Wednesday, December 28, 2011

हिन्दू महासभा के मंच को विहिप ने किया हाईजैक


मनोज वर्णवाल की विशेष रिपोर्ट

अखिल भारत हिन्दू महासभा ने पाकिस्तान से आये हुये 151 हिन्दुओं के लिये स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में 25/12/2011 के दिन रविवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस उपलक्ष्य पर इन हिन्दुओं का धार्मिक एवं यज्ञोपवित संस्कार किया गया, और हिन्दू महासभा ने कई प्रमुख संतों को आमंत्रित किया था। इस कार्यक्रम की प्रमुख सहयोगी संस्था भारत स्वामिभान ट्रस्ट भी थी।
यज्ञ के दौरान विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय केन्द्रीय मंत्री डॉ0 सुरेन्द्र जैन का अचानक बिन बुलाये पदार्पण होता है और वे हिन्दू महासभा द्वारा बनाये गये संतों के मंच पर बिना अनुमति के ही आकर बैठ जाते हैं। डॉ. सुरेन्द्र जैन के सहयोगी मंच के संचालकों एवं आयोजकों की अनुमति के बिना उनकी उपस्थिति की घोषणा करते हुए राजनीतिक भाषण देना शुरू कर देते हैं। वहां उपस्थित हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह मंच पर बैठे संतों एवं इस यज्ञ का अपमान है और यदि आप सहयोगी बनना चाहते हैं तो आपको इस यज्ञ में सम्मिलित होना पड़ेगा। इतना ही नही विश्व हिन्दू परिषद के लोगों ने वहां आकर पूरे कार्यक्रम की विडियोग्राफी की और अपने प्रेस नोट तथा वक्तव्य में विहिप का कार्यक्रम बताकर जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया। विडियोग्राफी को इतने बारीकी से किया गया कि हिन्दू महासभा का बैनर न दिखे और उस फोटो को सारे मीडिया में भेजकर यह प्रचार किया जा रहा कि विहिप पाकिस्तानी हिन्दुओं के लिये जैसे अपनी जान निकाल कर रख दे रही हो। मगर विहिप जैसे संगठन के लोग ऐसी छिछोरी हरकत करेंगे यह बात किसी से हजम नही हो पा रही है। 
हिन्दू महासभा के पदाधिकारी महज वाहवाही पाने के लिए विहिप द्वारा मंच हाईजैक करने की कवायद से काफी दुःखी हुए। इस बारे में हिन्दू महासभा ने विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय पदाधिकारियों से संपर्क कर अपना विरोध जताया। तदुपरांत हिन्दू महासभा के स्वागताध्यक्ष डॉ0 संतोष राय ने इस मसले पर विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि विहिप के महासचिव डॉ0 सुरेन्द्र जैन व मीडिया प्रमुख विनोद बंसल इस तरह अखिल भारत हिन्‍दू महासभा के मंच को हाईजैक कर व मीडिया में प्रेस- विज्ञप्ति जारी कर समूचे देश व विश्व को दिग्भ्रिमित कर रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता प्रवीण भाई तोगड़िया को चंद विहिप नेताओं द्वारा मंच हाईजैक के सारे मामले का पता चलने पर वे भी सुरेन्द्र जैन व विनोद बंसल की इस ओछी हरकत पर बहुत दुःखी हुये और खेद जताया।
हमें सूत्रों से ज्ञात हुआ कि संघ और उसके आनुषंगिक संगठनों का हिन्दू महासभा के साथ काफी पुराना मतभेद है। हिन्दू महासभा संघ को कांग्रेस का दुमछल्ला मानती है। यहां तक कि नाथूराम गोडसे को हिन्दू महासभा एक क्रांतिकारी व देशभक्त मानती है वहीं संघ गोडसे को गांधी का हत्यारा मानती है। यही नही कई बार हिन्दू महासभा के प्रत्याशी चुनाव में खड़े होकर भाजपा को चुनौती भी देते हैं।
यही नही जब हमने अपने स्तर पर विहिप से जानकारी हासिल की तो वे हिन्दू महासभा को एक उग्र हिन्दू संगठन मानते हैं, और इनसे दूरी बनाकर रखते हैं। जब हमने नाहर सिंह (जिसके यहां 151 पाकिस्तानी हिन्दू ठहरे हैं) से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि मैं और मेरा परिवार हिन्दू महासभा से जुड़ा है और जहां तक पाकिस्तान से आये हिन्दुओं का मुकदमा हिन्दू महासभा ही लड़ रही है। जबकि विनोद बंसल नें पूरे देश के मीडिया को एक विज्ञप्ति भेजकर यह बताया कि नाहर सिंह विश्व हिन्दू परिषद  का कार्यकर्ता है। विहिप को यह पच नही पा रहा है कि 151 हिन्दुओं का मामला हिन्दू महासभा अपने हाथ में कैसे ले लिया।
लेकिन मेरा मानना है कि कुछ संगठनों को राजनीति करना अच्छा लगता है कुछ को सिर्फ काम करना। आज संघ और विहिप ऐसे ही हो गये हैं, उनके लिये किसी हिन्दू मसले पर राजनीति करना ज्यादा अच्छा लगता है और यह उनके लिये फायदेमंद भी होता है। यानी हाथी के दांत खाने के और होते हैं और दिखाने के और। सच्चाई यह है कि राममंदिर के नाम पर भारत के एक-एक गांव से व पूरे विश्व के हिन्दुओं से चंदा विश्व हिन्दू परिषद व संघ ने वसूला और मुकदमा अखिल भारत हिन्दू महासभा लड़ रही है। करोड़ों रूपये संघ व विहिप ने मंदिर के चंदों को डकार गये और आज इनके  प्रचारक सिर्फ तोंद फूलाकर विश्राम करते नजर आते है। संघी भाईयों का सिर्फ तीन काम प्रमुख रह गया हैः भोजन, बैठक और विश्राम।
ज्ञात रहे कि मालेगांव बम विस्फोट के सभी आरोपी एवं समझौता एक्सप्रेस रेल कांड के आरोपी स्वामी असीमानंद को कानूनी सहायता हिन्दू महासभा के लोग दे रहे हैं।

