बी.एन. शर्मा
प्रस्तुतिः डॉ0 संतोष राय
दिग्विजय सिंह अपराधियों ,औरातान्कवादियों से हमदर्दी रखता है ,यह उसके सभी अखबारों ,और टी.वी. में दिए गए बयानों से साबित होता है .जो व्यक्ति ओसामा को "ओसामा जी " और बाबा रामदेव को "ठग "और अन्ना हजारे को "धोखेबाज "कहता हो आप उसकी मानसिकता के बारे में खुद अंदाजा कर सकते है .इस बात में कोई शक नहीं है कि जिस व्यक्ति के जैसे विचार होते हैं ,वह वैसी ही नीति अपनाता है .वैसे तो दिग्विजय हिन्दू संगठनों को आतंकवादी ,अपराधी कहता है ,तो उसका मुंह नहीं थकता है.
लेकिन जब उसे मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री का पद मिला तो उसने चुन चुन कर कई ऐसे लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर बिठा दिया था जो अपराधी थे ,या जिनकी अपराधिक प्रष्ठभूमि थी .वैसे गिग्विजय को कांग्रेस से कोई लेनादेना नहीं था .उसके पूर्वज अंग्रेजों के पिट्ठू थे .और गुना जिला में एक छोटी सी रियासत राघौगढ़ के जमींदार थे .वही ठसक दिग्विजय में भरी हुई थी .दिग्विजय को कांग्रेस में लाने वाले उसके समधी अर्जुन सिंह थे .उस समय लोग एम् .पी कांग्रेस को "समधी कांग्रेस "कहते थे .सता पते ही दिग्विजय ने ईमानदार और निष्ठावान कायकर्ताओं को निकाल दिया और सन 1988 में पार्टी के "पुनर्गठन "के बहाने अपने लोगों को पार्टी में भर दिया जो अपराधी थे .उसी दिन से मध्य प्रदेश कांग्रेस का अपराधीकरण शुरू हो गया था .जो उस समय के अखबारों में छपा था .उनका कुछ नमूना दे रहे हैं -
पार्टी में अपने ही लोगों को भर दिया ,और पुराने निष्ठावान कांगरेसियों कि उपेक्षा करके उनको निकाल दिया.
1 -इंदिरा गांधी को समर्पित ,दुर्दिनों के साथियों को गड्ढे में धकेला गया. कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड बन गई (दैनिक भास्कर .14 जन 1988 )
2 -बुरे दिनों के साथी पुनर्गठन के नाम पर निकले गए.(दैनिक भास्कर .16 जन 1988 )
3 -प्रदेश कार्यकारिणी की उपेक्षा .(भास्कर 18 जन .1988 )
बाद में जब 15 सितम्बर 1988 को पचमढ़ी में कांग्रेस की कार्यकारिणी की सभा हुई तो उसमे यह मुद्दा यथा था .और प्रताव पारित हुआ और सोनिया ने कहा था की कि 1978 से 1980 तक जिन लोगों ने काग्रेस के आंदोलनों में सक्रीय कम किया था ,उन्हीं को कंरेस में रखा जायेगा .लेकिन दिग्विजय से उस प्रस्ताव की अनदेखी करते हुए जिन लोगों को ऊंचे ऊँचे पदों पर बिठा दिया उनमेसे कुछ लोगों के नाम दिए जा रहे है .और दिग्विजय की नीतियों के बारे में कुछ जानकारी दी जा रही है .कांग्रेस कार्यालय की फाइलों से प्राप्त हुई है .
1 -दिनांक 27 -28 मार्च 1986 को दिग्विजय ने हेक जिलों से युवकों को बुलालर एक दल बनाया .जिसमे करीब 700 लोग चुने गए .और दल में शामिल होने की अंतिम तारीख 31 मार्च 1986 रखी थी .फिर उनके 22 सेल बना कर जंगल में ट्रेनिंग के लिए भेजा .इनमे अधिकांश लोग ऐसे थे ,जो खुले आम इंदिरा और राजीव को गालियाँ देते थे .इनका काम फसाद कराना था.
2 -जगतपाल को कांग्रेस कमिटी का जनेअल सेक्रेटरी मनोनीत किया ,जिसने 10 लाख रूपों का गबन किया.
3 -भोपाल गैस कांड के अपराधी .यूनियन कार्बाइड के अपराधियों और उनके साथियों को संरक्षण दिया .
4 -जब सन 1985 में मंदसौर के एक कसबे "सिंगौरी "में साम्प्रदायिक डंडे हुए ,तो दिग्विजय ने एक प्रेस नोट से दंगा और भड़का दिया .जिस से कई लोग मारे गए.
