Saturday, March 12, 2011

दशोपदेश


बी.एन. शर्मा                   प्रस्तुति: डॉ. संतोष राय

 

कुछ समय पूर्व हमारे प्रबुद्ध पाठकों और मित्रों ने आग्रह किया था कि हमें वर्त्तमान स्तिथियों में धर्म और देश के लिए क्या करना चाहिए इसके लिए संक्षिप्त में दिशा निर्देश दिए जाएँ तो उचित होगा .उन मित्रों के आग्रह का सम्मान करते हुए "दशोपदेश "के नाम से यह दस सुझाव दिए जा रहे हैं .मेरा अनुरोध है कि इसे अपने इष्ट मित्रों तक पहुँचाने का कष्ट करें ,ताकि इन पर अमल हो सके .




विश्व का शायद ही कोई ऐसा देश होगा जो ,इस्लामी जिहादी आतंकवाद से प्रभावित और पीड़ित नहीं हो .लेकिन भारत एकमात्र देश है जो ,लगभग पिछले एक हजार सालों से मुसलमानों के हर प्रकार के अन्याय और अत्याचारों को बर्दाश्त कर रहा है .और उनके कारण अनेकों समस्यायों का सामना कर रहा है.जबकि यह बात अच्छी तरह से साबित हो चुकी है कि,देश की हरेक समस्या की जड़ मुसलमान ही हैं .लेकिन जब इन अराष्ट्रीय मुसलमानों के साथ क्षद्म सेकुलर भी शामिल हो जाते हैं तो ,समस्याएं और भी विकराल रूप धारण कर लेती हैं .

कुछ समय पूर्व कुछ ऐसे ही सेकुलर लोगों ने मुझ से सवाल किया था कि,क्या आपको इस्लाम के आलावा कोई दूसरा विषय नहीं मिला ?,जो आप केवल इस्लाम की आलोचना करते रहते हैं .आप भ्रष्टाचार ,गरीबी ,और भाईचारे के बारे में क्यों नहीं लिखते ?.देश में पचासों विषय हैं ,जिनपर सैकड़ों ब्लागर अपने विचार प्रकट कर रहे है .

मेरा उन सेकुलर मित्रों से निवेदन है की वह जरा गंभीरता से विचार करें तो पता चलेगा की देश की जितनी समस्याएं है ,वह एक पेड़ की शाखाओं की तरह हैं .जो देखने में अलग अलग प्रतीत होती हैं .लेकिन उसकी जड़ इस्लाम और मुसलमान ही हैं .क्या यह सेकुलर लोग बता सकते हैं कि जब भी हिन्दू अपने किसी धार्मिक कार्य ,या उत्सव का आयोजन करते हैं तो पुलिस बंदोबस्त की जरुरत क्यों पड़ती है .क्या चीन ,जापान और रूस से हिन्दुओं को कोई खतरा है .सेकुलर लोग जबतक इस सच्चाई को स्वीकार नहीं करते कि हमें इसी देश के मुसलमानों से ही खतरा है ,तबतक देश से भ्रष्टाचार ,गरीबी और आतंकवाद का निर्मूलन संभव नहीं है .यदि विश्लेषण किया जाये तो पता चलेगा कि इन समस्यायों के पीछे मुसलमान ही हैं .

एक समय था जब देशप्रेम को अपना धर्म मानते थे .और देश के लिए सबकुछ त्याग करने को अपना सौभाग्य समझते थे .लेकिन जब कुछ स्वार्थी नेताओं ने मुसलमानों के वोटों की खातिर देशभक्ति के स्थान पर सेकुलरिज्म को संविधान में अनिवार्य कर दिया तो ,तो लोगों की देशप्रेम से अनास्था होने लगी .और लोग लालची और स्वार्थी हो गए .आप देखेंगे कि जितने भी भ्रष्टाचारी हैं ,उनमे अधिकाँश खुद को सेकुलर कहते हैं .और जितने भी सेकुलर हैं ,सब वर्णसंकर हैं .और सब में मुसलमानों का खून जरुर होगा .इसी लिए बाबा रामदेव ने कहा था कि इन सभी भ्रष्ट नेताओं का NDA टेस्ट किया जाना चाहिए .भ्रष्टाचार और मुसलमानों का चोली दामन का साथ है .चाहे वह हसन अली हो ,चाहे सभी खान नामके अभिनेता हों .