 हमें यह भी ज्ञात हुआ कि  हिन्दू महासभा के लोग डायरेक्ट एक्शन में विश्वास करते हैं। इसी प्रकार यदि सचमुच में संघ और विश्व हिन्दू परिषद पाकिस्तान से आये हिन्दुओं को यहां बसाना चाहते हैं तो उनके मसले को कोर्ट में क्‍यों नही ले गये। हकीकत यह है कि विहिप और संघ पाकिस्तान से आये हिन्दुओं से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करवाकर मीडिया में उछालकर अपनी फोटो खिंचवाकर राजनीति करना चाहते थे, जो पाकिस्तानी हिन्दुओं के लिये बहुत आत्मघाती होता। क्योंकि ऐसे में केन्द्र में हिन्दू विरोधी सरकार कभी भी इन 151 पाकिस्तानी हिन्दुओं को पाकिस्तान डिपोर्ट कर सकती थी।
सूत्रों से यह ज्ञात हुआ कि हिन्दू महासभा इन 151 पाकिस्तानी हिन्दुओं का मीडिया में उछालने का विरोध करती रही क्योंकि ऐसे में सरकार अपना नुकसान देख उनको देश निकाला का फरमान जारी कर सकती थी और उन पाकिस्तानी हिन्दुओं की पहचान मीडिया में आने से उनके व उनके रिश्तेदारों को जान का भी खतरा पाकिस्तान में और बढ़ जाता।
मगर सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनायेंगे का चुनाव के समय नारा देने वाले संघी भाईयों को राम पर हमेंशा राजनीति की है। और आज भी हिन्दुत्व के नाम पर एक न एक सियासी चालें ही चल रहे हैं। आज हिन्दुओं के हित की बात गौड़ हो गयी है इन संगठनों के लिये सत्ता तक पहुंचना ही मुख्य हो गया है। शेर के मुंह में एक बार जब खून लग जाता है तो वह भूखा रहने पर अपने बच्चों को खाने से गुरेज नही करता।

विश्‍व हिन्‍दू परिषद ने जो मीडिया को झूठी विज्ञप्ति

व एडिटेड  तस्‍वीर भेजी  थी वो  इस प्रकार है:

