Saturday, July 23, 2011

धिक्कार पच्चीसी !!

बी.एन. शर्मा

प्रस्‍तुति- डॉ0 संतोष राय

यह बात इतिहास से प्रमाणित है ,इस से सभी सहमत होंगे कि सभी मुसलमान स्वाभाविक रूप से आतंकवादी होते हैं .जिस दिन से उनके दुष्ट पुरखे भारत में आये थे ,तब से उनकी हराम की औलादें कोई न कोई आतंकवादी कार्यवाहियां करते आये हैं .उनका एक मात्र उद्देश्य निर्दोष हिन्दुओं की हत्याएं करना है ,चाहे उनके साथ एक दो मुसलमान भी क्यों मर जाएँ .इतिहास में शायद ही कोई साल ,या कोई स्थान बाकी होगा ,जहाँ मुसलमानों में किसी न किसी समय हत्याएं न की हों . 
लेकिन आजादी के बाद 13 मार्च 2003 से मुसलमानों ने अनेकों आतंकी दल बनाकर निर्दोष हिन्दुओं की हत्या करने का जो सिलसिला शरू किया था ,वह अभी तक चल रहा है .उसी कड़ी में मुंबई पर किया गया इस्लामी आतंकी हमला भी है.इसमे विशेष बात यह है की यह हमला किसी विदेशी ,या पाकिस्तानी संगठन द्वारा नहीं ,बल्कि भारत में रहने वाले उन्हीं मुसलमानों ने किया है ,जिनको सरकार अपनी तुष्टिकरण की निति के कारण हिन्दुओं के टेक्सों से पाल रही है .सरकार मुसलमानों के प्रेम में इतनी अंधी हो गयी है ,कि उसने अपनी खतना ( Circunsission ) की जगह खस्सी ( Castration )तक करवा लिया है .इस खस्सी सरकार की नीतियों का दुष्परिणाम आज देश के लोग भोगने को विवश है .और आगे भी भोगते रहेंगे . और बिना किसी प्रतिशोध के चुपचाप मरने को अपनी नियति मान लिया है .ऊपर से देश पर एक ऐसी औरत हुमुमत कर रही है जिसका देश से कोई लगाव नहीं है .और हिन्दू द्वेष जग जाहिर है . 
आप खुद देख लेना उसके टुकड़खोर फिर आतंकवादियों की वकालत के लिए निकल पड़ेंगे ,जैसे पिग विजय सिंह ने कहा कि लोगों को हमारा धन्यवाद देना चाहिए कि ,भारत में पाकिस्तान से कम ब्लास्ट होते हैं .और कई महीनो बाद एक घटना हुई है .इतनी अधिक आबादी वाले देश में एक दो ऐसी घटना कोई महत्त्व नहीं रखती है . 
इसके बाद जांच बिठाई जाएगी ,कुछ अपराधियों को भगा दिया जायेगा ,और यदि कोई पकड़ा भी जायेगा तो ,उनको आदर पूर्वक सर्व सुविधा युक्त जेल नामके महल में सुरक्षित रख दिया जायेगा .जिसका खर्चा मुसलमानों द्वारा मारे गए हिन्दुओं के परिवार वालों से टेक्स के रूप से वसूला जायेगा .फिर लोगों को शांति ,धैर्य और आपसी सौहार्द के भाषण पिलाये जायेंगे .टी.वी.वाले T .R .P .बढाने के लिए नेताओं की निरर्थक बकवास प्रसारित करेंगे .और लोगों के हौसले की तारीफ करेंगे .और फिर मरने को तैयार करेंगे .मुल्ले मौलवी गायब हो जायेंगे और अपने लोगों की बहादुरी के कारनामों का मस्जिदों में छुप कर बखान करेंगे .और खुल कर कहेंगे "इस्लाम शांति का धर्म है " 
कुछ नेता इस घटना का धिक्कार करके ही अपने कर्तव्य की इति श्री कर देंगे .और देश को लूटने में लग जायेंगे 
लेकिन हम सिर्फ मुस्लिम आतंकवादियों को ही धिक्कार करना काफी नहीं समझते ,बल्कि कुछ और भी हैं ,जिन पर एक की जगह सौ सौ धिक्कार करने लायक मानते हैं .जो इस "धिक्कार पच्चीसी "में दिए गए हैं -
अथ धिक्कार पच्चीसी - 
1 -धिक्कार उन लोगों पर जो 13 जुलाई के मुंबई पर आतंकी हमले को सिर्फ मुम्बई और महाराष्ट्र पर हमला मानते हैं ,लेकिन इसे इस्लामी आतंकवादिओं का भारत पर किया गया हमला मानने से इनकार करते हैं .उन पर सौ बार धिक्कार ! 
2 -धिक्कार उन लोगों पर जिनका इस आतंकी हमले से खून नहीं खौल रहा हो ,लेकिन जो लोग इस्लामी आतंकियों से प्रतिशोध लेने को तय्यार न हो रहे हों .उन पर सौ बार धिक्कार ! 