5 -ठाकुर हरबंस सिंह नामके व्यक्ति को कांग्रेस सेवादल का चेयर मेन बना दिया ,जिस पर धोखा घडी ,गबन और अन्य कई मामले चल रहे थे .
अ -केस .न. 1650 /84 धारा 378 (c ) C R P C
ब-केस स .298 /82 धारा 420
इसके आलावा हरबंस के निवास स्थान सेवनी पर इनकम टेक्स ने छापा मारा था और लाखों रूपया बरामद किया था .
6 -कप्तान सिंह ठाकुर .दिग्विजय ने इसे बीस सूत्री प्रोग्राम का जनरल सेक्रेटरी और Coordinator बना दिया था ,यह मैनपुरी से एक लड़की भगा कर लाया था .और उसे घर में रख लिया .फिर Willingdon हॉस्पिटल की एक नर्स को भगा लाया ,जो दिल्ली के कनाट प्लेस में रहती थी .यही नहीं इसने पूर्व राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर रेलवे में नौकरी ले ली थी .बाद में सच्चाई सामने आने से नौकरी से निकाल दिया था .उसके इन्हीं गुणों के कारण दिग्विजय ने उसे महत्वपूर्ण पद दिया था .और उसे पसंद करता था .
7 -सदरुद्दीन अंसारी .दिग्विजय ने इसे Vice President बना दिया था .यह कांग्रेस में होकर भी "जमाअतुल उलमा "का भी उपाध्यक्ष था. उसका लड़का निजामुद्दीन अंसारी कुख्यात अपराधी था .और भोपाल में उसपर कई मुकदमे दर्ज हैं .सन 1985 में इसी ने अपने लोगों के साथ मंदसौर में दंगे करवाए थे.
यह तो थोड़े से नमूने हैं जो विस्तार भय से लिखे हैं .उपलब्ध फाइलों में ऐसे बहुत प्रमाण हैं ,जिससे दिग्विजय के अपराधियों के साठगाँठ होने के सबूतहै .
आज भले दिग्विजय राहुल को प्रधान मंत्री बनाने की बातें करके , सोनिया की चापलूसी कर रहा है और खुद को इंदिरा और सोनिया का भक्त बता रहा है .लेकिन दिग्विजय के ईमान का कोई भरोसा नहीं है .इसके सबूत के लिए रायपुर से प्रकाशित अखबार की हेडिंग का हवाला दिया जा रहा है .
"प्रदेश के वरिष्ठ नेता ,रोकते रहे ,और कहा कि इंदिरा और राजीव को गालियाँ देने वालों को जिम्मेदारी देना मेरी भूल है .इंदिरा" को अंतर्राष्ट्रीय वेश्या ",और सोनिया को "फ़ोरेन माल "कहने वाले प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी "देशबंधु रायपुर .30 अगस्त 1992 ).
(नोट -दिग्विजय के भक्त कांग्रेसी विचार करें !!)
दिग्विजय सिंह सम्बन्धी इन तीनों लेखों को पढ़ने वाले सभी पाठको से अनुरोध है कि ,यह जानकारी मुझे कांग्रेस के एक निष्ठावान और वरिष्ठ पदाधिकारी ने दी है .जिसमे कुछ अखबारों से कुछ कांग्रेस दफ्तर की फाइलों से ली गयी है .आज भी यह व्यक्ति कांग्रेस के प्रति समर्पित हैं .लेकिन उन्हों ने दिग्विजय कि जनविरोधी नीतियों का विरोध किया था ,और दिग्विजय को सचेत किया था .उनकी बात न मानने के कारण मध्य प्रदेश से कांग्रेस का सफाया हो गया था.इनके पास इतने सबूत हैं जिस से सोनिया भी फस सकती है ,दिग्विजय क्या चीज है .मैंने वह फायलें खुद देखी है .उनका परिचय इस प्रकार है -
R.M.Bhatanagar
Ex.Chairman (Minister staus),ExOffice Secratary,(1978-1993) Secretary cum Personnel Officer,
34.Good Shefard Colony,Banjari Chauraha Kolar Road-BHOPAL.M.P.
चूँकि उनपर दो बार हमला हो चूका है वह अपना मोबाईल नंबर नहीं दे रहे हैं .इन लेखों के बाद उन्होंने अपनी तरफ से यह भी लिखने को कहा है जो उन्होंने अखबारों को पहले भी लिख दिया था."सत्यापन -मैं शपथ पूर्वक सत्यापत करता हूँ कि उल्लेखित जानकारी मेरे निजी ज्ञान तथा उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर सत्य है "
अब जिसे चाहिए उन से संपर्क करे .या मेरे मेल से सूचित करे .Em-satyawadi44@gmail.com
writer's blog:www.bhandafodu.blogspot.com
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