B.N. Sharma Represent:Dr. Santosh Rai
यह एक सर्वमान्य सत्य है ,कि जब किसी व्यक्ति के पास प्रमाण नहीं होते ,और वह अपनी बात को सही सिद्ध करने में असफल हो जाता है .तो वह बौखला कर अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है .और अनर्गल ,असंबंधित बातें करने लगता है जिसका विषय से कोई लेनादेना नहीं होता है .
ऐसा ही हमारे बेनामी टिप्पणीकार "YM "के साथ हो रहा है ,यद्यपि वह बेनामी बने हुए है ,मुझे पता है कि वह "शिया "हैं और उनको "हमारी अंजुमन 'के लोगोंने हमसे भिड़ने के लिए अकेले ही मैदान में उतार दिया है .YM का मतलब "या मौला 'है जो अंजुमन का नारा है .इन बेनामी महोदय ने अपना होश खोकर कभी मुझे शराबी ,अय्याश ,इसराएल का एजेंट तक कह डाला . यहांतक कि बौखलाहट में एक कमेन्ट में लिख दिया कि मैं जो भी लिखता हूँ वह "गौमूत्र "पीकर लिखता हूँ .
शायद उन्हें और बाकी मुसलमानों को यह पता नहीं होगा कि मुहम्मद ऊंट का पेशाब पीता था .और उससे बीमार मुसलमानों का इलाज भी करता था.यहांतक जो भी बद्दू मुसलमान बनाता था उसे भी पाहिले ऊंट की पेशाब पिलाता था .
मुहमद के समय अरब के बद्दू गरीब और बेकार थे .उन्हें मुहम्मद जिहाद के लिए बुला लेता था वह भी लूट के हिस्से की लालच में मक्का पहुच जाते थे .बद्दू मूर्तिपूजक थे .और अनपढ़ थे . मुहम्मद ने उन्हें जिहाद के लिए उपयुक्त समझा .
इसी तरह अरब के "उकल और उरैना "के कबीले के लोग जब मुहमद से मिलने मक्का गए तो उनकी तबीयत ख़राब हो गयी .क्योंकि मक्का का मौसम (climate )उनको माफिक नहीं आरहा था .जब मुहम्मद को यह पता चला तो उसने उन बद्दुओं को ऊंट की पेशाब पीने का आदेश दिया .और कहा यह एक कारगर दवा है .जिसे मैंने भी आजमाया है .बाद में कुछ महीनों में बद्दू उस इलाज से स्वस्थ हो गए और जिहाद पर जाने लगे .
यह सारा लेख हम प्रमाणिक हदीसों से दे रहे है .पाहिले हम हिन्दी में इसका प्रमाण देंगे ताकि सब समझ सकें ,फिर अंगरेजी और अरबी की मूल हदीसें देंगे ,ताकी मुसलमान यह आरोप न लगाएं की हम तोड़ मरोड़ कर बात करते है .
1 -मुहम्मद ने मुसलमानों को ऊंट की पेशाब पिलायी
"अनस ने कहा की "उक्ल और उरैना "के लोगों की शिकायत है कि,उन लोगों को मक्का का मौसम माफिक नहीं अ रहा है ,और वे बीमार हो रहे है .रसूलल्लाह ने आदेश दिया कि उनको ऊँटों के ल्हुन्द के पास ले चलो .फिर रसूल ने उन लोगों से कहा तुम ऊंट की पेशाब पीया करो .यह एक कारगर और आजमाई हुई दवा है ,लोगों ने ऐसा ही किया .कुछ समय में वे स्वस्थ हो गए "
बुखारी -(वुजू )जिल्द 1 किताब 4 हदीस 234
बुखारी -जिल्द 8 किताब 82 हदीस 794
2 -नए मुसलमान ऊंट की पेशाब पीते थे
"फिर इसके बाद जो भी व्यक्ति मुसलमान बनने के लिए रसूल के पास आता था वे उसे ऊंट की पेशाब जरूर पिलाते थे .रसूल फरमाते थे कि ऊंटों की पेशाब मुफीद होती है और कारगर दवा होने के कारन मैं भी इसका इस्तेमाल करता हूँ .