3 -धिक्कार उन लोगों पर जो कहते हैं कि,आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता .लेकिन इस बात को नहीं मानते कि सिर्फ मुसलमान ही आतंकवादी होते हैं .उन पर सौ बार धिक्कार ! 
4 -धिक्कार उन लोगों पर जो कहते हैं कि ,इस्लाम का अर्थ शांति होता है .लेकिन यह नहीं मानते कि वास्तव में इस्लाम का तात्पर्य आतंक ही होता है .उन लोगों पर सौ बार धिक्कार ! 
5 -धिक्कार उन लोगों पर जो कहते हैं ,हरेक मुसलमान आतंकवादी नहीं होता .लेकिन इस बात से इंकार करते है कि हरेक आतंकवादी मुसलमान ही होता है .उन लोगों पर सौ बार धिक्कार !
6 -धिक्कार उन लोगों पर जो कहते हैं कि भारत के अधिकाँश मुसलमान देशभक्त हैं ,लेकिन इस बात को नहीं मानते कि सभी मुसलमान भारत पर इस्लामी राज बनाना चाहते हैं .उन पर सौ बार धिक्कार ! 
7 -धिक्कार उन लोगों पर जो कहते है कि मदरसों में बच्चों को इंसानियत का सबक पढाया जाता है ,लेकिन इस बात को कबूल नहीं करते कि मदरसे आतंक के कारखाने हैं .उन पर सौ बार धिक्कार ! 
8 -धिक्कार उन लोगों पर जो आतंकवाद का कारण गरीबी और अशिक्षा को बताते हैं ,लेकिन यह बात नहीं मानते कि मुसलमान पढ़ कर और संपन्न होकर अधिक आतंकी बन जाते हैं .उन पर सौ बार धिक्कार ! 
9 -धिक्कार उन लोगों पर जो मुसलमानों के साथ दोस्ती और भाई चारे की वकालत करते हैं ,लेकिन इस सत्य को स्वीकार नहीं करते कि सभी मुसलमान स्वभाव से अलगाववादी होते है ,और गैर मुस्लिमों को अपना शत्रु मानते है .उन पर सौ बार धिक्कार ! 
10 -धिक्कार उन लोगों पर जो किसी भी आतंकी घटना के लिए बाहरी ताकत का हाथ बताते हैं ,लेकिन देश में बैठे मुसलमानों पर उंगली उठाने से भी डरते है.उन पर सौ बार धिक्कार !
11 -धिक्कार उन लोगों पर जो वर्त्तमान हिजड़ा सरकार के झूठे आश्वासन के भरोसे खुद को सुरक्षित समझ लेते हैं .और खुद दुश्मनों का सफाया खुद नहीं करते ,जबकि जानते हैं कि यही सरकार आतंकवादियों की हिमायती है .उन लोगों की बुद्धि पर सौ बार धिक्कार !
12 -धिक्कार उन हिन्दू उपदेशकों पर जो श्रोताओं को भजन सुना सुना कर मूर्छित कर देते हैं और निकम्मा बना देते हैं ,लेकिन सशश्त्र होने और शत्रु का विनाश करने की शिक्षा नहीं देते .उन पर सौ बार धिक्कार !
13 -धिक्कार उन भक्तों पर जो भगवान को खुश करने के लिए अपने काले धन से देवता की मूर्ति को सोने चांदी के ढेर में दफना देते हैं और इसे ही धर्म समझते है ,लेकिन यह नहीं समझाते कि इतने धन से भारत सेना जैसी तीन सेनाएं बन सकती हैं .जो दो दिन में इस्लामी आताकियों का विनाश कर सकती हैं .उन पर सौ बार धिक्कार !
14 -धिक्कार उन मीडिया वालों पर जो खुद को निष्पक्ष और धर्म निरपेक्ष साबित करनेके लिए खुले आम हिन्दू आतंकवाद शब्द का प्रयोग करते हैं ,लेकिन इस्लामी आतंकवाद शब्द का प्रयोग करने में उन्हें लकवा मार जाता है .उन पर सौ बार धिक्कार !
15 -धिक्कार उन बुद्धि जीवियों पर जो ,एक दो मुसलमान देश भक्तों का उदहारण देकर सभी मुसलमानों को देशभक्त साबित करने में अपनी बुद्धि का गोबर कर देते है .लेकिन करोड़ों मुसलमान आतंकियों के कुकर्मो पर पर्दा डाल देते है .उन पर सौ बार धिक्कार !
16 -धिक्कार उन साहित्यकारों पर जो उर्दू को हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक मानते हैं और बड़े शौक से मुशायरे में जाते है .लेकिन नहीं जानते कि उर्दू के कारण ही देश का बटवारा हुआ था .उन पर सौ बार धिक्कार !
