प्रताप सिंह की कलम से
प्रस्तुति- डॉ0 संतोष राय
क्या हिन्दू राष्ट्र वाद के लिए लड़ना गुनाह है ? जो मुस्लिम भारत मे भविष्य का मुगलिस्तान देखते है और उस स्वप्न के अनुसार काम कर रहे है उन्हे साध्वी उतनी बुरी नहीं दिखती जितनी बुरी वह यहाँ के अनाड़ी हिन्दू सेकुलरों को दिखती है क्योंकि भारत को इस्लामिक राष्ट्र के स्वप्न देखने वालों की नजर वह उसका राष्ट्र बचा रही है !
डॉक्टर चंद्रप्रकाश सिंह ठाकुर की देशभक्त बेटी, राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ कार्यकर्ता और हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा मे विश्वास रखने वाली वीरांगना ! वह उन गद्दारो और सेकुलरों द्वारा यातनाए सह रही है जो मुल्लों की दाढ़ी पर मक्खन लगाया करते है और समय समय पर अफजलों कसाब के बालों मे महंगे मोश्चुराइजर लगाया करते है, वीरांगना प्रज्ञा सिंह ठाकुर के पिता अनुसार प्रज्ञा बचपन मे एक सख्त विचारो वाली बेटी थी आज भी उसका विचार डगमगाया नहीं है...प्रज्ञा एक विचार है जो हर राष्ट्रियवादी के अंदर पनपता है, आश्चर्य होता है की आज के टीवी की नग्नता मे आकंठ दुबे और घर मे घुसते ही दरवाजे बंद करने वाले भारतीय समाज मे ऐसी विरंगनाए और ऐसी सोच रखने वाली नारी मिल सकती है, पिता चंद्रपाल सिंह के अनुसार शिक्षा के दिनों मे वह हमेशा अन्याय और असामाजिक तत्वों के खिलाफ लड़ती रही ! एक बार उसने अपनी बहन के साथ मिलकर कुछ मवाली तत्वों से भरे एक समुंह को बहुत बुरी तरह पीटा था , उसके बाद वे दोनों के पास दया की भीख मांग रहे थे । बचपन से ही प्रज्ञा सिंह लड़कों की तरह छोटे बाल रखती थी और मजबूत इरादों वाली लड़की थी । उसे मोटरसाइकल चलाना पसंद था कहा जाता है की मालेगाव केस मे जिस मोटरसाइकल का प्रयोग हुआ था वह उसके नाम से पंजीकृत थी
राजनीतिक सफर :
प्रज्ञा ने लाहर महाविध्यालय, भिंड मे पढ़ाई की जहां 1993 मे वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी और भारतीय जनता पार्टी (प्रज्ञा सिंह को अपने से अलग बताने वाली भगवा कॉंग्रेस) की युवा इकाई से जुड़ी, उसके बाद वह राष्ट्रवादी सेना और हिन्दू जागरण मंच से जुड़ी
वह आरएसएस की महिला इकाई दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ी, उसने एक संस्था की नींव रखी थी जिसका नाम वंदे मातरम जन कल्याण समिति था जो राष्ट्रिय स्वयं सेवक और संघ परिवार से संबन्धित थी !
कॉंग्रेस के इशारेन पर एटीएस ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मालेगांव केस मे मुख्य अभियुक्त बनाया क्योंकि वह पाकिस्तानी आतंकियों पर हमले करवाने के दबाव से जुज़ रही थी ! एटीएस के अनुसार साध्वी के मन मे मुंबई बम ब्लास्ट के पीड़ितों के प्रति भारी संवेदना थी और ब्लास्ट आरोपियों से प्रतिशोध लेने के लिए एक ग्रुप की स्थापना की थी ! साध्वी को अभियुक्त बनाने मे उसकी मोटर साइकल ही सबसे बड़ा सबूत थी !
