रविन्द्र कुमार द्विवेदी
मधुर भंडारकर (मराठी: मधुर भांडारकर) का जन्म - 26 अगस्त 1968 में हुआ था। भंडारकर एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता भारतीय फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता हैं. उन्हें विशेष कर चांदनी बार (2001), पेज 3 (2005), ट्रैफिक सिग्नल (2007) और फैशन (2008) जैसी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के लिए जाना जाता है. उन्होंने ट्रैफिक सिग्नल के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था।
प्रीती जैन नाम की लड़की जो संपन्न घराने से ताल्लुकात रखती थी जिसके पिता विदेशों में भारत के उच्चायुक्त रह चुके हैं, कि दिली तमन्ना फिल्म में हीरोइन बनने की थी। सुश्री जैन का फिल्म इंडस्ट्री में पदार्पण 1999 के आस-पास हुआ। और उनकी मुलाकात फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर से हुयी। ज्ञात रहे कि लड़कियों को फिल्म में हीरोइन बनाने का झासा देकर शारीरिक शोषण करने का चलन कोई नया नही है, प्रीती हवस के भूखे मधुर के जाल में फंस गयी। यहीं से शुरू हुआ प्रीती जैन के शारीरिक शोषण का सिलसिला जो बदस्तूर कई सालों तक जारी रही।
मधुर ने अपनी बात में कहा है कि मुझे 12 जुलाई 2004 को प्रीति ने एक क़ानूनी नोटिस भेजा था जिसमें यह बात लिखी थी कि अगर मैंने उन्हें 48 घंटों के भीतर अपनी फिल्म में कास्ट नहीं किया तो वह अदालत में मेरे खिलाफ शादी का झांसा देने, वादा कर मुकर जाने और धोखाधड़ी का केस दायर करेंगी। उस नोटिस में कहीं भी मुझपर बलात्कार के आरोप नहीं लगाये गए थे।
प्रीति ने 24 जुलाई 2004 को एक बार फिर से मधुर के खिलाफ बलात्कार के आरोप लगाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जिसमें मधुर को जमानत मिल गई। सुश्री जैन ने वर्ष 2009 में अंधेरी की अदालत में याचिका दाखिल करके आरोप लगाया था कि फिल्म निर्देशक ने वर्ष 2004 में उसके साथ बलात्कार किया था। लेकिन एक बार फिर से कोर्ट ने इस केस को री-ओपन कर दिया है।
इसके बाद प्रीती का दुर्भाग्य ने पीछा नही छोड़ा। फिर प्रीती जैन को सोहेल खान नाम का म्यूजिक डायरेक्टर मिला जिसने प्रीती के साथ काफी हमर्ददी दिखायी और कहा कि मैं तुमसे बेइंतहा मोहब्बत करता हूं। मैं तुम्हारे अंदर हीरोइन बनने के ख्वाब को पूरा करूंगा। भावनाओं के आवेश में प्रीती इन फिल्म इंडस्ट्री के जिस्मानी गोस्त के भूखे दरिंदों को पहचानने में भारी भूल की। सुहैल ने भी प्रीती को शादी का झांसा देकर उसके जिस्म का भरपूर दोहन किया। बाद में सुहैल प्रीती से किये अपने सारे वायदे से मुकर गया।
इसके बाद में प्रीति ने सोहेल खान, म्यूजिक डायरेक्टर को भी क़ानूनी नोटिस भेजकर बताया कि वह उनके बच्चे की मां बनने वाली है, इतना ही नहीं उन्होंने नोटिस में डीएनए टेस्ट के जरिए इस बात की पुष्टि भी करने की बात कही थी। प्रीति ने नोटिस में सोहेल को यह कहा कि अगर उन्होंने उनके बच्चे को नहीं अपनाया तो वह सात दिनों के अंदर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगी।
मधुर भंडारकर मुंबई के उपनगर खार की वीडियो कैसेट लाइब्रेरी में काम करते थे. इससे उन्हें फिल्मों के एक बड़े संग्रह का उपयोग करने का मौका मिला और इसके माध्यम से उन्होंने फिल्म-निर्माण का अध्ययन किया.
