Friday, March 25, 2011

हरम :हरामकारी और हरामखोरी !

 

बी.एन. शर्मा                      प्रस्तुति: डॉ. संतोष राय
सारे मुस्लिम हमलावर जब भारत में आये तो अपने साथ इस्लामी तहजीब के यह सद्गुण भी लेते आये .कुछ हलावर तो लूट मार करके और मंदिरों को तोड़कर चले गए .लेकिन बाबर के बाद जितने उसके वंशज थे सब भारत में बस गए .यह जितने भी बादशाह थे सब अपने को इस्लाम का सच्चा अनुयायी और मुहम्मद को अपना आदर्श मानते थे .और कुरआन के आदेशानुसार जेहाद को धार्मिक कर्तव्य मानते थे .क्योंकि कुरआन में कहा गया है कि-


"ईमान वालों का जिहाद करना अल्लाह की नजर में सबसे प्यारा काम होता है .सूरा अत तौबा -9 :24

"जो जिहाद करता है अल्लाह उसका मरतबा उंचा कर देता है .सूरा अत तौबा -9 :22

यही कारण है कि इन सभी जेहादिओं के नाम में "उद्दीन "और मुहम्मद शब्द जरूर है .इसका अर्थ होता है मुहम्मद का दीन या धर्म .उदाहरण -

1 -मुहम्मद कासिम :इमामुद्दीन 2 -बाबर :जहीरुदीन 3 हुमायूं :नसीरुद्दीन 4 -अकबर :जलालुद्दीन 5 -जहांगीर :नूरुद्दीन 6 -शाहजहाँ :शिहाबुद्दीन और इसी तरह से 7 -औरगाजेब :मुहीउद्दीन नाम है .बाद में यह लोग जितने हिन्दुओं को मुसलमान बनाते ,या क़त्ल करते ,और जितने जादा मंदिर तोड़ते थे तो अपने नाम के आगे "गाजी "शब्द भी जोड़ लेते थे .इसका अर्थ है काफिरों को नष्ट करने वाला .

चूंकि कुरआन में जेहादिओं के लिए जन्नत में बड़े बड़े लालच दिए गए हैं .और इस दुनिया में भी सुख भोग का वादा किया है .इन जेहादिओं का लूट में मुख्य निशाना औरतें होती थी .क्योंकि जन्नत में औरतों की कोई कमी नहीं होगी .

इसलिए मुस्लिम बादशाह राजा सुलेमान से जादा औरतें रखना चाहते थे .सुलेमान की एक हजार औरते और रखें थीं .मुसलमान सलमान को नबी भी मानते है .कुरआन में भी इसका जिक्र है ,और बेबी में भी -बाइबिल -राजा 1 अध्याय 11 आयत 1 से 3 सलमान की 700 पत्निया और तीन सौ रखेलें थीं .वैसे तो इस्लाम में सिर्फ चार औरते रकने का हुक्म है .लेकिन पकड़ी गयी ,और लूटी गयी ,और खरीदी गयी दासिओं पर संख्या का कोई प्रतिबन्ध नही है ऎसी औरतों को कनीजें या लौंडियाँ कहा जता था .इनसे सहवास करना हलाल है -देखिये कुरआन का आदेश -

1 -अपनी पत्नियों के आलावा जो औरतें तुम्हारे मिल्कित में हैं ,उनसे सहवास निंदनीय नहीं .सूरा अल मोमिनीन -23 :5 -6

2 -जो लोंडिया तुम्हारी मिल्कत है ,उस से सहवास करो .सूरा अल मारिज 70 :29


3 -तुमने जो लोंडीयां माले गनीमत में लूटी हैं अल्लाह ने तम्हारे लिए हलाल कर दिया है.सूरा अल अहजाब -33 :52

4 -इसके बाद भी अगर और औरतें लाओ तो तुम्हारे लिए जायज और हलाल हैं.जो पसंद नहीं उन्हें बदल लो .सूर अल अहजाब 33 :52