गरीबी का कारण भी मुसलमान ही हैं .इन्ही के कारण सुरक्षा के लिए अरबों रूपया प्रति वर्ष खर्च किया जाता है .कश्मीर के हरेक व्यक्ति पर दस हजार रूपया सब्सीडी दी जाती है .हज ,मदरसा ,और वक्फ बोर्ड के लिए हिन्दुओं के टेक्स से रूपया दिया जाता है .

मुसलमान और अंगरेज भारत को लूटने के लिए आये थे .लेकिन अंगरेजों ने देश के लिए रेल ,टेलीफोन ,रोड ,पुल ,जैसी कई सुविधाएँ दी थी .फिर भी उनको विदेशी होने के कारण देश से निकाल दिया गया .परन्तु मुसलमानों ने देश को मजारों ,दरगाहों ,कब्रों और मस्जिदों के आलावा क्या दिया है .जिनके कारण अक्सर फसाद होते रहते हैं .जो लोग कहते है कि देश कि आजादी में मुसलमानों ने योगदान दिया था ,वह नादान है.बड़ी मुश्किल से ऐसे तीस लोगों के नाम मिलेंगे जिन्होंनेदेश की आजादी के लिए योगदान दिया हो .सब खिलाफत आन्दोलन से जुड़े थे .फिर भी मुसलमान देश की संपत्ति पर अपना हिस्सा मंगाते है .पाकिस्तान लेकर भी इनका पेट नहीं भरा है .

मुसलमान अपने लिए पांच प्रतिशत आरक्षण चाहते हैं ,लेकिन यह बात नहीं बताते कि कितने प्रतिशत मुसलमान अपराधों में संलग्न है .


मुसलमान इस देश पर नहीं ,बल्कि विश्व के ऊपर एक बोझ है ,हमें यह बोझ जल्द ही उतरना होगा .नहीं तो इस बोझ के नीचे हम दबकर मर जायेंगे .इसके लिए हमें यह उपाय करना होंगे -

1 -धर्म निरपेक्ष नहीं धार्मिक बनें

यदि धर्मनिरपेक्षता का तात्पर्य भारत में उत्पन्न सभी मतों ,सम्प्रदायों और धर्मों का सामान रूप से आदर करना है ,तो हिन्दू ,जैन ,बौद्ध और सिख सवाभाविक रूप से धर्मनिरपेक्ष हैं .उनको कानून बना कर धर्मनिरपेक्ष बनाना तोते को हरे रंग से रंगने के समान है.और यदि बहार से आये लुटेरों के जिहादी विचारों को धर्मनिरपेक्षता के नाम पर जबरन थोपा जाये तो ,हमें ऐसी धर्मनिरपेक्षता की जगह धार्मिक होना अधिक पसंद है .हमारे किसी भी धर्मग्रंथ में धर्मनिरपेक्ष शब्द का कहीं भी उल्लेख नहीं है .यह कृत्रिम शब्द है ,जिसे मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए बनाया गया है .

2 -जिहादी विचारों का खंडन करें

हमें इस कटु सत्य को स्वीकार करना ही होगा कि,हरेक मुसलमान कैसा भी हो ,कहीं भी हो ,वह गैर मुस्लिमों को मुसलमान बनाने के लिए प्रयास करता रहता है .और जो भी यह कार्य करते हैं उनसे सहानुभूति रखता है .चाहे वह आतंकवादी क्यों नहीं हों .अकसर मुसलमान अपना आतंकी रूप छुपकर भाईचारा ,आपसी सौहार्द ,और गंगाजमुनी तहजीब के बहाने हिन्दुओं को गुमराह करते है ,और अपने लिए रास्ता बनाते है ,और इसके लिए हर प्रकार के साधनों प् उपयोग करके इस्लाम का दुष्प्रचार लरते है .इसलिए इनके झूठे प्रचार का मुंह तोड़ जवाब देना जरुरी है .और उनका तर्कपूर्ण खंडन किया जाना चाहिए .हिन्दुओं को चाहिए कि .वह किसी मजार,दरगाह ,और औलिया फकीरों के पास नहीं जाएँ .औरन उनपर आस्था प्रकट करें .इससे धर्म परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है .याद रखिये इसी या मुसलमान बनने जातिवाद तो मिटता नहीं है ,उलटे हिन्दू अराष्ट्रीय बन जाते है .जैसा कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने कहा है .इसलिए हरेक प्रकार से धर्म परिवर्तन का विरोध करें.और हिन्दू लड़कियों को मुसलमानों के जाल में फ़साने से बचाएं .मुल्ले मुस्लिम लड़कों को हिन्दू लड़कियों को फ़साने के लिए उत्साहित करते है .

