साभार-दैनिक जागरण
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : आठ दिन से राजबाला आइसीयू में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है। वहीं उनके परिवार का हर शख्स जीबी पंत अस्पताल की चौखट पर उनके ठीक होने की ईश्वर दुआ मांग रहा है। पांच जून से ही जीबी पंत अस्पताल में भर्ती राजाबाला की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
रविवार को अस्पताल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार राजबाला अभी भी आइसीयू में हैं। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। हालांकि शनिवार की रात और रविवार को दिनभर उनकी स्थिति नियंत्रित रही, किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत वाली बात सामने नहीं आई। अस्पताल सूत्रों की माने तो अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
वहीं एक तरफ राजबाला की गंभीर स्थिति व उनके दर्द से पूरा परिवार आहत है तो दूसरी तरफ मासूम बच्चों के सवालों का जबाव नहीं होने से उनकी परेशानी और बढ़ जा रही है। आलम यह है कि दो साल का तेजस पूछ रहा है दादी कहां हैं। मुझे दादी के पास ले चलो। तो चुन्नी-मुन्नी के सवालों का जबाव न होने से उन दोनों को नानी के घर भेज दिया गया है। परिवार का हर शख्स बारी-बारी से अस्पताल में डयूटी दे रहा है। उनकी बहू राकेश मलिक कहती हैं माता जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा का समर्थन कर हमारी ताकत को और बल दिया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना अब हमारा भी मुद्दा बन गया है। बाबा रामदेव के अनशन टूटने की बात पर राकेश मलिक ने कहा कि हम सभी इस से बहुत खुश हैं। शनिवार को पतांजली से बाबा के कुछ समर्थक यहां आए थे और उन्होंने हमारी फोन से बाबा रामदेव से बात कराई थी, तो हमने भी उनसे अनशन तोड़ने की अपील की थी। इस पर उनका कहना था कि इतने जख्म के बावजूद जब आप लोग मेरे साथ हैं तो मैं इस बारे में विचार करूंगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : आठ दिन से राजबाला आइसीयू में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है। वहीं उनके परिवार का हर शख्स जीबी पंत अस्पताल की चौखट पर उनके ठीक होने की ईश्वर दुआ मांग रहा है। पांच जून से ही जीबी पंत अस्पताल में भर्ती राजाबाला की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
रविवार को अस्पताल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार राजबाला अभी भी आइसीयू में हैं। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। हालांकि शनिवार की रात और रविवार को दिनभर उनकी स्थिति नियंत्रित रही, किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत वाली बात सामने नहीं आई। अस्पताल सूत्रों की माने तो अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
वहीं एक तरफ राजबाला की गंभीर स्थिति व उनके दर्द से पूरा परिवार आहत है तो दूसरी तरफ मासूम बच्चों के सवालों का जबाव नहीं होने से उनकी परेशानी और बढ़ जा रही है। आलम यह है कि दो साल का तेजस पूछ रहा है दादी कहां हैं। मुझे दादी के पास ले चलो। तो चुन्नी-मुन्नी के सवालों का जबाव न होने से उन दोनों को नानी के घर भेज दिया गया है। परिवार का हर शख्स बारी-बारी से अस्पताल में डयूटी दे रहा है। उनकी बहू राकेश मलिक कहती हैं माता जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा का समर्थन कर हमारी ताकत को और बल दिया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना अब हमारा भी मुद्दा बन गया है। बाबा रामदेव के अनशन टूटने की बात पर राकेश मलिक ने कहा कि हम सभी इस से बहुत खुश हैं। शनिवार को पतांजली से बाबा के कुछ समर्थक यहां आए थे और उन्होंने हमारी फोन से बाबा रामदेव से बात कराई थी, तो हमने भी उनसे अनशन तोड़ने की अपील की थी। इस पर उनका कहना था कि इतने जख्म के बावजूद जब आप लोग मेरे साथ हैं तो मैं इस बारे में विचार करूंगा।
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