बुखारी -जिल्द 7 किताब 71 हदीस 590
अब हम यही हवाला अंगरेजी में दे रहे है -
Narrated Abu Qilaba: "Anas said, "Some people of 'Ukl or 'Uraina tribe came to Medina and its climate did not suit them. So the Prophet ordered them to go to the herd of (Milch) camels and to drink their milk and urine (as a medicine). So they went as directed and after they became healthy, they killed the shepherd of the Prophet and drove away all the camels. The news reached the Prophet early in the morning and he sent (men) in their pursuit and they were captured and brought at noon. He then ordered to cut their hands and feet (and it was done), and their eyes were branded with heated pieces of iron, They were put in 'Al-Harra' and when they asked for water, no water was given to them." Abu Qilaba said, "Those people committed theft and murder, became infidels after embracing Islam and fought against Allah and His Apostle . (Sahih Bukhari, Ablutions (Wudu'), Volume 1, Book 4, Number 234)"
Narrated Abu Qilaba:
Anas said, "Some people of 'Ukl or 'Uraina tribe came to Medina and its climate did not suit them. So the Prophet ordered them to go to the herd of (Milch) camels and to drink their milk and urine (as a medicine). So they went as directed and after they became healthy
Shia person once showed me this Hadith in the Sunni books:
Sahih Al Bukhari - Volume 7, Book 71, Number 590:
Narrated Anas: “The climate of Medina did not suit some people, so the Prophet ordered them to follow his shepherd, i.e. his camels, and drink their milk and urine. So they followed the shepherd that is the camels and drank their milk and urine till their bodies became healthy
http://www.ahlelbayt.com/articles/rebuttals/उरीने
We give you hadith in full and the phrase “To drink urine and milk (as medicine)” is given in red to identify.
The other references in Arabic and their corresponding English references are given for anyone to check so as to prove that these are the hadithes narrated in Sahih Bukhari”- Eleven of them.
233- حَدَّثَنَا سُلَيْمَانُ بْنُ حَرْبٍ قَالَ حَدَّثَنَا حَمَّادُ بْنُ زَيْدٍ عَنْ أَيُّوبَ عَنْ أَبِى قِلاَبَةَ عَنْ أَنَسٍ قَالَ قَدِمَ أُنَاسٌ مِنْ عُكْلٍ أَوْ عُرَيْنَةَ ، فَاجْتَوَوُا الْمَدِينَةَ ، فَأَمَرَهُمْ النَّبِىُّ صلى الله عليه وسلم بِلِقَاحٍ ، وَأَنْ يَشْرَبُوا مِنْ أَبْوَالِهَا وَأَلْبَانِهَا ، فَانْطَلَقُوا ، فَلَمَّا صَحُّوا قَتَلُوا رَاعِىَ النَّبِىِّ صلى الله عليه وسلم وَاسْتَاقُوا النَّعَمَ ، فَجَاءَ الْخَبَرُ فِى أَوَّلِ النَّهَارِ ، فَبَعَثَ فِى آثَارِهِمْ ، فَلَمَّا ارْتَفَعَ النَّهَارُ جِىءَ بِهِمْ ، فَأَمَرَ فَقَطَعَ أَيْدِيَهُمْ وَأَرْجُلَهُمْ ، وَسُمِرَتْ أَعْيُنُهُمْ ، وَأُلْقُوا فِى الْحَرَّةِ يَسْتَسْقُونَ فَلاَ يُسْقَوْنَ . قَالَ أَبُو قِلاَبَةَ فَهَؤُلاَءِ سَرَقُوا وَقَتَلُوا وَكَفَرُوا بَعْدَ إِيمَانِهِمْ ، وَحَارَبُوا اللَّهَ وَرَسُولَهُ
. أطرافه 1501 ، 3018 ، 4192 ، 4610 ، 5686 ، 5727 ، 6802 ، ، 6804 ، 6805 ، 6899
Sahih Al-Bukhari HadithHadith 1.234 Narrated byAbu Qilaba
Anas said, "Some people of 'Ukl or 'Uraina tribe came to Medina and its climate did not suit them. So the Prophet ordered them to go to the herd of (Milch) camels and to drink their milk and urine (as a medicine). So they went as directed and after they became healthy, they killed the shepherd of the Prophet and drove away all the camels. The news reached the Prophet early in the morning and he sent (men) in their pursuit and they were captured and brought at noon. He then ordered to cut their hands and feet (and it was done), and their eyes were branded with heated pieces of iron, They were put in 'Al-Harra' and when they asked for water, no water was given to them." Abu Qilaba said, "Those people committed theft and murder, became infidels after embracing Islam and fought against Allah and His Apostle ."
Sahih Bukhari Arabic Serial Numbers 1501, 3018, 4192, 4610, 5686, 5727, 6802, 6804, 6805, 6899.