17 -धिक्कार उन हिन्दू युवा वैज्ञानिकों पर जो विलासिता और सुख सुविधा की चीजें तो बना सकते हैं ,लेकिन इस्लामी आतंक का जवाब देने के लिए किसी चीज का निर्माण नहीं कर सकते .उन पर सौ बार धिक्कार
18 -धिक्कार उन कवियों पर जो श्रृंगार रस की कविताओं से लोगों की वाहवाही लूटते है और लोगों की वासना भडकाते रहते हैं ,लेकिन वीर रस से लोगों में शत्रुओं के प्रति आक्रोश पैदा नहीं करते .उन पर सौ बार धिक्कार 
19 -धिक्कार उन वोटों के लालची नेताओं पर जो ,सोचते है कि मुसलमानों के वोटों से उनको अखंड राज मिल जायेगा ,लेकिन वह नहीं जानते कि एक दिन यही मुसलमान उनको गुलाम बना लेंगे .उन पर सौ बार धिक्कार 
20 -धिक्कार उन हिन्दू युवकों और युवतियों पर जो सलमान ,आमिर ,शाहरुख जैसे खान नामके नीचों को अपना आदर्श मानकर उनकी तारीफ़ के पागल हो जाते है ,लेकिन यह नहीं जानते कि मुसलमान लडके उन्ही कि नक़ल करके हिन्दू लड़कियों को फस लेते है .और फिर उन लड़कियों से आतंकी काम करवाते है .जो मुसलमानों से दोस्ती करता है ,उस पर सौ बार धिक्कार 
21 -धिक्कार उन संगीत प्रेमियों पर जो बिना समझे सूफी संगीत की धुन और उसके निरर्थक शब्दों पर सांप की तरह डोलने लगते है ,लेकिन नहीं जानते सूफी शब्द का अर्थ मुर्ख होता है .इसकी इजाद भक्ति संगीत को प्रदूषित करने के लिए की गयी थी .फिर भी जो सूफी गाना सुने तो उस पर सौ बार धिक्कार !
22 -धिक्कार उन गाँठ के पूरे और आँख के अंधे हिन्दू अंधविश्वासियों पर जो ,दरगाहों ,मजारों पर सर झुकाते है और चढ़ावा चढाते है .और समझते हैं कि ऐसा करने पर उनकी मुरादें पूरी हो जाएँगी ,क्या वह समझते है कि उनके देवी देवता बूढ़े हो गए हैं या रिटायर्ड हो गए है ,लेकिन यह मुर्ख नहीं जानते कि उन्हीं के चढ़ाये गए धन से आतंकी हथियार खरीदते है और बम बनाते हैं ,जिसका उन्हीं के भाइयों को मारने के लिए प्रयोग किया जाता है दरगाहें वेश्यावृति के अड्डे है.जो नहीं मानता है ,उस पर सौ बार धिक्कार !
23 -धिक्कार उन वकीलों पर जो मुस्लिम आतंकवादियों का केस लड़ने के लिए फ़ौरन राजी हो जाते हैं जबकि जानते हैं कि यह देश का अपराधी है ,लेकिन किसी निर्दोष हिन्दू का केस लड़ने में आनाकानी करते हैं .उन पर सौ बार धिक्कार !
24 -धिक्कार उन पुलिस वालों पर जो किसी भी साधारण से अपराध के आरोप में किसी को भी मार मार कर हत्या तक कर देते हैं ,लेकिन यदि कोई कुख्यात मुस्लिम आतंकवादी होता है तो ,उसे बिना हाथ लगाये आदर से थाने सारी सुविधाएँ उपलब्ध करा देते हैं .ऐसे पुलिस वालों पर सौ बार धिक्कार !
25 -धिक्कार उन लोगों पर जो ,इस धिक्कार पच्चीसी को पढ़कर इसे गंभीरता से नहीं लेते ,और इसे एक अनर्गल प्रलाप मान कर छोड़ देते हैं ,लेकिन जो इसे गंभीरता से पढ़कर समझने बाद भी इसे लोगों तक नहीं पहुंचाएगा ,तो उस पर सौ बार धिक्कार !
-धिक्कार पच्चीसी असमाप्त -


नोट -यह धिक्कार पच्चीसी कभी समाप्त नहीं हो सकती है ,जब तक इस्लाम ,इस्लामी आतंक और मुसलमान इस देश में रहेंगे तब तक .हमारे प्रबुद्ध पाठक चाहें तो धिक्कार चालीसा ,या धिक्कार सतसई भी बना सकते है .
आप की जानकारी के लिए अब तक इस्लामी आतंकवादी घटनाओं की सूची दी जा रही है -

http://en.wikipedia.org/wiki/Chronology_of_major_terrorist_incidents_in_India
 
Writer's Blog: http://www.bhandafodu.blogspot.com/

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