आतंकवाद से निपटने के लिए विख्यात और सिर्फ हिन्दू को आरोपी बनाने क एलिए प्रसिद्ध महाराष्ट्र की पुलिस ने मालेगांव के ब्लास्ट पर 4000 पन्नों की एक चार्जशीट फाइल की है
लोगो की प्रतिक्रीया :
और कुछ सेकुलर हिन्दुओ की प्रतिक्रियाएँ फेसबुक पर और कुछ खबरों मे
समझ मे नहीं आता इस देश मे लोग इतिहास मे क्यों रुचि नहीं रखते है ? न जाने कितने देश इस भारत से अलग हुए और इस्लामिक देश बनाए लेकिन एक भी देश ऐसा नहीं बना जो हिन्दू राष्ट्र हो !
भड़वे सेकुलरों को क्या लगता है की भारत मे ऐसी और कोई षड्यंत्रकारी गतिविधिया नहीं चलती रही है जो एक और इस्लामिक देश बनाने पर तुली है तो कर्नाटक के हुबली, केरल, मुंबई के मिरा रोड, नागपाड़ा, कश्मीर, हेदरबाद, बेलगाम, आजमगड जैसे मुस्लिम इलाकों मे जाकर के कुछ दिन रहें कभी कभार कुछ पर्चे हाथ लग जाएँगे मुगलिस्तान से संबन्धित ! फिर भी समझ मे न आए तो उनके साथ मुस्लिम धर्म ग्रहण कर ले ताकि भविष्य मे उनसे मार खाने की आवश्यकता न पड़े !
अमरनाथ के बारें मे अग्निवेश ने बयान इसलिए दिया क्योंकि अमरनाथ यात्रा ही ऐसा एक जरिया है जो देश को कश्मीर से जोड़ता है हिन्दू इसलिए ही वहाँ अधिकतर जाते है और अमरनाथ यात्रा से हिन्दुओ को अलग रखना गिलानीयों जैसे भड़वों की चाले है और इन गिलानियों की दाढ़ी मे रेंगते कीड़े है ये अग्निवेश गद्दार जिनहे सिर्फ प्रसिद्धि चाहिए मोहम्मद अग्निवेश हो या अग्निवेश क्या फर्क पड़ता है इसके लिए ! इसे प्रसिद्धि की बड़ी लालसा है जो इसका स्वप्न पूरा होगा एक दिन
जय हिन्द !
प्रताप सिंह
प्रस्तुति- डॉ0 संतोष राय
क्या हिन्दू राष्ट्र वाद के लिए लड़ना गुनाह है ? जो मुस्लिम भारत मे भविष्य का मुगलिस्तान देखते है और उस स्वप्न के अनुसार काम कर रहे है उन्हे साध्वी उतनी बुरी नहीं दिखती जितनी बुरी वह यहाँ के अनाड़ी हिन्दू सेकुलरों को दिखती है क्योंकि भारत को इस्लामिक राष्ट्र के स्वप्न देखने वालों की नजर वह उसका राष्ट्र बचा रही है !
