सत्यवादी प्रस्तुति: डॉ0 संतोष राय
इस्लामी मान्यता के अनुसार अल्लाह प्रथ्वी से फाफी ऊपर सातवें आसमान पर रहता है .और वहां पर एक भव्य सिंहासन(अर्श ) पर विराजमान होकर अपना शासन चलाता रहता है .और प्रथ्वी के लोगों का मार्ग दर्शन करने और सचेत करने के लिए प्रथ्वी पर अपने दूत (ambasador ) या प्रतनिधि खड़े कर देता है . जिन्हें नबी ,या पैगम्बर ( Prophets ) कहा जाता है .अल्लाह अपने इन नबियों से फरिश्तों के माध्यम से या सीधे संपर्क में बना रहता है .फिर यह नबी अल्लाह का सन्देश ,या आदेश लोगों तक पहुंचाते रहते हैं .यद्यपि कुरान में सभी नबियों को समान माना गया है ,और उनमे किसी प्रकार का विभेद या अंतर करने से मना किया है ,लेकिन कुतर्की ,और चालक मुल्ले इन नबियों में कृत्रिम रूप से अंतर करते हैं . इनका उदेश्य मुहम्मद को नबियों में सर्वोपरि और इस्लाम को सर्वश्रेष्ठ धर्म साबित करना होता है .इसके लिए इन मूलों ने एक चाल चली ,और मुहम्मद को अंतिम रसूल बताना शरू कर दिया . बाद में कुछ मक्कार ब्लोगरों ने हिन्दुओंको गुमराह करने के लिए मुहम्मद को अंतिम अवतार भी घोषित कर दिया .यहाँ पर कुरान और प्रमाणिक हदीसों के आधार पर ऐसे तथाकथित मुस्लिम विद्वानों और ब्लोगरों के इस दावे का भंडाफोड़ किया जा रहा जो मुहम्मद को अंतिम रसूल या अंतिम अवतार बताते हैं ,देखिये
1- सभी नबी समान हैं
अल्लाह की नजर में उसके सभी नबी समान हैं ,और उनमे किसी तरह का विभेद करना अल्लाह के आदेश का उल्लंघन है .कुरान में कहा है ,
"जो दूसरे सभी नबियों को और जो उनके रब की ओर से मिली (नबूवत ) उनमे किसी के बीच में अंतर (distinction ) नहीं करते और हम उसी के आज्ञाकारी हैं . सूरा -बकरा 2 :136 और सूरा -आले इमरान -3 :84
2-औरतें नबी क्यों नहीं बन सकती
लेकिन औरतों के नबी नहीं बनने पर हदीसों में जो तर्क दिया है वह बिलकुल अवैज्ञानिक और महिला विरोधी है .इस से मुल्लों की मानसिकता का पता चलता है ,देखिये .-
सईदुल खुदरी ने कहा की औरतों का दर्जा पुरुष से आधा होता है ,और उनमे सोचने की शक्ति का आभाव होता है (defiiciency in mind ) होती है
बुखारी -जिल्द 3 किताब 48 हदीस 826
"इब्ने अब्बास ने कहा कि रसूल ने कहा औरतों के ईमान में आभाव होता है ,क्योंकि मासिक के कारण वह अशुद्ध होती रहती है ,और उनकी बुद्धि भी कम होती .इसी लिए वह नबी नहीं हो सकती " बुखारी -जिल्द 1 किताब 6 हदीस 301
3-नबी के लिए योग्यता
नबी बनने के लिए किसी खास योग्यता की जरुरत नहीं होती है .अल्लाह जिसे चाहे उसे नबी बना देता था ,जैसे नूह की नाव में जितने भी लोग सवार हो सके थे सभी नबी बन गए थे .कुरान में कहा है
"नूह के साथ जितने भी लोग उनकी नाव में सवार हुए थे ,अल्लाह ने उन पर कृपा की और वे सब नबी बनाये गए "सूरा-मरयम 19 :58
4-नबी सचेतक और मार्गदर्शक हैं
इस्लामी मान्यता के अनुसार अल्लाह ने आदम से लेकर मुहम्मद तक हरेक देश और जाति के किये नबी या सचेतक भेजे है ,जो लोगों का मार्गदर्शन करते थे .इनको कुरान में नजीर या हादी भी कहा गया है .कुरान में कहा है ,
"ऐसा कोई गिरोह नहीं हुआ जिसमे कोई सचेत करने वाला ( नजीरنذيرٌ )नहीं आया हो "सूरा -फातिर 35 :24
"और हरेक जाति के लिए एक मार्ग दिखाने वाला ( हादीهادٍ ) हुआ है "सूरा -रअद 13 :7
यह सभी नबी कोई नया धर्म नहीं चलाते थे ,बल्कि उस देश की रीतियों का पालन कराते थे .जैसा कुरान में लिखा है ,
"हमने हरेक गिरोह के लिए इबादत के लिए रीति ( मनसक منسك)बनायीं है ,जिस पर यह लोग चलते हैं ,हे मुहम्मद तुम उनसे इस विषय में झगडा नहीं करो "
सूरा -अल हज्ज -22 :67
" हे मुहम्मद हमने तो तुम्हें केवल शुभ सूचना देने वाला ( बशीर بشير) और सचेतक (नजीर warner )बनाकर भेजा है "सूरा -फातिर 35 :24
5-नबी और रसूल में अंतर
अगर गौर से देखा जाये तो सभी नबियों के लगभग एक से काम होते हैं . और भाषा के अनुसार नबी ,पैगम्बर और रसूल का एक एक ही अर्थ होता है और बाईबिल में भी सभी के लिए नबी ( Prophets ) शब्द का प्रयोग किया गया है ,लेकिन मुसलमानों ने नबियों में भेद करके "रसूल " शब्द का प्रयोग कर दिया जो इथोपिया का शब्द है .
