डेमो पिक
रीता राय
इस देश के हिन्दुओं को अब यह आभास होने लगा है कि वे हिन्दुस्थान की धरती पर न रहकर मानो मुगलिया राज में जीने को अभिशप्त हो रहे हों, कभी उनको मंदिर में घंटे-घंटियां बजाने पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो कभी भजन-कीर्तन पर रोक लगाया जाना आम बात हो गयी है, जबकि मुसलमानों को सारे नियम-कानून से उपर रखा जा रहा है, वे लाडलस्पीकर लगाकर अजान करेंगे तो कोई भी कानून का उल्लंघन नही होता मगर हिंदू मंदिर में लाउडस्पीकर लगा लेकर भक्ति गीत सुनता है तो इसके लिये प्रशासन तुरंत सक्रिय होकर नियम-कानून की दुहाई देने लगता है। बड़े दु:ख की बात यह है कि शासन प्रशासन भी खुलकर तथाकथित धर्म निरपेक्ष दलों के इशारों पर इन कट्टरपंथी मुसलमानों का पक्ष ले रहा है।
हुआ यह कि दिनांक 20/02/2012 को राजनैतिक दलों ने तुष्टीकरण नीति के तहत मस्जिद के नाम पर एलाहाबाद में मोतीपार्क, बहादुरगंज सुलाकी स्वीट हाउस के नजदीक मुतवल्ली इलियास द्वारा धर्मान्धता फैलाते हुये मोती पार्क पर बलपूर्वक कब्जा करने की नियत से तथाकथित धर्म निरपेक्ष राजनैतिक दलों का समर्थन भी प्राप्त कर लिया है।
इतना ही नही धर्मांध मुतवल्ली अपने दबंग लड़कों के साथ मिलकर मस्जिद के सामने से गुजर रही सरकारी नाले को कब्जा करके सर्वप्रथम उसकी दिशा बदल दिया और अब उस नाले के सबूत को भी हटाने पर भी आमादा है, और इसके लिये दंगा करने के लिये पहले से ही तैयार बैठा है।
वहां के स्थानिय प्रबुद्ध हिन्दू नागरिकगण राजाबाबू राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, वीरेन्द्र गुप्ता, मालवीय जी बर्फवाले, सुनील कुमार दूबे आदि लोगों नें विरोध किया तो वहां के मुतवल्ली ने वहीं के वर्तमान सभासद के साथ मिलकर नव निर्मित दीवार को स्वयमेव गिराया और निर्दोष वहीं के हिन्दू नागरिक राजेश गुप्ता उर्फ राजाबाबू को जेल भेज दिया।
पुलिस प्रशासन की कार्यवाही भी केवल एक पक्ष से ही की गयी जबकि उस षणयंत्रकारी मुतवल्ली व सभासद पर किसी प्रकार की कार्यवाही नही की गयी। जबकि शासन-प्रशासन जानबूझकर आज तक अनभिज्ञ बना हुआ है, और घटनास्थल की वर्तमान स्थित आज भी तनावपूर्ण चल रही है। किसी भी समय किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना घट सकती है, हिन्दू-मुस्लिम में दंगे कभी भी हो सकते हैं।
प्रार्थीगण राजाबाबू आदि ने जब जमानत करा लिया तो अपने साथ हुयी एकपक्षीय कार्यवाही की हिन्दू महासभा वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष रीताराय को मौखिक रूप से अवगत कराया और घटनास्थल का मुआइना करने के लिये आमंत्रित किया। उपाध्यक्ष महोदया ने स्वयं जाकर संपूर्ण तथ्यों का अवलोकन किया जिसमें मुतवल्ली इलियास व वहां के वर्तमान सभासद शकील अहमद की कारगुजारी स्पष्टत: दृष्टिगोचर हुयी।
उपाध्यक्षा जी ने अन्य पड़ोसियों से भी जानकारी लिया तो पता चला कि मस्जिद का मुतवल्ली इलियास व सभासद शकील अहमद किसी भी समय लड्डू दारा, अरसद पटाखा वाले के साथ मिलकर अपने नाजायज कब्जे को लेकर धर्मांधता फैला सकते हैं व हिन्दू-मुस्लिम को भड़काकर एक युद्ध परिणित कर सकते हैं।
ज्ञात हो कि किसी भी परिस्थिति में कानूनी कार्य केवल एक पक्ष के साथ करना न्यायसंगत नही हो सकता, जबकि शासन-प्रशासन उक्त मुतवल्ली व सभासद के मंसूबे से पूर्व परिचित था। शासन-प्रशासन ने अपने कर्तव्य के पालन में घोर अनियमितता बरती, साथ में हिन्दू भाईयों के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किया गया, जो कि उनके प्रति घोर अन्याय व पूर्णरूपेण असंवैधानिक था।
अखिल भारत हिन्दू महासभा इस तरह के प्रशासनिक कृत्यों की घोर भर्त्सना करती है और आगाह करती है कि भविष्य में यदि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस प्रकार की लापरवाही की गयी तो हिन्दू महासभा एक विशाल जनांदोलन के लिये सड़क पर उतरने को मजबूर होगी।
आज इस तरह की घटना उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में ही नही बल्कि जहां-जहां मुसलमानों की जनसंख्या ज्यादा रहती है वहां इस तरह की घटना घटित होना एक आम बात हो गयी है। पहले मुसलमान जमीन को कब्जा करते हैं फिर कब्जायी जमीन को मस्जिद या दरगाह में बदल देते हैं और बाद में जब जमीन के मालिक इस पर आवाज उठाते हैं तो मुसलमान हो हल्ला मचाना शुरू कर देते हैं कि बेवजह मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है, उनके मस्जिद, दरगाह को क्षति पहुंचायी जा रही है।
इस तरह के भ्रामक समाचार को फैलाकर ये मुस्लिम माहौल को जहरीला बनाकर दंगे कराने में सफल हो जाते हैं, और शासन-प्रशासन भी चंद वोटों के लिये पक्षपात करने पर आमादा हो जाता है, यदि इसी तरह हिन्दुओं के साथ अन्याय होता रहा तो उसे अपने हक के लिये निर्णायक लड़ायी लड़नी पड़ेगी।
सावधान हिन्दुओं! ये मुगलिया दस्तक है, इस समय हिन्दुओं को अपने आंख और कान दोनों खोल लेना चाहिये वर्ना बुरे परिणाम भोगने के लिये पहले से ही तैयार हो जाना चाहिये।
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