प्रेस विज्ञप्ति
पाक हिन्दुओं को निकाला गया तो होगा प्रचण्ड आन्दोलन : विहिप (पाकिस्तान से आये हिन्दुओं के लिए विहिप ने किया यज्ञ-सत्संग का आयोजन)
नई दिल्ली दिसम्बर 25, 2011। पाकिस्तान व बंग्लादेश में प्रताडित हो रहे हिन्दुओं के प्रति भारत सरकार का उदासीन रवैया हिन्दू समाज के प्रति घोर अन्याय है। विहिप के केन्द्रीय मंत्री डा सुरेन्द्र जैन ने आज दक्षिणी दिल्ली के बिजबासन मे रह रहे पाक से आए हिन्दुओं के साथ हवन यज्ञ व सत्संग में भाग लेकर कहा कि भारत हिन्दू धर्म की जन्म स्थली है इसलिए संपूर्ण विश्व का हिन्दू जब भी संकट में होता है, वह भारत की ओर आशा भरी निगाह से देखता है। उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान से पीडित और प्रताडित होकर आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान करने की कार्यवाही तुरन्त प्रारम्भ करनी चाहिए। सरकार को आडे हाथों लेते हुए उन्होंने चेताया कि यदि किसी ने इन्हे भारत से बाहर करने का दुस्साहस किया तो इसके विरोध में एक प्रचण्ड आन्दोलन खडा किया जएगा।डा सुरेन्द्र जैन ने कहा कि पाकिस्तान के हिन्दुओं के प्रति भारत सरकार का नैतिक और संवैधानिक दायित्व बनता है। नेहरू-लियाकत पैक्ट के अनुसार पाकिस्तान व बंग्लादेश में रह रहे हिन्दुओं के हितों की रक्षा करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है। आज पाकिस्तान में हिन्दुओं का कत्लेआम हो रहा है, उनकी सम्पत्ति और लडकियां छीनी जा रही हैं। उन्होंने मांग की कि भारत में पाक से जान बचाकर आए हिन्दुओं के पुनर्स्थापन की व्यबस्था भारत सरकार को करनी चाहिए। सरकार अपनी जिम्मेदारी समझे या न समझे, विश्व हिन्दू परिषद अपने दायित्व को समझती है। हमने पहले भी पाक से आए हिन्दुओं को यहां बसाया है। अब भी विहिप इसके लिए संकल्पबद्ध है। विहिप इनके लिए रोजी रोटी की व्यबस्था करेगा तथा भारत में इन्हें बसाने हेतु हर संभव प्रयास करेगा। डा जैन ने यह भी कहा कि मुसलमानों की तकलीफ़ों की झूठी कहानियों पर आंसू बहाने बाली इस सरकार को हिन्दुओं के प्रति भी संवेदनशील होना चाहिए, इनको नागरिकता प्रदान करने की कार्यवाही तुरन्त प्रारम्भ करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि यदि किसी ने इन्हे भारत से बाहर करने का दुस्साहस किया तो इसके बिरोध में एक प्रचण्ड आन्दोलन खडा किया जाएगा।इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी रामानन्द रमते योगी जी महाराज, स्वामी करुणानन्द जी, स्वामी सुरेसानन्द जी तथा स्वामी राम मंगलदास जी, विहिप दिल्ली के महामन्त्री श्री सत्येन्द्र मोहन, उपाध्यक्ष श्री महावीर गुप्ता, मीडिया प्रमुख विनोद बंसल, विभाग मंत्री श्री शान्ती स्वरूप, जिला मंत्री श्री कमलेश शुक्ला, प्रसिद्ध समाज सेवी व विहिप कार्यकर्ता श्री नाहर सिंह व श्री राकेश पाण्डे सहित आदि अनेक लोग सामिल थे।
भवदीय
 विनोद बंसल मीडिया प्रमुख, इन्द्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद-दिल्ली संपर्क : 09810949109, 09899479267
साभार: क्रांति4पीपुल डॉट कॉम
लेखक क्रांति4पीपुल डॉट कॉम के संपादक हैं।