फिर मुहम्मदरसूल को नबियों से श्रेष्ठ बता दिया .
नबी -ऐसा व्यक्ति जिसे अल्लाह ने प्रेरणा या सूचना देकर अपना दूत नियुक्त किया हो ,और जो लोगों को भविष्य कि बाते बताता हो .लोगों को सचेत करता हो ,और रहस्य की बातों सा का खुलासा करके भविष्यवाणी करता हो
रसूल -अल्लाह का प्रतिनिधि (Ambassador ) होता है .जो फरिश्तों के माध्यम से या सीधे अल्लाह से संपर्क में रहता है .जिसे अल्लाह ने किसी विशेष प्रयोजन के लिए नियुक्त किया हो .और कोई कताब भी दी हो . रसूल का दर्जा नबी से बड़ा होता है .हरेक रसूल नबी होता है .लेकिन हरेक नबी रसूल नहीं हो सकता .
6-क्या मुहम्मद अंतिम रसूल है ?
अबतक पढ़ने के बाद आपको नबी और रसूल के अंतर का पता चल गया होगा .मुस्लिम विद्वान् बड़ी चालाकी से मुहम्मद को अंतिम रसूल साबित करना चाहते हैं .वह मुहम्मद को अंतिम नबी नहीं कहते .जैसा की कुरान में कहा गया है ,
"वह अल्लाह के रसूल लेकिन नबियों के समापक ( Seal of Prophets ) हैं "सूरा -अहजाब 33 :40
( व लाकिन्ना रसूलिल्लाह खातमन नाबिय्यीन)"وَلَٰكِنْ رَسُولَ اللَّهِ وَخَاتَمَ النَّبِيِّينَ"
कुरान की इस आयत के अनुसार मुहम्मद को अंतिम नबी कहा जा सकता है ,लेकिन आखिरी रसूल कहना गलत होगा ,क्योंकि हदीसों के अनुसार अंतिम रसूल भविष्य आने वाला है .जो इन हदीसों से साबित होता है .
7-अंतिम नबी है अंतिंम रसूल नहीं
अंतिम नबी और अंतिम रसूल का खुलासा इन हदीसों से हो जाता है कि अंतिम कौन है देखिये
"कतदा ने कहा की इस आयत का तात्पर्य आखिरी नबी है ,आखिरी रसूल नहीं है ."
عن قتادة ، في قوله تعالى : ( وخاتم النبيين) قال : آخر النبيين
It is narrated from Qatadah that he said about the word of Allah, “Wa Khātam al-Nabiyyin”: “[It means] Last of the Prophets.” (Qatada (d. circa 100 A.H.):
Tafsir Abdul Razzaq al-San’ani, Narration 2270)
इब्ने कसीर ने कुरान कि इस आयत कि तफ़सीर में विशेष रूप से कहा कि एस का अर्थ सिर्फ आखिरी नबी ही है ,इसला मतलब यह नहीं है कि भविष्य में कोई रसूल नहीं होगा
فهذه الآية نص في أنه لا نبي بعده، وإذا كان لا نبي بعده فلا رسول [بعده] بطريق الأولى والأحرى؛ لأن مقام الرسالة أخص من مقام النبوة، فإن كل رسول نبي، ولا ينعكس
“This verse categorically states that there will be no Prophet [Nabi] after him. If there will be no Prophet [Nabi] after him .” (
Tafsir Ibn Kathir) Ibn Kathir (d. 774 A.H.):
8-अंतिम रसूल ईसा मसीह होंगे
इस्लाम के विद्वान अल जमाख्शारी के साथ दिए विद्वानों ने इस बात का खंडन किया है कि मुहम्मद आखिरी रसूल है ,
"तुम कैसे कह सकते हो कि मुहम्मद आखिरी रसूल हैं ? जबकि माना गया है कि दुनिया के अंत के समय पुनरुत्थान से पहले ईसा मसीह निचे उतर कर आएंगे "
فإن قلت : كيف كان آخر الأنبياء وعيسى ينزل في آخر الزمان؟ قلت : معنى كونه آخر الأنبياء أنه لا ينبأ أحد بعده ، وعيسى ممن نبىء قبله ، وحين ينزل ينزل عاملاً على شريعة محمد صلى الله عايه وسلم ، مصلياً إلى قبلته ، كأنه بعض أمته
“If you ask; how can the Holy Prophet be the last of the Prophets when there is the belief that ‘Eisa will come down near the End of the Times before Resurrection? Al-Zamakhshari (d. 538 A.H.):
Tafsir al-Kashshaf
Nizamuddin al-Qumi (d. 728 A.H.) in Tafsir Gharaib al-Qur’an
Abu al-Hassan al-Khazin (d. 741 A.H.) in Tafsir Lubab al-Tanzil
प्रमाण में लिए यह विडियो देखिये -
http://www.youtube.com/watch?v=NQo79N9Te-g
9-अंतिम मस्जिद Last Mosque
इसी तरह मुहम्मद ने मदीना स्थित अपनी मस्जिद को दुनिया की आखिरी मस्जिद घोषित कर दिया था ,लेकिन आज भी नयी नयी मस्जिदें बन रही है .अर्थात यह बात भी झूठ है .