अब इतने प्रमाण देने के बाद मुसलमान क्या कहेगे .क्या वे ऊंट की पेशाब पियेंगें ?
ऐसा ही हमारे बेनामी टिप्पणीकार "YM "के साथ हो रहा है ,यद्यपि वह बेनामी बने हुए है ,मुझे पता है कि वह "शिया "हैं और उनको "हमारी अंजुमन 'के लोगोंने हमसे भिड़ने के लिए अकेले ही मैदान में उतार दिया है .YM का मतलब "या मौला 'है जो अंजुमन का नारा है .इन बेनामी महोदय ने अपना होश खोकर कभी मुझे शराबी ,अय्याश ,इसराएल का एजेंट तक कह डाला . यहांतक कि बौखलाहट में एक कमेन्ट में लिख दिया कि मैं जो भी लिखता हूँ वह "गौमूत्र "पीकर लिखता हूँ .
शायद उन्हें और बाकी मुसलमानों को यह पता नहीं होगा कि मुहम्मद ऊंट का पेशाब पीता था .और उससे बीमार मुसलमानों का इलाज भी करता था.यहांतक जो भी बद्दू मुसलमान बनाता था उसे भी पाहिले ऊंट की पेशाब पिलाता था .
मुहमद के समय अरब के बद्दू गरीब और बेकार थे .उन्हें मुहम्मद जिहाद के लिए बुला लेता था वह भी लूट के हिस्से की लालच में मक्का पहुच जाते थे .बद्दू मूर्तिपूजक थे .और अनपढ़ थे . मुहम्मद ने उन्हें जिहाद के लिए उपयुक्त समझा .
इसी तरह अरब के "उकल और उरैना "के कबीले के लोग जब मुहमद से मिलने मक्का गए तो उनकी तबीयत ख़राब हो गयी .क्योंकि मक्का का मौसम (climate )उनको माफिक नहीं आरहा था .जब मुहम्मद को यह पता चला तो उसने उन बद्दुओं को ऊंट की पेशाब पीने का आदेश दिया .और कहा यह एक कारगर दवा है .जिसे मैंने भी आजमाया है .बाद में कुछ महीनों में बद्दू उस इलाज से स्वस्थ हो गए और जिहाद पर जाने लगे .
यह सारा लेख हम प्रमाणिक हदीसों से दे रहे है .पाहिले हम हिन्दी में इसका प्रमाण देंगे ताकि सब समझ सकें ,फिर अंगरेजी और अरबी की मूल हदीसें देंगे ,ताकी मुसलमान यह आरोप न लगाएं की हम तोड़ मरोड़ कर बात करते है .
1 -मुहम्मद ने मुसलमानों को ऊंट की पेशाब पिलायी
"अनस ने कहा की "उक्ल और उरैना "के लोगों की शिकायत है कि,उन लोगों को मक्का का मौसम माफिक नहीं अ रहा है ,और वे बीमार हो रहे है .रसूलल्लाह ने आदेश दिया कि उनको ऊँटों के ल्हुन्द के पास ले चलो .फिर रसूल ने उन लोगों से कहा तुम ऊंट की पेशाब पीया करो .यह एक कारगर और आजमाई हुई दवा है ,लोगों ने ऐसा ही किया .कुछ समय में वे स्वस्थ हो गए "
बुखारी -(वुजू )जिल्द 1 किताब 4 हदीस 234
बुखारी -जिल्द 8 किताब 82 हदीस 794
2 -नए मुसलमान ऊंट की पेशाब पीते थे
"फिर इसके बाद जो भी व्यक्ति मुसलमान बनने के लिए रसूल के पास आता था वे उसे ऊंट की पेशाब जरूर पिलाते थे .रसूल फरमाते थे कि ऊंटों की पेशाब मुफीद होती है और कारगर दवा होने के कारन मैं भी इसका इस्तेमाल करता हूँ .