Saturday, December 24, 2011

तीन लाख से अधिक गैर मुसलमानों का बलात्‍कार हुआ था



अयोध्‍या प्रसाद त्रिपाठी


प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय

इस देश के महान राजनीतिज्ञ श्री चाणक्य ने कूटनीति का एक मूल सूत्र दिया था। वह है पड़ोसी राज्य तत्कालिक शत्रु होता है और पड़ोसी का पड़ोसी तत्कालिक मित्र। पूर्वी पाकिस्तान में आजादी की लड़ाई प्रारम्भ होते ही पाकिस्तान के याहया खान ने श्री लंका के रास्ते फौजी टुकड़ियां भेजनी शुरू कीं। कुल 1 लाख सैनिक गए। एक महामूर्ख भी समझ सकता था कि साधारण नागरिकों के रूप में ए इस्लामी जेहादी थे, जिन्हें गुप्त रूप से लंका के मार्ग से पूर्वी पाकिस्तान भेजा जा रहा था, जिसे भूतपूर्व बौद्ध और अब कैथोलिक लंका की प्रधानमंत्री भंडारनायक को फोन कर के बंद कराया जा सकता था। परंतु लुटेरे को लूट का माल चाहिए जिसे इस्लाम और समाजवाद ही दे सकता था; गैर मुसलमान तो इस लूट में रुकावट हैं अतः इस लूट की रुकावट को समाप्त कराना था और इस प्रकार गैर मुसलमान समाप्त कराए भी गए।
इंदिरा ने पाकिस्तान को हथियार और सैनिक भेजने दिए। बंगालियों का भयानक नरसंहार हुआ। फिर भी इंदिरा ने कुछ न किया। इस प्रकार बंगालियों को मरवा कर वह टैगोर के शांतिनिकेतन से निकाले जाने का बदला ले रही थी और वैदिक संस्कृति यानी लूट और दासता की विरोधी  संस्कृति को मिटाने की अहम् भूमिका भी निभा रही थी। इस प्रकार जब कोई तीस लाख गैर मुसलमान कत्ल हुए और 3 लाख से अधिक गैर मुसलमान महिलाओं का कुरआन के हुक्म से मुसलमान जारजों द्वारा बलात्कार हुआ और भारत शरणार्थियों से पट गया, तो उसे कार्यवाही करनी पड़ी। फिर भी उसने इस बात का ध्यान रखा कि पाकिस्तान को हराने का गौरव सिक्खों को नहीं मिलने दिया जाए। उसने बीच में पारसी मानेक शॉ को घुसेड़ दिया। मानेक शॉ को बाद में फील्ड मार्शल बना दिया गया। बनिया को क्षत्रियों पर राज्य करने के लिए नियुक्त कर दिया गया। क्या कभी किसी ने टाटा के रिश्तेदारों (फिरोजशाहों, नौरोजियों और मेहताओं आदि) को बंदूक चलाते देखा है? इस प्रकार जनरल नियाजी के नेतृत्व में उन 93 हजार अपराधी  अल्लाह के मुसलमानों के आत्म समर्पण का श्रेय इंदिरा ने ले लिया जो ब्यभिचार तो कर सकते थे पर बंदूक नहीं चला सकते थे, जो बलात्कार तो कर सकते थे पर बदला न ले सकते थे।
सिक्ख एक बार फिर वैदिक संस्कृति और देश के सम्मान की रक्षा के लिए काम आए। कश्मीर समस्या को हल करने का यह सिक्खों द्वारा दिया गया महान अवसर था, जिसको इंदिरा ने जान बूझ कर शिमला समझौते के आड़ में गवां दिया। जिस प्रकार राष्‍ट्रहंता मोहनदास करमचंद गांधी  ने कलकत्ता के नरसंहार के लिए उत्तरदायी सुहरावर्दी को दोषमुक्त ही घोषित नहीं किया बल्कि सम्मानित किया उसी प्रकार इंदिरा ने पाकिस्तानी सैनिकों को मात्र बिना शर्त छोड़ा ही नहीं बल्कि जेनेवा समझौते के अनुसार उनको खिला पिला कर स्वस्थ भी बनाया, उनके वेतन भी दिये और उनको कुरआन दे कर ससम्मान बिदा किया, जब कि पश्चिमी सीमा पर पकड़े गए मात्र 54 भारतीय युद्धबंदी छुड़ाए ही नहीं गए और उन्हें पाकिस्तान ने भयंकर यातनाएं दे कर समाप्त करा दिया। जिनका अपराध  यह था कि उन्होंने वैदिक सभ्यता केा समूल नष्ट करने से रोका। कश्मीर समस्या, जिसका समाधान 93 हजार सैनिकों को रिहा करने के बदले में आसानी से हो सकता था, को शिमला समझौते की आड़ में विफल कर दिया। आज इसी शिमला समझौते के गीत पाकिस्तान, यूके और अमेरिका ही नहीं - भाजपा भी गा रही है।
इंदिरा के वैवाहिक जीवन में, मुसलमान पति फिरोज ने अपने स्वाभाविक रुझान को स्पष्ट करना प्रारम्भ कर दिया। मुसलमान अपना स्वभाव कैसे बदल सकता है? राजीव के जन्म के बाद ही फिरोज स्वछंद औरतों के पीछे भागने लगा। अनहोनी होनी थी और हो गई। इंदिरा और फिरोज के वैवाहिक जीवन पर विराम लग गया। संजय तब तक पैदा नहीं हुआ था। जैसे को तैसे के तौर पर इंदिरा ने मेाहम्मद यूनुस, जो वर्षों आनन्द भवन में रह चुका था और नेहरू का पारिवारिक मित्र था, से शारीरिक संबंध  बनाना प्रारम्भ कर दिया, जिसके फलस्वरूप संजय पैदा हुआ। नेता जी सुभाष के कागजात राष्‍ट्रीय संग्रहालय में रखने के बजाए नेहरू के निर्देश पर यूनुस ही के कब्जे में रह गए। नेहरू को नेताजी के बारे में बहुत कुछ छिपाना था ताकि नेता जी के साथ क्या हुआ, देश के लोग न जान सकें।
जिन्होंने घ्यान से देखा होगा तो उन्हें ज्ञात होगा कि इंदिरा कितनी चतुराई से मुसलमानी पहनावा पहन कर इस्लामी राष्‍ट्रों की यात्रा करती थी। एक बार सऊदी अरबिया के सरकारी निमंत्रण पर एक इस्लामी प्रदर्शनी में इंदिरा वहां गई थी जब कि वहां मक्का मदीना शहरों में गैर मुसलमान घुस ही नहीं सकता। इसके पूर्व भी सऊदी अरबिया ने उसे काबा में बुलाया था। एक बार इंदिरा को न्यूयार्क, न्यूजर्सी और कनेक्टीकट के अनिवासी भारतीयों को संबोधित  करना था, जिसमें लगभग पचास हजार भारतीय एकत्र हुए थे, परंतु इंदिरा भाषण देने आई ही नहीं। किसी को पता न चला कि वह कहां गई। भारतीय निराश हो कर लौट गए। बाद में पता चला कि वह सऊदी अरबिया के निजी हेलीकाप्टर से इस्लामी प्रदर्शनी देखने स्मिथसोनियन चली गई थी। क्या कोई विश्वास करेगा?
क्रमश:
मानव रक्षा संघ प्रकाशन
अनुवादकः अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी
मूल लेखक: अरविंद घोष


नेहरू खान  वंश भाग -11

Thursday, December 22, 2011

गांधी वध हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने की थी संघ नें नहीं

डॉ0 संतोष राय


अखिल भारत हिन्दू महासभा के स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय नें अपने एक लिखित वक्तव्य में कहा कि कब तक हिन्दू विरोधी शक्तियां संघ पर आरोप लगाती रहेंगी कि संघ ने गांधी वध किया है, जबकि संघ हमेंशा यह कहता रहता है कि गांधी वध से हमारा कोई लेना-देना नही है, हमने गांधी वध नही किया है। डॉ0 संतोष राय ने अपने लिखित वक्तव्य में कहा कि गांधी वध अखिल भारत हिन्दू महासभा के कुछ निचले स्तर के कार्यकर्ताओं नें किया था। पं0 नाथूराम गोडसे व उनके कुछ सहयोगी हिन्दू महासभायी लोगों नें गांधी वध को सुनियोजित तरीके से किया। पं0 नाथूराम गोडसे व उनके मित्रों का संघ से कोई लेना-देना नही था।
अखिल भारत हिन्दू महासभा स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय ने आगे कहा कि यह सुनकर बहुत ही आश्चर्य होता है कि गांधी वध में संघ का हाथ है जबकि संघ ने कभी इसे स्वीकारा ही नही।
डॉ0 राय नंे अपने वक्तव्य में आगे कहा कि गांधी वध राष्ट्रहित में जरूरी था। क्योंकि गांधी के कारण ही भारत देश का सांप्रदायिक विभाजन हुआ। गांधी नें ही पाकिस्तान को 55 करोड़ रूपये देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। गांधी के कारण ही कश्मीर विवादित क्षेत्र बना, नेहरू जिसके पोषक थे। डॉ0 संतोष राय नें आगे कहा कि यदि गांधी वध न होता तो आज भारत-पाकिस्तान की सीमा नजफगढ़ होती।
डॉ0 राय नें हिन्दू विरोधी शक्तियों को चेतावनी देते हुये कहा कि ऐसी शक्तियां हमसे लड़कर दिखायें हम उनका करारा जवाब देंगे। उन्होंने आगे कहा कि गोडसे वैसे ही पूजनीय हैं जैसे भगतसिंह व अन्य क्रांतिकारी। हिन्दू विरोधी शक्तियां संघ को बेकार में बदनाम न करें।

Wednesday, December 21, 2011

पाकिस्तान से आये हुए हिन्दुओं पर अखिल भारत हिन्दू महासभा की विजय


अखिल भारत हिन्‍दू महासभा के अंतर्राष्‍ट्रीय संयोजक डाक्टर राकेश रंजन सिंह द्वारा दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय में प्रस्तुत याचिका में मुख्य न्यायमूर्ति ए0 के0 सीकरी के बेंच ने भारत सरकार को निर्देशित किया कि पकिस्तान से आये हुए हिन्दुओं को तब तक पकिस्तान नही भेजेंगे जब तक इस सन्दर्भ में माननीय न्यायलय का कोई आदेश नही आता है।और अगली सुनवाई का दिन 29 फरवरी,  2012 निश्चित किया गया है।

अतिरिक्त महान्यायवादी श्री अमरजीत सिंह चंडोक भारत सरकार की ओर  से प्रस्तुत हुए। अखिल भारत हिन्दू महासभा की ओर से प्रोफेसर भीम सिंह] बलदेव सिंह बिलोरिया और गौरव बंसल ने पकिस्तान से आये हुए हिन्दुओं का पक्ष न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किया। ] न्यायलय ने इनके पक्ष को सुन कर अगली सुनवाई का दिन 29 फरवरी, 2012 निश्चित किया।

ज्ञात रहे कि पाकिस्तान से आये हिन्दुओं के अधिकार की रक्षा एवं भारतीय नागरिकता प्राप्‍त   करने के प्रश्‍न पर अखिल भारत हिन्दू महासभा के अंर्तराष्ट्रीय संयोजक डॉ0 राकेश रंजन सिंह व अन्‍य पार्टी के वरिष्‍ठ पदाधिकारीगण  इस कार्य में काफी दिनों से संलग्‍न थे । वे चाहते थे कि इनका पुर्नस्थापन भारत देश में ही हो क्योंकि यदि ये पाकिस्तान जाते हैं तो इनका जीवित बच पाना मुश्किल है। पाकिस्तान से आये हिन्दुओं के कई रिश्तेदारों का अपहरण,  हत्या व उनकी मां-बहनों के साथ भी अमानवीय अत्याचार किया गया है। जिसके चलते ये पाकिस्तानी हिन्दू पाकिस्तान में जाना नही चाहते। हिन्‍दू महासभा पाकिस्‍तान से आये हुये शरणार्थी हिन्‍दुओं को हिन्‍दुस्‍थान की नागरिकता देकर रहेगी इसके लिये सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष किया जायेगा।

इस अवसर पर अखिल भारत हिन्दू महासभा के नेता डॉ0 संतोषराय,  बाबा पं0 नंद किशोर मिश्र,स्‍वामी केशवा नंद सरस्‍वती, दिल्‍ली प्रदेश अध्‍यक्ष कर्नल डीके कपूर, चौधरी नाहर सिंह, चौधरी अंग्रेज सिंह, जंगबहादुर क्षत्रिय, वीर रामनाथ लूथरा, अरूण कुमार गहलोत, चंद्रभान अग्रवाल,चौधरी रामशरण सिंह, शैलेंन्‍द्र प्रताप गहलौत आदि  ने खुशी अभिव्यक्त करते हुये पाकिस्तानी हिन्दुओं व डॉ0 राकेश रंजन  को धन्यवाद दिया व अदालत के आदेश पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त किया।

Tuesday, December 20, 2011

सारे मुसलमान हिन्दुओं की औलाद हैं




प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय


सारे मुसलमान हिन्दुओं की औलाद हैं ,

अल्लाह नाम की चीज कोई नहीं है .सब गढ़ा हुआ है, इसे पढ़े -----

स्व0 मौलाना मुफ्ती अब्दुल कयूम जालंधरी संस्कृत ,हिंदी,उर्दू ,...