सही मुस्लिम के अनुसार मुहम्मद ने कहा "मैं आखिरी नबी हूँ और मेरी मस्जिद दुनिया कि आखिरी मस्जिद होगी "
قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ فَإِنِّي آخِرُ الْأَنْبِيَاءِ وَإِنَّ مَسْجِدِي آخِرُ الْمَسَاجِدِ
The Prophet (PBUH) said; "I am the last of the Prophets and my mosque is the last of the mosques."
(Sahih Muslim. Hadith 6:2471)
" कन्जुल उमाल के अनुसार रसूल ने कहा " मैं आखिरी नबी हूँ और मेरी मस्जिद नबियों की आखिरी मस्जिद होगी "
قال رسول الله صلى الله عليه وسلم أنا خاتم الأنبياء ومسجدي خاتم مساجد الأنبياء
Holy Prophet (PBUH) said; "I am the last of the Prophets and my mosque is the last of the mosques of the prophets."
(Kanz al-Ummal 12/270 H.34999. Albani authenticated in Sahih Targheeb wa Tarheeb H. 1175
10-मुहम्मद के बाद भी नबी !
"अबू ने कहा कि रसूल ने कहा मेरे बाद सन 1200 हिजरी में मेहदी नाम के रसूल होंगे ,जिनकी निशानियाँ दो सौ साल के अन्दर दिखाई देंगे "
Mahdi to appear after the year 1200 A.H.? The Narration:
عن أبي قتادة قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم الآيات بعد المائتين
Abu Qatada narrates that the Holy Prophet (PBUH) said: “Signs will appear after two hundred years.”
(Sunan Ibn Majah, Hadith 4057)
11-अंतिम औलिया अली है 'Khatam ul Auliya'
खतीब बगदादी ने तारीख बगदाद ने लिखा है कि रसूल ने कहा "मैं खातिमुल अम्बिया ( आखिरी नबी ) हूँ और हे अली तुम खातिमुल औलिया (आखिरी औलिया ) हो .
Khateeb Baghdadi's Tarikh Al-Baghdad where the exact wording is;
أنا خاتم الأنبياء وأنت يا علي خاتم الأولياء
"I am Khatam ul Anbiya and you O Ali are Khatam ul Awliya." (Tarikh Al-Baghdad 4/473)
पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने 27 जनवरी 2012 को कहा था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है ,जिसे सबसे अधिक गलत रूप से समझाया गया है और जो गलत लोगों के हाथों में (Islam is in wrong hands and most misunderstood religion)है .इन्डियन एक्सप्रेस
इस्लाम के प्रचारक विद्वान् , और जकारिया नायक जैसे लोग कुतर्कों के लिए कुख्यात है ,यही लोग इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं .इसका एक नमूना दिया जा रहा है -जकारिया नायक का कुतर्क ( विडिओ )
Non-Muslims will not have equal Humanrights - Zakir Naik
http://www.youtube.com/watch?v=6jYUL7eBdHg
आज भी ऐसे ही अपने कुतर्कों से कभी मुहम्मद को आखिरी रसूल या अंतिम अवतार ,और मुहमद की मस्जिद को आखिरी मस्जिद और अली को आखिरी औलिया साबित करने में लगे रहते हैं .जबकि उनके यह सभी दावे झूठ है .अली के बाद हजारों औलिया और मदीने की मस्जिद के बाद लाखों मस्जिदें बनी है .मुहम्मद के बाद इसा और मेहदी की बात खुद मुहम्मद की हदीसों में लिखी है .
वास्तव में यह चालाक और धूर्त मुहम्मद को अंतिम रसूल बताकर उसे सभी नबियों से श्रेष्ठ और महान साबित करना चाहते हैं . ताकि लोग मुहम्मद को मान कर मुसलमान बन जाएँ . यह लोग इतनी बात भी नहीं जानते कि जो मेरिट लिस्ट में अंतिम होता है ,उसका दर्जा सबसे नीचा और घटिया होता है .हमें आज ऐसे सत्तालोभियों के कुतर्कों का जवाब देना होगा .कि ,
"अंतिम वाला बेकार और घटिया "
http://www.letmeturnthetables.com/search/label/Finality%20of%20Prophethood
http://www.imamreza.net/eng/imamreza.php?id=9455
साभार: भांडाफोडू ब्लॉग
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