डॉक्टर चंद्रप्रकाश सिंह ठाकुर की देशभक्त बेटी, राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ कार्यकर्ता और हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा मे विश्वास रखने वाली वीरांगना ! वह उन गद्दारो और सेकुलरों द्वारा यातनाए सह रही है जो मुल्लों की दाढ़ी पर मक्खन लगाया करते है और समय समय पर अफजलों कसाब के बालों मे महंगे मोश्चुराइजर लगाया करते है, वीरांगना प्रज्ञा सिंह ठाकुर के पिता अनुसार प्रज्ञा बचपन मे एक सख्त विचारो वाली बेटी थी आज भी उसका विचार डगमगाया नहीं है...प्रज्ञा एक विचार है जो हर राष्ट्रियवादी के अंदर पनपता है, आश्चर्य होता है की आज के टीवी की नग्नता मे आकंठ दुबे और घर मे घुसते ही दरवाजे बंद करने वाले भारतीय समाज मे ऐसी विरंगनाए और ऐसी सोच रखने वाली नारी मिल सकती है, पिता चंद्रपाल सिंह के अनुसार शिक्षा के दिनों मे वह हमेशा अन्याय और असामाजिक तत्वों के खिलाफ लड़ती रही ! एक बार उसने अपनी बहन के साथ मिलकर कुछ मवाली तत्वों से भरे एक समुंह को बहुत बुरी तरह पीटा था , उसके बाद वे दोनों के पास दया की भीख मांग रहे थे । बचपन से ही प्रज्ञा सिंह लड़कों की तरह छोटे बाल रखती थी और मजबूत इरादों वाली लड़की थी । उसे मोटरसाइकल चलाना पसंद था कहा जाता है की मालेगाव केस मे जिस मोटरसाइकल का प्रयोग हुआ था वह उसके नाम से पंजीकृत थी
राजनीतिक सफर :
प्रज्ञा ने लाहर महाविध्यालय, भिंड मे पढ़ाई की जहां 1993 मे वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी और भारतीय जनता पार्टी (प्रज्ञा सिंह को अपने से अलग बताने वाली भगवा कॉंग्रेस) की युवा इकाई से जुड़ी, उसके बाद वह राष्ट्रवादी सेना और हिन्दू जागरण मंच से जुड़ी
वह आरएसएस की महिला इकाई दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ी, उसने एक संस्था की नींव रखी थी जिसका नाम वंदे मातरम जन कल्याण समिति था जो राष्ट्रिय स्वयं सेवक और संघ परिवार से संबन्धित थी !
कॉंग्रेस के इशारेन पर एटीएस ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मालेगांव केस मे मुख्य अभियुक्त बनाया क्योंकि वह पाकिस्तानी आतंकियों पर हमले करवाने के दबाव से जुज़ रही थी ! एटीएस के अनुसार साध्वी के मन मे मुंबई बम ब्लास्ट के पीड़ितों के प्रति भारी संवेदना थी और ब्लास्ट आरोपियों से प्रतिशोध लेने के लिए एक ग्रुप की स्थापना की थी ! साध्वी को अभियुक्त बनाने मे उसकी मोटर साइकल ही सबसे बड़ा सबूत थी !
आतंकवाद से निपटने के लिए विख्यात और सिर्फ हिन्दू को आरोपी बनाने क एलिए प्रसिद्ध महाराष्ट्र की पुलिस ने मालेगांव के ब्लास्ट पर 4000 पन्नों की एक चार्जशीट फाइल की है
लोगो की प्रतिक्रीया :
- परम पूज्य स्वामी रामदेवजी ने साध्वी प्रज्ञा को निर्दोष बताया था और कहाँ वे प्रज्ञा बेटी साथ है
- आरएसएस नेता राम माधव ने कहा की साध्वी के खिलाफ आरोप बेबुनियाद है और वे साध्वी का समर्थन कराते है
- विश्व हिन्दू परिषद ने एक अभियान छेड़ा है साध्वी और उसके सहयोगी राष्ट्रवादियों की रिहाई के लिए
- उमा भारती भारतीय जन शक्ति पार्टी की नेता ने साध्वी का बचाव किया है और कहा की साध्वी आक्रोशित है लेकिन हिंसक स्वभाव की नहीं है वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य थी उमा भारती ने उसे अपनी पार्टी की और से टिकट देने का ऐलान किया है
- असली राष्ट्रवादी संगठन अभिनव भारत और हिन्दू महासभा ने ऐलान किया है की साध्वी और उसके सहयोगियों को कानूनी मदद दी जाएगी !
- श्री राम सेने के नेता श्री प्रमोद मुतालिक ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को क्रांति का चिन्ह घोषित कर दिया है ! औरकहा है की वह एक क्रांति कारी है और साध्वी की तुलना किट्टुर चनम्मा, झाँसी की रानी से की है और यह निवेदन किया है की लोगो को उसे आतंकी कह कर संबोधित नहीं करना चाहिए कम से कम हिन्दुओ को तो कत्तई नहीं, आखिर वह उनकी हक की लड़ाई लड़ रही है !