फारसी व अंग्रेजी के जाने-माने विद्वान् थे। अपनी पुस्तक

"गीता और कुरआन "में उन्होंने निशंकोच स्वीकार किया है कि,

"कुरआन" की सैकड़ों आयतें गीता व उपनिषदों पर आधारित हैं।

मोलाना ने मुसलमानों के पूर्वजों पर भी काफी कुछ लिखा है ।

उनका कहना है कि इरानी "कुरुष " ,"कौरुष "व

अरबी कुरैश मूलत : महाभारत के युद्ध के बाद भारत से लापता उन

२४१६५ कौरव सैनिकों के वंसज हैं, जो मरने से बच गए थे।

अरब में कुरैशों के अतिरिक्त "केदार" व "कुरुछेत्र" कबीलों का इतिहास

भी इसी तथ्य को प्रमाणित करता है। कुरैश वंशीय खलीफा मामुनुर्र्शीद (८१३-८३५)

के शाशनकाल में निर्मित खलीफा का हरे रंग का चंद्रांकित झंडा भी इसी बात को सिद्ध करता है।

कौरव चंद्रवंशी थे और कौरव अपने आदि पुरुष के रूप में चंद्रमा को मानते थे।

यहाँ यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि इस्लामी झंडे में चंद्रमां के ऊपर "अल्लुज़ा" अर्ताथ शुक्र तारे

का चिन्ह,अरबों के कुलगुरू "शुक्राचार्य "का प्रतीक ही है।

भारत के कौरवों का सम्बन्ध शुक्राचार्य से छुपा नहीं है।

इसी प्रकार कुरआन में "आद "जाती का वर्णन है,

वास्तव में द्वारिका के जलमग्न होने पर जो यादव वंशी अरब में बस गए थे,

वे ही कालान्तर में "आद" कोम हुई।

अरब इतिहास के विश्वविख्यात विद्वान् प्रो० फिलिप के अनुसार २४वी सदी ईसा पूर्व में

"हिजाज़" (मक्का-मदीना) पर जग्गिसा (जगदीश) का शासन था।

२३५० ईसा पूर्व में शर्स्किन ने जग्गीसा को हराकर अंगेद नाम से

राजधानी बनाई। शर्स्किन वास्तव में नारामसिन अर्थार्त नरसिंह का ही बिगड़ा रूप है।

१००० ईसा पूर्व अन्गेद पर गणेश नामक राजा का राज्य था।

६ वी शताब्दी ईसा पूर्व हिजाज पर हारिस अथवा हरीस का शासन था।

१४वी सदी के विख्यात अरब इतिहासकार "अब्दुर्रहमान इब्ने खलदून "

की ४० से अधिक भाषा में अनुवादित पुस्तक "खलदून का मुकदमा" में लिखा है

कि ६६० इ० से १२५८ इ० तक "दमिश्क" व "बग़दाद" की हजारों मस्जिदों के निर्माण

में मिश्री,यूनानी व भारतीय वातुविदों ने सहयोग किया था। परम्परागत सपाट छत

वाली मस्जिदों के स्थान पर शिव पिंडी कि आकृति के गुम्बदों व उस

पर अष्ट दल कमल कि उलट उत्कीर्ण शैली इस्लाम को भारतीय वास्तुविदों की देन है।

इन्ही भारतीय वास्तुविदों ने "बैतूल हिक्मा" जैसे ग्रन्थाकार का निर्माण भी किया था।

अत: यदि इस्लाम वास्तव में यदि अपनी पहचान कि खोंज करना चाहता है तो उसे

इसी धरा ,संस्कृति व प्रागैतिहासिक ग्रंथों में स्वं को खोजना पड़ेगा.

आर्यावर्त वीर





सच मे जैचंद अभी भी है....


