Represent: Dr. Santosh Rai
समय नजदीक है जब वे सिर्फ इतिहास के पन्नों तक ही सिमट जाएंगे
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है । दशा इतनी खराब हो गई है की आए दिन कोई न कोई हिन्दू परिवार का कोई सदस्य इस्लामिक कट्टरपंथियों का शिकार बनाता है । फिरौती के लिए अल्पसंख्यक वर्ग के लोगो के अपहरण की बात तो अब आम हो गई है बलात्कार और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओ मे पिछले 4-5 वर्षों मे अत्यंत तेजी से वृद्धि हुई है यही कारण है की पाकिस्तान मे रह रहे हिन्दू समाज के लोग विभिन्न क्षेत्रों से या तो सुरक्षित स्थानों की ओर या फिर भारत की और पलायन कर रहे है
हमेशा आतंक के साए मे जीने को मजबूर हिन्दू समाज से जुड़ी इस सच्चाई का खुलासा पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने अब जाकर किया है कुल मिलाकर के पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने इसकी पुष्टि कर दी है जो कष्ठ वहाँ के हिन्दू बटवारे के बाद से सह रहे है । रिपोर्ट के अनुसार 2010 में ‘ओरकजाय’ एजेंसी नामक इलाके से 102 सिख परिवारों में से करीब 25 प्रतिशत लोगो ने तालिबान के फरमान के बाद अपना घर छोड़ दिया सभी घटनाओ में पुलिस प्रशासन का रवैया भी उनके प्रति भेदभावपूर्ण रहा हैं आयोग की मानें तो प्रताड़णा की सभी घटनाओ के बाद पुलिस बजाय अल्पसंख्यक वर्ग की मदद करने के उन्हें गलत आरोपो में फँसाने का कार्य करती है । ज्ञात हो की जब से पाकिस्तान के पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में कट्टरपंथी धार्मिक संगठनों की तरफ से हिंदुओं को ‘जजियाकर’ चुकाने या फिर इलाका छोड़ देने का आदेश सुना चुका है उसके बाद से यहाँ के हिन्दू परिवारों का पलायन जारी है, बचे खुचे परिवार आतंक के साये मे जीने को मजबूर है । पाकिस्तान की सीनेट की अल्पसंख्यक मामलों की स्थायी समिति ने अक्तूबर 2010 मे ऐसी घटनाओ को रोकने ठोस उपाय करने की अपील की थी, लेकिन सरकार हमेशा कट्टरपंथियों के साथ कंधे से कंधा मिलकर चलती नजर आई ।
पूरे पाकिस्तान मे सिर्फ 2 जिले ऐसे है जहां हिन्दू आबादी 40% से ऊपर है
पाकिस्तान के हिन्दुओ की शिकायत रहती है की भारत सरकार उनके मामले को पाकिस्तानी सरकार के साथ नहीं उठा रही है
पाकिस्तान का हिन्दू समुदाय अक्सर भारत मे अपने वीजा का समय बढ़ाने और भारतीय नागरिकता देने की मांग करता है
अकेले बलूचिस्तान से करीब 500 हिन्दू परिवारों ने अपना घर बार छोड़कर के पलायन कर दिया है । स्थिति इतनी खराब हो चुकी है की हिन्दू परिवार की लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है । इसके लिए कट्टरपंथी पहले हिन्दू लड़कियों का अपहरण करते है और फिर उनके साथ बलात्कार करते है अपहरण के 90% मामलों मे लड़कियों के साथ बलात्कार अवश्य किया जाता है फिर लड़कियों के ऊपर मुस्लिम बनने का दबाव डाला जाता है । पाकिस्तान के मानवाधिकार की माने तो ऐसे मामलों मे वहाँ की स्थानीय अदलते भी न्याय नहीं देती । अधिकतर मामलों मे अदालते कट्टरपंथियों के सामने झुक जाती है । नतीजन 12-13 वर्ष की नाबालिक लड़कियों व उनके परिवारों को सरक्षण देने के, जबर्दस्ती उनका धर्म परिवर्तन कर दिया जाता है । इस तरह की घटनाएँ विशेष रूप से पाकिस्तान के व्यापारिक शहर कराची मे हो रही है । जहां पर मौजूद समय मे 80 हजार हिन्दू बचे है जबकि 1998 की जनगणना के अनुसार कराची की आबादी 9,856,318 थी जिसमे 96% आबादी मुस्लिम थी । 90% जिले ऐसे है जहां हिन्दू आबादी 1% से भी कम है उमरकोट मे सबसे अधिक हिन्दू आबादी रहती है 3 लाख । वर्तमान मे पाकिस्तान मे हिन्दुओ की आबादी लगभग 25 लाख है जबकि कुल आबादी 13 करोड़ है । सिंध और बलूचिस्तान कभी हिंदु बहुल क्षेत्र माने जाते थे । मगर तालिबानी कहर और धार्मिक कट्टरवाद के चलते यहाँ से भी उनका लगभग सफाया हो गया बीते तीन वर्षों मे क्वेटा सहित कई व्यावसायिक क्षेत्रों मे कई हिन्दू व्यापारियों का अपहरण करके हत्या की घटनाए हुई है । बीते वर्ष 21 दिसंबर को पाकिस्तान हिन्दुओ के सबसे सम्मानित आध्यात्मिक गुरु लककी चंद गार्जी का अपहरण कर दिया गया था ।
1947 मे हिन्दुओ की जनसंख्या 20 % तक थी लेकिन छह दशकों मे वहाँ के मुस्लिम हिन्दुओ पर बकासुर की तरह टूट पड़े और आज यह हालत है की हिन्दू जनसंख्या 1.6% हैं !
पाकिस्तान के हिन्दुओ की शिकायत रहती है की भारत सरकार उनके मामले को पाकिस्तानी सरकार के साथ नहीं उठा रही है । उत्पीड़न की बड़ी घटनाओ के चलते पाकिस्तान से आए हिन्दू पुनः पाकिस्तान नहीं गए । इनका प्रतिशत बहुत अधिक है, यही कारण है की पाकिस्तान का हिन्दू समुदाय अक्सर भारत मे अपने वीजा का समय बढ़ाने और भारतीय नागरिकता देने की मांग करता है । वे पुनः पाकिस्तान जाकर भी क्या करेंगे । पाकिस्तान मे अधिकतर हिन्दू मंदिर और गुरुद्वारे उन इलाकों मे होते है जहां मुस्लिम नहीं रहते है या बहुत कम । वहाँ अनेक मंदिर और गुरुद्वारे आज भी जीर्ण शिर्त्न अवस्था मे है कई गुरुद्वारे भी बत्तर हालत मे है 1948 के बाद से वहाँ कई एतिहासिक हिन्दू आस्था की इमारतो को अधिक से अधिक नुकसान पाहुचाया गया है
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