोगों के तार या तो खाड़ी देशों से या फिर विदेशों से जुड़े हैं। सारी फंडिंग वहीं से हो रही है।

इनके बारे में टीवी चैनल आईबीएन 7 के पास खुफिया दस्तावेजों की एक रिपोर्ट मौजूद है जिसे देश की बड़ी खुफिया एजेंसियों ने तैयार किया है। इसमें साफ साफ लिखा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के तार सिमी जैसे संगठन से जुड़े हैं। इस रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि ये संगठन देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। ऐसे में सवाल ये है कि भला ऐसे संगठन की रैली में मुलायम सिंह यादव क्यों शामिल होते हैं। कहीं वो वोटों के लालच में परोक्ष रूप में आतंकवाद को तो बढ़ावा नही दे रहे हैं?

उपरोक्‍त चैनल के मुताबिक भले ही मुलायम नहीं जानते होंलेकिन खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों को धारदार हथियारों से लेकर क्रूड बम और यहां तक कि आईईडी बनाने और उसके इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी गई है। उन्हें ये ट्रेनिंग केरल में दी गई और इसमें देश के अलग-अलग राज्यों के लोग शामिल हुए। मालूम हो कि केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में भी इस संगठन का नाम सामने आया था। हालांकि पॉपुलर फ्रंट अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों से इंकार कर रहा है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया देश के और राज्यों में भी खास समुदाय के संवेदनशील मुद्दों को उठाकर जनसमर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है। इसे विदेशों से भी काफी पैसे मिल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ये संगठन नक्सलियों से भी गठजोड़ की कोशिश में लगा हुआ है।

पीएफआई की गतिविधियां कभी दक्षिण भारत तक सीमित थीं। लेकिन अब इस संगठन ने अपने पैर देश के दूसरे हिस्सों में भी पसारने शुरू कर दिए हैं। हाल ही में इस संगठन ने अपना मुख्यालय दिल्ली शिफ्ट कर लिया है। ऐसे में राजधानी दिल्ली की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

इतना होने के बाद भी ये संगठन हिन्‍दुओं व हिन्‍दू महासभा के एक कार्यक्रम खड्ग पूजन व खड्ग (छोटी तलवार) रखने की दीक्षा जैसे सनातन परंपरा जो राष्‍ट्र हित में  हैउसे तोड़ने के लिये जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं।