Monday, March 14, 2011

Rahul is Rapist????


 ऋतु चटर्जी                                          

3 दिसम्बर 2006 अमेठी इलाके में शराब के नशे में द्युत राहुल गांधी और उसके दोस्तो ने 24 वर्षीय सुकन्या को वी.आई.पी गेस्ट हाउस में बुलाकर उसे जबरन शराब पिलाई और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। सुकन्या अपने बचाव में मदद के लिए चीखी चिल्लाई पर वहां मौजूद सुरक्षाकर्मीयों ने बहरे बने रहने में ही अपनी भलाई समझी। घटना के तुरन्त बाद जब सुकन्या और उसकी मां एफ.आई.आर दर्ज कराने पुलिस मुख्यालय पहुंचे तो वहां अधिकारियों ने उसे षिकायत दर्ज न कराने और चुप रहने की सलाह दी। अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ता श्री बलराम सिंह की बेटी जो राहुल को भईया कहती थी उसी के साथ ऐसा दुष्कर्म करने वाले राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के सदस्य होने के साथ यूथ कांग्रेस पार्टी के प्रमुख प्रतिनिधी भी हैं। जिन्हें जानकारी नही उन्हें बता दें कि राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार की पांचवीं पीढ़ी हैं और कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी उर्फ मिसेज एन्टोनिया माइनो गांधी के पुत्र हैं और सुकन्या अमेठी 23-12 मेडिकल चैक संजय गांधी मार्ग की रहने वाली है।इस अमानवीय घटना के बाद सुकन्या ने अमेठी के स्थानीय लोगों से मदद की गुहार लगाई पर कांग्रसी गुण्डों के डर से कोई भी मदद को तैयार नही हुआ। कांग्रेसी गुण्डों जिन्हें कार्यकर्ता का नाम दिया गया है उनके विषय में अमेठी ही क्या समस्त रायबरेली क्षेत्र में सभी जानते हैं। स्थानीय पुलिस सबकुछ जानते हुए भी अपंगों की तरह देखती रह गई। सुकन्या और उसकी मां को लोगों से मदद मांगने, थाने में रिर्पोट दर्ज करने की बेकार कोषिष के बाद जब एक प्रेस कांफ्रेन्स में सुकन्या की मां सुमित्रा देवी ने बयान दिया तब कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने दोनों मां-बेटी पर शारीरिक अत्याचार किये और बुरी तरह धमकाया। 27 दिसंबर 2006 को जब सुकन्या और उसकी मां ने सोनिया गांधी से मिलने किसी प्रकार दिल्ली पहुंचे तो सोनिया गांधी ने उनसे मिलने से मना कर दिया, हारकर सुकन्या ने अपनी षिकायत मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराई जहां केवल षिकायत लिख कर उन्हें वापस भेज दिया गया। इसके बाद सुकन्या के पिता ने उसे बुरी तरह पीटा और अपनी मां के साथ भाग जाने को कहा क्यूंकि कांग्रेसी कार्यकर्ता जंगली कुत्तों की तरह सुकन्या को जान से मारने के लिए खोज रहे थे। करीब 1000 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का दल उस रात पूरे क्षेत्र के एक-एक घर की तलाषी लेता रहा और लोगों को धमकाते रहे कि कोई भी इस बारे में अपना मंुह न खोले ऐसा करने पर जान से मार दिया जाएगा।स्थानीय मीडिया और न्यूज चैनल वालों ने तो थोड़ी बहुत कोषिष भी की, कि इस बारे में कुछ जानकारी हासिल की जाए लेकिन स्थानीय रहवासियों और पुलिस वालों ने किसी भी सवाल का जवाब देने से साफ मना कर दिया पर बडे़ स्तर की मीडिया ने चुप्पी साध ली। ये पैसे का दबाव था, बड़ा फायदा दिलाने का लालच या चैनल-अखबार का लाईसेन्स रद्द करने की धमकी जो भी हो मीडिया भी चूहे की तरह बिल में घुस गई। भारतीय मीडिया जिसकी मिसाल दी जाती है वो इतना डर गई कि गूंगी हो गई, ऐसी कौन सी ताकत है गांधी परिवार के पास कि अंग्रेजों की तरह उसने समस्त सरकारी विभागों, मीडिया और आम जनता को अपना गुलाम बना लिया है।लखनऊ में मौजूद सूत्रों और जानकारों से मालूम हुआ कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को यह स्पष्ट आदेष दिए गए थे कि सुकन्या और उसकी मां को देखते ही जान से मार दिया जाए इससे पहले कि वे पार्टी अध्यक्ष या किसी और से मदद मांग सके। यू.पी. के सातों सीमा रेखाओं, चेकपोस्ट और पूरी दिल्ली में कार्यकर्ताओं को सुकन्या की तस्वीरें दे दी गई। खबर यह भी मिली कि यू.पी. के कुछ कांग्रेसी विधायकों पर कांग्रेस हाईकमान से भारी दबाव में इन मां-बेटी को खोज कर आवष्यक कार्यवाही को अंजाम देने की बात कही गई और इनाम की घोषणा भी की गई। सुकन्या और उसकी मां सुमित्रा के बारे में 16.1.2007 रात 10 बजे तक आखिरी खबर यही मिली कि वो हरियाणा में अपने किसी रिष्तेदार के घर में छुपे हुए हैं उसके बाद से यह पूरा परिवार गायब है। सुकन्या के पिता श्री बलराम सिंह 4 जनवरी 2007 के बाद से नही देखे गए या तो उन्हें गायब कर दिया गया है या फिर जान से मार दिया गया है। इस घटना के बाद राहुल गांधी पर कई बार मुकदमा दायर हुआ पर हर बार अस्वस्थता या चोटिल हो जाने का बहाना बनाकर राहुल बचते रहे। हाल ही में लखनऊ हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अषोक पाण्डे ने सुकन्या बलात्कार के इस मामले को लेकर राहुल गांधी पर मुकदमा दायर किया है, जिसकी सुनवाई सोमवार 7 मार्च 2011 को होनी थी।

Courtsey: http://www.mediaclubofindia.com/

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