कुरआन से यह आजादी मिल जाने से बादशाह बड़ी संख्या में औरतें जमा करके हरम में कैद कर लेते थे .जो युद्ध में पकड़ी या उठावाई जाती थीं .अकबर जब 26 साल का था ,उसके हरम में 5000 रखेलें थी और जहांगीर की 6600 रखेलें थी .शाह जहां के हरम का खर्चा प्रति वर्ष एक करोड़ था .मालवा के शासक गियासुदीन के हरम में 15 हजार औरतें थी .जिनका बंदोबस्त के लिए हब्शी और तुर्की औरतों के आलावा हिजड़ों की तीन टुकड़ियां थी .हरेक में 500 रक्षक थे

इतने बड़े हरम का खर्चा उठाने के लिए अक्सर हिन्दुओं से तरह तरह से रुपया वसूला जाता था .जो रूपया देने में असमर्थ होते थे ,उनकी जवान सुन्दर लड़कियां जनान खाने के कम में लगा दी जाती थीं.

बादशाह उन औरतों से जो बच्चे पैदा करते थे वे हिजड़े बना दिए जाते थे या बेच दिए जाते थे.

अपनी काम वासना को बढाने के लिए बादशाह कई तरह के माजून और कुश्ते खाते थे .खाने के लिए कबूतर ,मुर्गे ,और तीतर के मास के अलावा हिरन के बच्चे का गोश्त पकाया जाता था .

वैसे इस्लाम में शराब हराम है ,पर कई बादशाह शराब पीते थे .जहांगीर भरे दरबार में नूर जहां से जाम लेकर शराब पीताथा.कुछ शाहोंको अफीम की लत थी ..

सारे बादशाह अपने हरम को जन्नत का नमूना बनाना चाहते थे जैसा कुरान में जन्नत का वर्णन है.दरबार में आये दिन नाच होता रहता था जो औरत नाच अच्छा करती थी उसे इनाम के साथ एक ख़ास नाम दे दिया जाता था जैसे अनारकली .गुलनार,बादाम चश्म .नाजुक बदन ,और सुखचैन आदि ऎसी एक तवायफ लालकुंवर को जहांदार शाह ने दिल्ली कि गद्दी पर बिठाया था .और हाथी पर बिठा कर सारी दिल्ली में घुमाया था.

मुसलमान औरंगजेब कोएक नमाजी और धार्मिक बताते हैं .लेकिन जब दाख्खिन के सफ़र पर बुरहानपुर गया था तो उसे हीराबाई नामकी ताफयाफ़ पसंद आगयी .जो बुरहानपुर के सूबेदार सैफखान की रखेल थी .सैफखान औरगाजेब की मौसी का लड़का था .उसने हीरा बाई अरंगाजेब के हवाले कर दी .जिसे औरंगजेब आगरा लाया और उसका नाम छतरबाई रख दिया

कई मुस्लिम समलैंगिक सेक्स के शौकीन थे .क्योंकि कुरआन में लिखा है कि जानत में सुदर लड़के भी मिलेंगे जिन्हें "गिलमा"कहा जाता है इसलिए कुरआन के हुक्म का पालन करने के लिए अकबर के समय सिंध का सूबेदार "मिर्जा गाजीबेग "छोटे लड़कों को उठावा लेता था .

मुग़ल हिन्दुओं से इसलिए शादी करते थे कि वे जानते थे राजपूत दहेज़ में काफी धन देते हैं.जब राजा भगवान सिंह ने अपनी लड़की सलीम से व्याही थी दो सलीम दे दो करोड़ सोने की अशर्फियाँ दहेज़ में ली थी .इसी तरह राजा अजीत सिंह ने अपनी बेटी की शादी में भी दो करोड़ दिए थे

ये सारे मुग़ल कट्टर सुन्नी और धर्मांध थे .अकबर को लोग अकबर महान कहते है ,लेकिन वह औरंगजेब से भी हिन्दू द्रोही और क्रूर था

इसके बारे में अगली पोस्टों में देंगे .

1 comment:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

इतने बड़े हरम का खर्चा उठाने के लिए अक्सर गैर हिन्दुओं से तरह तरह से रुपया वसूला जाता था .जो रूपया देने में असमर्थ होते थे ,उनकी जवान सुन्दर लड़कियां जनान खाने के कम में लगा दी जाती थीं.
ye kya typing mistake hai?