बुखारी -जिल्द 7 किताब 71 हदीस 590
अब हम यही हवाला अंगरेजी में दे रहे है -
Narrated Abu Qilaba: "Anas said, "Some people of 'Ukl or 'Uraina tribe came to Medina and its climate did not suit them. So the Prophet ordered them to go to the herd of (Milch) camels and to drink their milk and urine (as a medicine). So they went as directed and after they became healthy, they killed the shepherd of the Prophet and drove away all the camels. The news reached the Prophet early in the morning and he sent (men) in their pursuit and they were captured and brought at noon. He then ordered to cut their hands and feet (and it was done), and their eyes were branded with heated pieces of iron, They were put in 'Al-Harra' and when they asked for water, no water was given to them." Abu Qilaba said, "Those people committed theft and murder, became infidels after embracing Islam and fought against Allah and His Apostle . (Sahih Bukhari, Ablutions (Wudu'), Volume 1, Book 4, Number 234)"
Narrated Abu Qilaba:
Anas said, "Some people of 'Ukl or 'Uraina tribe came to Medina and its climate did not suit them. So the Prophet ordered them to go to the herd of (Milch) camels and to drink their milk and urine (as a medicine). So they went as directed and after they became healthy
Shia person once showed me this Hadith in the Sunni books:
Sahih Al Bukhari - Volume 7, Book 71, Number 590:
Narrated Anas: “The climate of Medina did not suit some people, so the Prophet ordered them to follow his shepherd, i.e. his camels, and drink their milk and urine. So they followed the shepherd that is the camels and drank their milk and urine till their bodies became healthy
http://www.ahlelbayt.com/articles/rebuttals/उरीने
We give you hadith in full and the phrase “To drink urine and milk (as medicine)” is given in red to identify.
The other references in Arabic and their corresponding English references are given for anyone to check so as to prove that these are the hadithes narrated in Sahih Bukhari”- Eleven of them.
233- حَدَّثَنَا سُلَيْمَانُ بْنُ حَرْبٍ قَالَ حَدَّثَنَا حَمَّادُ بْنُ زَيْدٍ عَنْ أَيُّوبَ عَنْ أَبِى قِلاَبَةَ عَنْ أَنَسٍ قَالَ قَدِمَ أُنَاسٌ مِنْ عُكْلٍ أَوْ عُرَيْنَةَ ، فَاجْتَوَوُا الْمَدِينَةَ ، فَأَمَرَهُمْ النَّبِىُّ صلى الله عليه وسلم بِلِقَاحٍ ، وَأَنْ يَشْرَبُوا مِنْ أَبْوَالِهَا وَأَلْبَانِهَا ، فَانْطَلَقُوا ، فَلَمَّا صَحُّوا قَتَلُوا رَاعِىَ النَّبِىِّ صلى الله عليه وسلم وَاسْتَاقُوا النَّعَمَ ، فَجَاءَ الْخَبَرُ فِى أَوَّلِ النَّهَارِ ، فَبَعَثَ فِى آثَارِهِمْ ، فَلَمَّا ارْتَفَعَ النَّهَارُ جِىءَ بِهِمْ ، فَأَمَرَ فَقَطَعَ أَيْدِيَهُمْ وَأَرْجُلَهُمْ ، وَسُمِرَتْ أَعْيُنُهُمْ ، وَأُلْقُوا فِى الْحَرَّةِ يَسْتَسْقُونَ فَلاَ يُسْقَوْنَ . قَالَ أَبُو قِلاَبَةَ فَهَؤُلاَءِ سَرَقُوا وَقَتَلُوا وَكَفَرُوا بَعْدَ إِيمَانِهِمْ ، وَحَارَبُوا اللَّهَ وَرَسُولَهُ
. أطرافه 1501 ، 3018 ، 4192 ، 4610 ، 5686 ، 5727 ، 6802 ، ، 6804 ، 6805 ، 6899
Sahih Al-Bukhari HadithHadith 1.234 Narrated byAbu Qilaba
Anas said, "Some people of 'Ukl or 'Uraina tribe came to Medina and its climate did not suit them. So the Prophet ordered them to go to the herd of (Milch) camels and to drink their milk and urine (as a medicine). So they went as directed and after they became healthy, they killed the shepherd of the Prophet and drove away all the camels. The news reached the Prophet early in the morning and he sent (men) in their pursuit and they were captured and brought at noon. He then ordered to cut their hands and feet (and it was done), and their eyes were branded with heated pieces of iron, They were put in 'Al-Harra' and when they asked for water, no water was given to them." Abu Qilaba said, "Those people committed theft and murder, became infidels after embracing Islam and fought against Allah and His Apostle ."
Sahih Bukhari Arabic Serial Numbers 1501, 3018, 4192, 4610, 5686, 5727, 6802, 6804, 6805, 6899.
अब इतने प्रमाण देने के बाद मुसलमान क्या कहेगे .क्या वे ऊंट की पेशाब पियेंगें ?
Writer's Blog:www.bhandadodu.blogspot.com
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