·        प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय
सच मे जैचंद अभी भी है....मोदी साहब बदमाश है भेडिये है तो इस देश मे सरीफ कोन है, कसाब, अफजल, मदनी या फिर इस देश के अपने आप को सेकुलर कहने वाले लोग...आज गुजरात आगे है तो सिर्फ मोदी जी की वजह से...मोदी जी के बारे मे बोलने से पहले सभी लोग गोधरा ट्रेन के बारे मे माफ़ी क्यं नहीं मांगते...क्या वो बच्चे अपराधी थे जिन्हें ट्रेन मे जला दिया गया....
१९४७ से अभी तक इतिहास गवाह है की इस कांग्रेस ने अपने फायदे के लिए हमेशा दंगे करवाए, उसके किसी लीडर को तो कोई बदमाश नहीं कहता, सरेआम सीखो को मरवा दिया क्या कसूर था उनका... मेरठ, भागलपुर, उर्रिसा, कर्नाटक, मुरादाबाद, आगरा, पीलीभीत, इन जगह के दंगो मे कोन मारा बताना जरुरी नहीं है... सबको पता है ... क्यं नहीं कांग्रेस नै माफ़ी मांगी, क्यं नहीं सब कांग्रेसियों को बदमाश चोर लुटेरा कहते...आज मोदी जी की तुलना कसाब से करते हो तो क्यं नहीं पहले कसाब, अफजल, नासिर मदनी और उन लाखो आतंकवादियो को फांसी देते जिन्होंने लाखो लोगो को मार डाला...जिस देश का खाते हो उसी पर भोकते हो.......तुम जैसे न कभी किसी के हो सकते हो न कभी किसी के होगे...ईमान, धर्म की बात करते हो तो आप लोगो ने अपने ही धर्म के लिए इतने देश क्यं बना रखे है..सभी को एक क्यों नहीं कर लेते.. क्यों नहीं कुवैत, दुबई या अरब की सीमायें समाप्त करा देते.. पहले अपने गिरबान मे देखो फिर किसी पर दोष लगाना...क्या आतंकवादियों ने किसी को नहीं मारा इस देश मे...अगर तुम अपने आप को भारतीय कहते हो तो चलो लड़ो उनकी फांसी के लिए करो आन्दोलन .
·          पर तुम ऐसा कर ही नहीं सकते...अत्याचार हमारे साथ हो तोह अच्छा हुआ कहते...तुम्हारे साथ हो जाये तो पेट मे दर्द सुरु हो जाता है ....जब लाखो लोगो को तुम्हारे पूर्वजो ने मार डाला, जबरदस्ती मुस्लमान बना डाला, मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बना डाला तब तो तुम लोग नहीं बोले...पर दर्द तभी क्यों होता है जब तुम लोगो के साथ ऐसा हो जाये...दो कोई जवाब की मुस्लमान इंडिया मे खुश है या पकिस्तान मे...पाकिस्तान मे आज भी तुम लोगो को मुजाहिर कहा जाता है, ...हमने कब किसी पर अपना धर्म थोपा है, हमने कब कोई झगडा सुरु किया है... इतिहास गवाह है की हमेशा हमे ही क़ुरबानी देनी पड़ी है... खुद भूके रहकर तुम्हे पला है.. दुनिया जानती है की हमने किया दिया है तुम लोगो को और बदले मे क्या दिया है तुम लोगो ने हमे, हमेशा डर मे जीते है हम लोग अपने ही देश मे पता नहीं कान्हा बोम्ब फट जाये, क्यों नहीं रोकते उन अतंकवादियो को जाकर के....जब १९४७ मे समझोता हो गया था की हिन्दू इंडिया मे रहेंगे, मुस्लमान पाकिस्तान मे रहेंगे तो अभी तक ६५ वर्षो से क्यों पड़े हो तुम लोग भारत मे, जाते क्यों नहीं हो अपने घर, नहीं जा पाओगे क्यंकि वंहा तुम्हे कुत्तो वाली जिन्दगी मिलेगी...नरक देखना है तो पाकिस्तान या बंगलादेश देख लो पता चल जायेगा की तुम कान्हा खुश रहोगे....
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अपने आप को सेकुलर कहकर गद्दार हिन्दुओ ने ही हमे पहले गुलाम बनाया था, इस बार भी सोच रहे है पर कामयाब नहीं होंगे, वाघेला की तारीफ करते हो...मोदी जी को कसाब बताते हो... शर्म नहीं आई अपने ही धर्म का सोदा करते हुए...इससे अच्छा...हा है की अपना धर्म बदल लो... भेड़िया मोदी जी नहीं तुम लोग हो जो अपने आप को सेकुलर कहते हो...क्यों दीपावली या होली मानते हो..ईद मनाओ खुश रहो उनके घर जाकर किसने रोका है पर हमे मत सिखाओ की कोन भेड़िया है और कोन शेर...
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फिर दाअद कोन था जिसने ५०० लोगो को अपनी हवास के लिए मार डाला मुंबई मे.. फिर कसाब कोन है जिसने २०० लोगो को सडको पर मार डाला ... अगर मोदी इंसानियत का कातिल है तो मदनी क्या है, क्या है अफजल, कश्मीर के दोषी कोन है बताओ जरा.. हजारो लोगो को मार डाला तुम्हारे धर्म के लोगो ने कश्मीर मे.. लाखो को बेघर कर दिया..वो इंसानियत के दुश्मन नहीं है....गोधरा मे बच्चो को जला दिया वो मस्जिद के मोलवी इंसानियत के दुश्मन नहीं है, मोदी जी क्या हाथ मे तलवार लेकर के मरने चले थे... जो वो कातिल है. सांप पर पैर रखोगे तो सांप काटेगा ही....
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