3 -सशक्त और संगठित बनें

मुस्लिम जिहादी अक्सर हिन्दू धर्म स्थानों और हिन्दुओं को इसलिए अपना निशाना बनाते हैं ,क्योंकि वह समझते हैं कि हिन्दू अपने बचाव के लिए सरकार से गुहार करेंगे .और सरकार हिन्दू विरोधी है .और वोटों कि खातिर मुसलमानों का ही पक्ष लेगी .यही कारण है कि जिहादियों के हौसले बढे हुए है .यदि हिन्दू शक्तिशाली ,निडर और सशस्त्र हो जाएँ तो जिहादियों को कुछ करने से पूर्व सौ बार सोचना पड़ेगा .इसलिए हरेक मोहल्ले में मंदिरों के साथ साथ व्यायाम शालाये बनवाई जाएँ .जिस से प्रशिक्षित युवा मंदिरों और मोहल्ले कि रक्षा कर सकें हरेक हिन्दू घर सायुध और सन्नद्ध होना चाहिए .

4 -जातिभेद मिटायें सभी हिन्दू श्रेष्ठ हैं

यद्यपि भारत में कई संप्रदाय ,धर्म और जातियां मौजूद हैं ,लेकिन जब भी मुसलमान दंगा करते है ,तो वह बिना किसी जाति या गोत्र का भेद किये सभी को हिन्दू मानकर उनकी हत्याएं कर देते है ,चाहे वह जैन हो या बौद्ध हो .और चाहे उसका कोई भी गोत्र हो .इसलिए हमें इस भेदभाव को भूलकर एकजुट हो जाना चाहिए .भारत में वर्ण व्यवस्था जरुर है ,लेकिन वर्ण विद्वेष के लिए कोई स्थान नहीं है .हारे अवतार राम ,कृष्ण ,बुद्ध महावीर ब्राह्मण नहीं थे .और न वाल्मीकि ,व्यास ही ब्राह्मण थे .भारत में उत्पन सभी धर्मों के लोग ही इस देश के वास्तविक उत्तराधिकारी हैं .और यही लोग विश्व की सर्वश्रेष्ठ जाति है .जो बहार आये हुए हमलावरों की संतानें हैं उनका इस देश पर कोई अधिकार नहीं होना चाहिए .लुटेरा सिर्फ लुटेरा होता है .चाहे वह दस साल से इस देश में रहता हो ,चाहे हजार साल से रहता हो .

इसलिए हिन्दुओं को चाहिए कि किसी भी दशा में अपनी जमीने ,खेत ,मकान,दुकान आदि नतो विधर्मी लोगों को बेचें और न किराये पर दें .ताकि उस जगह पर मज़ार,कब्र ,दरगाह और मस्जिद न बन सके .क्योंकि यही झगड़े का कारण होते हैं .और यही आतंकवादियों के शरण स्थल होते हैं .अक्सर इन्हीं जगहों में हथियार छुपाये जाते हैं .यहीं से भडकाऊ भाषण दिए जाते हैं .हिन्दू अपने मोहल्ले की मजारों ,दरगाहों आदि की गतिविधियों पर नजर रखें .जो लोग उर्दू जानते हैं तो वह इस स्थानों पर चिपकाए गए और वितरित किये गए पर्चों को जरुर पढ़ें .क्योंकि उन पर्चों के द्वारा मुसलमानों को गुप्त निर्देश दिए जाते हैं .यदि आप किसी खबर को पाहिले हिंदी या अंगरेजी अखबार में पढ़ें ,फिर उसे उर्दू अखबार में पढ़ें आपको सच्चाई का पता चल जाएगा .

5 -धर्म प्रचार का तरीका बदलें

देश भर में सालभर कहीं न कहीं धार्मिक आयोजन होते रहते हैं ,जिनमे कई विद्वान् संत महात्मा ,रामायण ,भागवत की कथाये संगीत के साथ सुनाते रहते हैं .जिसको सुनने के लिए लाखों लोग जमा हो जाते है .और कई लोग संगीत की धुन पर नाचने भी लगते हैं .ऐसे प्रवचनकार सिर्फ लोगों का मनोरंजन ही कर सकते है .और लोगों का परलोक सुधार सकते हैं .लेकिन अपने भक्तों को इस्लामी आतंक से लड़ने की प्रेरणा नहीं दे सकते .और न हिन्दुओं को सिक्खों की तरह योद्धा बना सकते हैं .