- बाल ठाकरे ने साध्वी को भारत की महान बेटी बताया और कहा है की अगर वो आतंकवादी है तो हर हिन्दू को ऐसा ही आतंकवादी बनाना चाहिए तभी भारत की सारी समस्याएँ सुलझेगी अन्यथा चुड़ियाँ भी खूब बिकती है बाजार मे !
और कुछ सेकुलर हिन्दुओ की प्रतिक्रियाएँ फेसबुक पर और कुछ खबरों मे
- जो भी हो उसने एक आतंकी गतिविधि को अंजाम दिया है और हमारी नजारो मे वह एक आतंकी ही है
- जियो और जीने दो लेकिन साध्वी को फांसी दो
- अफजल, कसाब साध्वी सव एक जेसी मानसिकता के लोग है
- आखिर हिन्दू राष्ट्र से हम क्या हासिल कर लेंगे ?
- जरूर साध्वी और उसके सहयोगियों ने ही करकरे को मारा होगा
- हमें नहीं चाहिए हिन्दू राष्ट्र हमारा देश धर्म निरपेक्ष देश है और हमें सभी को हिल मिलकर रहना है
- अगर साध्वी प्रज्ञा दोशी है तो उसे सजा दो, हमारा उससे कोई संबंध नहीं है: जिन्ना का जिन्न "आडवाणी"
समझ मे नहीं आता इस देश मे लोग इतिहास मे क्यों रुचि नहीं रखते है ? न जाने कितने देश इस भारत से अलग हुए और इस्लामिक देश बनाए लेकिन एक भी देश ऐसा नहीं बना जो हिन्दू राष्ट्र हो !
- ईरान भारत से अलग हुआ - इस्लामिक देश
- 1761 मे अफगानिस्तान भारत से अलग हुआ - इस्लामिक देश
- 1947 मे पोर्किस्तान भारत से अलग हुआ - इस्लामिक देश
- 1962 मे आजाद कश्मीर बना और भारत से अलग हुआ - इस्लामिक देश
- 1971 मे बांग्लादेश भारत से अलग हुआ - इस्लामिक देश
भड़वे सेकुलरों को क्या लगता है की भारत मे ऐसी और कोई षड्यंत्रकारी गतिविधिया नहीं चलती रही है जो एक और इस्लामिक देश बनाने पर तुली है तो कर्नाटक के हुबली, केरल, मुंबई के मिरा रोड, नागपाड़ा, कश्मीर, हेदरबाद, बेलगाम, आजमगड जैसे मुस्लिम इलाकों मे जाकर के कुछ दिन रहें कभी कभार कुछ पर्चे हाथ लग जाएँगे मुगलिस्तान से संबन्धित ! फिर भी समझ मे न आए तो उनके साथ मुस्लिम धर्म ग्रहण कर ले ताकि भविष्य मे उनसे मार खाने की आवश्यकता न पड़े !
अमरनाथ के बारें मे अग्निवेश ने बयान इसलिए दिया क्योंकि अमरनाथ यात्रा ही ऐसा एक जरिया है जो देश को कश्मीर से जोड़ता है हिन्दू इसलिए ही वहाँ अधिकतर जाते है और अमरनाथ यात्रा से हिन्दुओ को अलग रखना गिलानीयों जैसे भड़वों की चाले है और इन गिलानियों की दाढ़ी मे रेंगते कीड़े है ये अग्निवेश गद्दार जिनहे सिर्फ प्रसिद्धि चाहिए मोहम्मद अग्निवेश हो या अग्निवेश क्या फर्क पड़ता है इसके लिए ! इसे प्रसिद्धि की बड़ी लालसा है जो इसका स्वप्न पूरा होगा एक दिन
जय हिन्द !
प्रताप सिंह
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