Tuesday, March 27, 2012

ये है दिल्‍ली पुलिस का असली घिनौना चेहरा


गोल मार्केट, दिल्‍ली। दिल्‍ली पुलिस सदैव आपके साथ का नारा देने वाली की तस्‍वीर कुछ अलग ही हैं, हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं। हुआ यूं आज दिनांक 27 मार्च, 2012 को करीब सुबह 10:55 पर गोल मार्केट सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सामने सड़क की पटरी पर खड़े मारूती सुजुकी कार जिसका नंबर डी0 एल0 5 सी एच 6160 था, के पास कूड़े के ढेर के में आग लग गई
 धीरे-धीरे कूड़े के ढेर में सुलगती आग ऐसी दशा में पहुंच गयी की वो  कार के बीच का हिस्‍सा अपने चपेट में लेने लगी, कि इतने में किसी की नजर आग पर पड़ गयी, बहुत से दुकानदार पानी की बाल्‍टी लेकर आग को बुझाया मगर फिर भी आग पूरी तरह बुझ नही पायी। 


कार के नीचे से धुंआ निकलना बंद नही हुआ। वहीं पर नौकरी कर रहे आर0 के0 गुप्‍ता ने वहां खड़ी पुलिस की जिप्‍सी जिसका नं0 डी0एल0 आई0सी0जे0 4714 था, से मिन्‍नतें की कि थोड़ी आप मदद कर दे, जिससे आग पर काबू पाया जा सके तो पुलिस जिप्‍सी के ड्राइवर ने कहा कि हम क्‍या मदद करें क्‍या हम पानी लेकर बुझायें, ड्राइवर के बगल में बैठा पुलिस भी किसी तरह की मदद करने से इंकार कर दिया।


जरा सोचें कि दिल्‍ली पुलिस किस तरह की असंवेदनशील है यदि कार में आग लग जाती तो आस-पास के कार में भी आग लग जाती, एक भारी क्षति हो सकती थी मगर भला हो वहां के दुकानदारों का जिनकी मदद से आग को बुझाया गया। बाद में स्‍थानिय पुलिस भी आ गई मगर ये जिप्‍सी के पुलिस के कान पर जैसे कोई जूं ही नही रेंगा हो। जिस देश के पुलिस ऐसे हो भला वो देश कैसे आगे बढ़ेगा। पुलिस के नाते न सही मानवता के नाते कुछ वेा सक्रिय हो सकता था, मगर वो ऐसा नही किया।

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