मनोज वर्णवाल की विशेष रिपोर्ट
हिन्दू महासभा के स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय ने दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच के मुख्य कार्यवाहक न्यायधीश ए0 के0 सीकरी एवं न्यायधीश राजीव सहाय एंडले की अदालत में एक याचिका डाली। ज्ञात रहे कि हिन्दू महासभा के नाम से कुछ छद्म संगठन खड़े हो गये हैं और वे अपने आप को हिन्दू महासभा का पदाधिकारी बताते हैं। और तो और हिन्दू महासभा के नाम पर लोगों से ठगी भी कर रहे हैं जबकि हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी भंग हो चुकी है एवं संगठन में नये सिरे से चुनाव कराया जा रहा है।
उपरोक्त घटनाओं की सूचना चुनाव आयोग को दे दी गयी थी। सनद रहे कि हिन्दू महासभा एक राजनैतिक संगठन है व चुनाव आयोग से पंजीकृत है। हिन्दू महासभा के नाम पर खड़े ये छद्म संगठन हिन्दू महासभा के नाम से चुनाव लड़ाने के लिये छद्म पार्टी के रूप में टिकट भी दे रहे हैं। इस पर संगठन ने संज्ञान लेते हुये हिन्दू महासभा की स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय को संगठन ने अधिकार दिया कि वे इस पर चुनाव आयोग से इन छद्म पदाधिकारियों पर तुरंत कार्यवाही करवायें। मामले को गंभीर देखते हुये इस पर तुरंत एक याचिका उच्च न्यायालय में डाली गयी थी और माननीय उच्च न्यायालय की डबल बेंच की पीठ में इस पर कार्यवाही हेतु चुनाव आयोग से 19 जनवरी, 2012 को जवाब मांगा है।
ज्ञात रहे कि श्रीराम जन्म भूमि का मुकदमा और पाकिस्तान से आये हुये हिन्दू शरणार्थियों का मुकदमा केन्द्रीय उच्चाधिकार समिति एवं स्वागत समिति ही लड़ रही है। अभी हाल में पाकिस्तान से आये 151 हिन्दुओं पर इसी बेंच ने फैसला सुनाया था और इन हिन्दुओं को पाकिस्तान जाने से रोका था।
हमें सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ है कि स्वामी चक्रपाणी नाम का एक व्यक्ति जिसका असली नाम राजेश श्रीवास्तव है, बाद में इस व्यक्ति ने अपना नाम राजेश भारती कर लिया। इसने अचानक अपने आप को स्वत: संत घोषित कर लिया जब हमनें पूछा कि आप किस मत के संत है या किस अखाड़े से जुड़े हैं इस पर वो गोल-मोल सा जवाब देने लगे। यहीं तक नही षडयंत्र करके इन्होंने अपने आपको हिन्दू महासभा का छद्म पदाधिकारी कहलाना शुरू कर दिया। यहां तक कि श्रीराम जन्मभूमि मसले पर अपने आपको हिन्दू महासभा का छद्म पदाधिकारी बताकर एक कैवियेट उच्चतम न्यायालय में दाखिल किया था। इसको भी माननीय उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया और हिन्दू महासभा स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय और उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की याचिका को स्वीकारा। और आगे, हिन्दू महासभा की महासमिति और केन्द्रीय उच्चाधिकार समिति स्वागत समिति के नेतृत्व में चुनाव कराकर अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनेंगी। माननीय न्यायालय के द्वारा स्वागत समिति इन फर्जी पदाधिकारियों पर कार्यवाही करवायेगी। यह याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता वी0एस0 विलोरिया एवं अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह और अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह, इन तीनों अधिवक्ताओं ने हिन्दू महासभा की ओर से पेश होकर हिन्दू महासभा का पक्ष रखा।
No comments:
Post a Comment