अश्वनी कुमार
प्रस्तुति: डॉ0 संतोष राय
साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक में बहुसंख्यक समुदाय के सदस्यों को दोषी माना जाएगा। बहुसंख्यक अर्थात हिन्दुओं को दोषी बनाने वाला शब्द है 'समूह'। विधेयक के प्रारूप में समूह की परिभाषा में इसका तात्पर्य पंथक या भाषायी अल्पसंख्यकों से है। इस कानून के अनुसार 'समूह' अर्थात् अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी सदस्य के खिलाफ किसी प्रकार का सामाजिक अपराध तो दंडनीय है मगर किसी भी अल्पसंख्यक द्वारा किसी बहुसंख्यक अर्थात हिन्दू पर किया गया साम्प्रदायिक अपराध दंडनीय नहीं माना जाएगा। विधेयक के प्रारूप में बहुसंख्यक हिन्दुओं को 'समूह' में नहीं लिया गया और इस कानून के नियम केवल इस कानून में परिभाषित 'समूह' के सदस्यों पर ही लागू होंगे।
भारतीय संविधान में किसी भी आरोपी को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक अदालत में उसका दोष सिद्ध नहीं हो जाता मगर इस कानून में किसी व्यक्ति पर आरोप लगाना है तो उसे तब तक दोषी माना जाएगा जब तक वह अपने को निर्दोष साबित नहीं कर देता।
- कानून में धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव क्यों किया गया?
- अपराध तो अपराध है चाहे वह किसी समुदाय के व्यक्ति ने किया हो।
- 21वीं शताब्दी में एक ऐसा कानून बनाया जा रहा है जिसमें किसी अपराधी की जाति और धर्म उसको अपराध से मुक्त ठहराता है।
- यह अंधा कानून है, काला कानून है।
विधेयक में साम्प्रदायिक सौहार्द, न्याय और क्षतिपूर्ति के लिए एक सात सदस्यीय राष्ट्रीय प्राधिकरण होगा। इन 7 सदस्यों में से कम से कम चार सदस्य (जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी शामिल हैं) समूह अर्थात् अल्पसंख्यक समुदाय से होंगे। इसी तरह का एक प्राधिकरण राज्यों के स्तर पर भी गठित होगा। अत: इस निकाय की सदस्यता धार्मिक और जातीय आधार के अनुसार होगी। इस कानून के तहत अभियुक्त केवल बहुसंख्यक समुदाय के ही होंगे। अधिनियम का अनुपालन एक ऐसी संस्था द्वारा किया जाएगा, जिसमें निश्चित ही बहुसंख्यक समुदाय के सदस्य अल्पमत में होंगे। सरकारों को इस प्राधिकरण को पुलिस और दूसरी जांच एजेंसियां उपलब्ध करानी होंगी। इस प्राधिकरण को किसी शिकायत पर जांच करने, किसी इमारत में घुसने, छापा मारने और खोजबीन करने का अधिकार होगा और वह कार्यवाही करने, अभियोजन के लिए कार्यवाही रिकार्ड करने के साथ-साथ सरकारों से सिफारिशें करने में भी सक्षम होगा। उसके पास सशस्त्र बलों से निपटने की शक्ति होगी। वह केन्द्र और राज्य सरकारों को परामर्श जारी कर सकेगा। इस प्राधिकरण के सदस्यों की नियुक्ति केन्द्रीय स्तर पर एक कोलेजियम द्वारा होगी, जिसमें प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रत्येक मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टी का एक नेता शामिल होगा। राज्यों के स्तर पर भी ऐसी ही व्यवस्था होगी। अत: केन्द्र और राज्यों में इस प्राधिकरण के गठन में विपक्ष की बात को तरजीह दी जायेगी।
इस अधिनियम के तहत जांच के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जाएगी वह असाधारण है। भारतीय दंड संहिता की धारा 161 के तहत कोई बयान दर्ज नहीं किया जायेगा। पीडि़त के बयान केवल धारा 164 के तहत होंगे अर्थात अदालतों के सामने। सरकार को इस कानून के तहत संदेशों और टेली-कम्युनिकेशन को बाधित करने और रोकने का अधिकार होगा। अधिनियम के खंड 74 के तहत यदि किसी व्यक्ति के ऊपर घृणा संबंधी प्रचार का आरोप लगता है तो उसे तब तक पूर्वधारणा के अनुसार दोषी माना जायेगा जब तक वह निर्दोष सिद्ध नहीं हो जाता। साफ है कि आरोप सबूत के समान होगा। इस विधेयक के खंड 67 के तहत लोकसेवकों के खिलाफ मामला चलाने के लिए सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। मुकद्दमे की कार्यवाही चलाने वाले विशेष सरकारी अभियोजन सत्य की सहायता के लिए नहीं, अपितु पीडि़त के हित में काम करेंगे। शिकायतकर्ता पीडि़त का नाम और उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। मामले की प्रगति रपट पुलिस शिकायतकर्ता को बताएगी। संगठित साम्प्रदायिक और किसी समुदाय को लक्ष्य बनाकर की जाने वाली हिंसा इस कानून के तहत राज्य के भीतर आन्तरिक उपद्रव के रूप में देखी जायेगी। इसका यह अर्थ है कि केन्द्र सरकार ऐसी दशा में अनुच्छेद 355 का इस्तेमाल कर संबंधित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने में सक्षम होगी। (क्रमश:)
Courtsey:
अश्वनी कुमार, सम्पादक (पंजाब केसरी)
दिनांक- 29-11-2011
1 comment:
when brahmin late rajiv gandhi married a christian foreign lady sonia gandhi of Italy.it is an open secret,now,that rahul gandhi has married an Australian girl,living in u.s.a.why rahul gandhi,is not disclosing his marriage.why he is still unmarried in a city like delhi,having so many beautiful girls of different brahmins,dalits,he is visiting so many dalits village.he could not find any dalit girl?rahul gandhi hates dalits,or indian girls.indian national congress,it seems that want to create differences, hatred,communal riots between hindu backwards(o.b.c.)&muslims.
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