इसीलिए जब भी कोई संस्था या व्यक्ति कहीं पर धार्मिक आयोजन कराये ,तो ऐसे ओजस्वी और प्रखर वक्ता को जरुर बुलाये जो अपने तेजस्वी व्याख्यानों से धार्मिक कथाओं के साथ हिन्दुओं पर किये गए अत्याचारों लोगों का ध्यान खींचे .जिससे लोगों का धर्म के प्रति रुझान बढे और इस्लामी आतंक से नफ़रत पैदा हो .यदि ऐसा नहीं हुआ तो एकदिन धीमे धीमे यह धर्म की दुकानें बंद हो जाएँगी .और इन तथाकथित संतों के सिर्फ वृद्ध लोग ही अनुयायी रह जायेंगे .युवा पीढ़ी या तो धर्म विमुख हो जाएगी या सेकुलर बन जाएगी .हमें समझ लेना चाहिए कि सेकुलर होना ईसाई या मुसलमान होने की पहिली सीढ़ी होती है .सेकुलर का अर्थ है हिन्दू धर्म से अनास्था .इसलिए जरुरी है कि हिन्दुओं को सेकुलर बनने के हर तरह के उपाय किये जाएँ .

6 -दान का सार्थक उपयोग करें

कुछ लोग यह समझते हैं कि ,मंदिरों ,और देव प्रतिमाओं पर क्विंटलों सोना चांदी और हीरे मोती चढ़ा देने से ईश्वर उनसे अधिक प्रसन्न होगा .और उनको सबसे बड़ा धार्मिक होने का प्रमाणपत्र दे देगा .यह उन दान देने वालों की भूल है .इस तरह से लोग आतंकवादियों और लुटेरों को न्योता देते हैं .जिसका भगवान अरबपति और भक्त निर्धन हों वह मंदिर या देवता कभी सुरक्षित नहीं रह सकता .यह इतिहास से साबित होता है .इन दान दाताओं को चाहिए की वह उन संस्थाओं ,समूहों और व्यक्तियों को दान दें जो इस्लामी आतंक के विरुद्ध काम कर रहे हों .देश धर्म की रक्षा के लिए समर्पित हो .यदि ऐसे लोगों को आर्थिक सहायता दी जाये तो यही लोग इतने समर्थ और शक्तिशाली हो जायेगे कि इसी भी विधर्मी की मंदिरों की तरफ कुद्रष्टि डालने की हिम्मत नहीं होगी .

7 -प्रचार क्षेत्र बढायें

आजकल कम्प्यूटर लोगों से संपर्क बढाने और अपना सन्देश लोगों तक पँहुचाने का सशक्त माध्यम है .सभी हिन्दू ब्लागरों को चाहिए कि वह आपस में अपने विचारों का आदान प्रदान करते रहें .मुस्लिम ब्लागरों के दुष्प्रचार का तर्क पूर्ण खंडन करते रहें .और अपने क्षेत्र में जिहादी विचारों को फैलने से रोकें .और अपने लेखों से हिन्दुओं को सचेत करते रहें .यदि किसी के मोहल्ले में कोई जिहादी प्रचार कर रहा हो तो ,उसकी जानकारी अपने सभी मित्रों को जरुर दें .सभी हिन्दू ब्लागर आपस में संपर्क बनाये रखें और एक दुसरे के लेखों को पढ़ते रहें .

8 -हिन्दू लड़कियों को सावधान करें

मुसलमान लडके अपने नाम बदल कर हिन्दू लड़कियों को अपने जाल में फंसा लेते हैं .और यातो उनको रखेल बना कर रख लेते हैं ,या उनका आतंकी कामों में इस्तेमाल करते हैं .बाद में यह मूर्ख लड़कियाँ न घर की रहती हैं न घाट की .अक्सर जो हिन्दू लड़की किसी मुसलमान अभिनेता को अपना आदर्श मानती है ,वह मुसलमानों के जाल में जल्दी फस जाती है .हिन्दू लड़कियों को बताया जाये कि मुल्लों ने हिन्दू लड़कियों को फ़साने के लिए लव जिहाद के नामसे बाकायदा एक अभियान चला रखा है .यदि कोई मुस्लिम लड़का हिन्दू लड़की को फसा लेता है तो .उसे मुल्ले इनाम देते हैं .यह जितने भी खान नामके अभिनेता हैं सब पाकिस्तान के एजेंट हैं .हिन्दू लड़कियों को चाहिए कि इन अभिनेताओं न तो अपना आदर्श मानें और न इनकी प्रसंशा करें .हिन्दू माता पिता अपनी लड़कियों को मुसलमानों के जाल में नहीं फसने दें .हिन्दुओं को चाहिए कि मुस्लिम लड़को को ऐसा सबक सिखाये कि वह किसी हिन्दू लड़की पर नजर भी नहीं उठा सके .

9 -अज्ञान का निर्मूलन करें

आज हमारी युवा शक्ति में अपने धर्म ग्रंथों ,अपने गौरवशाली इतिहास और अपने पूर्वजों द्वारा किये गए महान कार्यों के बारे में जानकारी का आभाव होता जा रहा है .कई ऐसे हिन्दू हैं जिन्हें अपने धर्म ग्रंथों के नाम भी पता नहीं है .शायद ही किसी के घर में वेद .उपनिषद् मौजूद हों .लोग जब मरने लगते हैं तब गीता सुनाई जाती है .यह दुर्भाग्य कि बात है .इसके कारण नयी पीढ़ी के युवा धर्म से विमुख होते जा रहे है .और ईसाइयों और मुसलमानों के प्रभाव में आ जाते है .और धर्म परिवर्तन कर लेते है .धर्म ग्रंथों की सही जानकारी न होने से हिदू ढोंगी .पाखंडी .धूर्त ,चालाक बाबा तांत्रिक लोगों के चक्कर में पड़ जाते हैं .और पाखण्ड को ही धर्म समझते हैं

हमें चाहिए कि हरेक हिन्दू परिवार के घर प्रमाणिक सदग्रंथ मौजूद हो .जिसका नियमित अर्थ सहित पठन होता रहे .और लोग अपने बच्चों को भी अर्थ बता दिया करें .यदि संभव हो तो कुछ लोग मिलकर किसी जगह हिन्दू ,जैन ,बौद्ध और सिख धर्मों की पुस्तकों को रखाव दें जिस से लोगों का ज्ञान वर्धन होता रहे .ज्ञान के बिना हम पाखण्ड को नहीं मिटा सकते .और न ईसाई और मुसलमानों का तर्कपूर्ण जवाब दे सकते हैं



10 -केवल देशहित को लक्ष्य बनायें

हमारा एकमात्र लक्ष्य अपने देश और धर्म की रक्षा करना होना चाहिए .और इस पवित्र देश में लुटेरों की औलाद को अपनी जड़ें ज़माने और भारत को इस्लामी देश बनाने रोकना होना चाहिए .और इसके लिए हर साधन का प्रयोग करना चाहिए .हमें किसी भी दशा में अपने उद्देश्यों से नहीं हटना चाहिए .इसीलिए हमें उसी दल या संगठन का सहयोग करना चाहिए ,जिसने सार्वजनिक रूप से देश और हिन्दू धर्म के प्रति निष्ठां और प्रतिबद्धता घोषित कर रखी हो.हमें क्षद्म सेकुलर और मुस्लिम तुष्टिकरण के समर्थक वर्णसंकर लोगों से दूर रहना चाहिए .

मेरा विश्वास है कि इस दशोपदेश में दिए गए सुझावों से हमारे मित्र और पाठक सहमत होंगे .हो सकता है मेरे विचारों के प्रस्तुत करने का ढंग किसी को ठीक न लगे ,लेकिन मेरे उद्देश्य में किसी को शंका नहीं करना चाहिए .

यही देहि आज्ञा तुरक को खपाऊं,गौऊ घात को पाप जग सें मिटाऊँ .

Coutsey : www.bhandafodu.blogspot.com

1 comment:

Unknown said...

आपके विचारो से सहमत हूँ धर्म का सही और प्रथम अर्थ सच्ची देशभक्ति ही है जिसके लिये हमारे वर्तमान महान साधु संतो को प्रयास करना चहिये क्योकि इनका प्रभाव व्यापक है