निर्माण में अपने कौशल का प्रयोग करने के बाद और फिल्म निर्देशक अशोक गायकवाड़ के साथ सहायक के रूप में काम करने की अन्य कोशिशों के बाद वे राम गोपाल वर्मा के सहायक बने. उन्होंने उनकी 1995 की रंगीला फिल्म में एक छोटी सी भूमिका भी निभाई. उसी वर्ष उन्होंने एक टीवी धारावाहिक 'अपने रंग हजार' में एक पायलट प्रकरण बनाया, लेकिन सफलता नहीं मिली. दो वर्षों बाद उन्होंने त्रिशक्ति के साथ बतौर निर्देशक के रूप में काम किया और इस फिल्म के निर्माण में दो वर्ष से भी अधिक का समय लगा और 1999 में इसे जारी किया गया. इस फिल्म में अपेक्षाकृत कम जाने-माने कलाकारों को लिया गया और मोटे तौर पर बॉक्स ऑफिस पर इसे नजरअंदाज किया गया. दो वर्षों के बाद उन्होंने 2001 में चांदनी बार का निर्देशन किया जिसमें तब्बू और अतुल कुलकर्णी ने अभिनय किया
मधुर भंडारकर को स्कूल के अनुशासन को भंग करने के कारण स्कूल से निकाल दिया गया था. मधुर भंडारकर के पिता रामचंद्र भंडारकर एक बिजली के ठेकेदार थे, लेकिन जब मधुर लगभग बारह वर्ष के थे, तो व्यापार में पिता को भारी नुकसान हुआ और मधुर को अध्ययन के साथ-साथ काम भी करना पड़ा.मधुर के पिता रामचंद्र भंडारकर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाये गये थे। जिसके एवज में उनके पिता को एक साल की बामुशक्कत सजा हो चुकी थी। ये एक साल की सजा अंडर सी-कस्टम एक्ट के तहत हुयी है। अदालत की टिप्पणी थी कि इसी रूट से अवैध व्यापार करने वाले एके-47 राइफल आदि लाते हैं। और तो और आतंकी, राष्ट्रद्रोहियों को भी भंडारकर परिवार पनाह देता था। मधुर भंडारकर चकलाघर, ब्लू फिल्मों का भी भारी व्यापार खड़ा किये थे। जिसे दूर-दूर तक सप्लाई करने जाते थे।
मधुर भंडारकर चपरासी के रूप में एक वीडियो की दूकान पर काम किया और डांस बार लड़कियों से लेकर फिल्मी सितारे तक कई क्षेत्रों में लोगों को कैसेट देने जाते थे. साथ ही उन्होंने ट्रैफिक सिग्नलों पर च्विंग गम बेचने का काम किया, और एक थोड़े समय के निर्देशक के साथ सहायक के रूप में काम किया, और इस काम के लिए उन्हें वेतन के रूप में 1000 रुपए मिलते थे.
उन्होंने दुबई की भी यात्रा की जहां उनके एकलौते भाई, और बड़ी बहन काम की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे. अपने जीवन के संघर्षों के समय वह भीड़ भरी बसों में यात्रा करते थे और जिन लोगों ने उनकी फिल्मों में कोई भूमिका की थी वे उन्हें कभी-कभी बैठने की जगह दे देते थे जिससे उन्हें बेहद शर्मिंदगी का एहसास होता था. ( 27 सितम्बर 2009 में जैसा कि खुद भंडारकर ने सुदेशना चटर्जी को बताया था)) वे हिंदू भगवान सिद्धिविनायक के बड़े भक्त हैं और खार में जब भी वे शहर में होते हैं अपने निवास से बिना चप्पल के मंगलवार को प्रभादेवी के मंदिर जाते हैं. उनके अनुसार फिल्म कॉर्पोरेट सबसे मुश्किल फिल्म थी क्योंकि अपनी पिछली फिल्म में पेज 3 संस्कृति को उघाड़ने के कारण कॉर्पोरेट लोगों ने उन्हें दूर ही रखना चाहा. पेप्सी - कोक विवाद से उन्होंने फिल्म कॉर्पोरेट से सीख ग्रहण किया. उनके कॉर्पोरेट फिल्म के बाद उन्हें विभिन्न मैनेजमेंट छात्रों के सामने कॉर्पोरेट मुद्दों पर भाषण के लिए आमंत्रित किया गया, हालांकि उन्होंने स्नातक की भी डिग्री नसीब नहीं है. (26 नवंबर 2008 को आईबीएन लोकमत टीवी चैनल पर साक्षात्कार में) भंडारकर ने मुंबई में 15 दिसंबर 2003 को अपनी प्रेमिका रेणु नंबूदिरी भंडारकर से विवाह की. अभी उनकी एक बेटी है जिसका नाम सिद्धि है.
जुलाई 2004 को, उन पर कास्टिंग काउच का आरोप लगाया गया और प्रीति जैन ने जब अदालत का दरवाजा खटखटाया तब यह एक बड़ा मामला बन गया. उसने कहा कि वह 1999 से 2004 तक उनके साथ हमबिस्तर हो रही थी क्योंकि उन्होंने एक फिल्म में भूमिका और शादी करने का वादा किया था. सितम्बर 2005 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसने उन्हें मारने के लिए अंडरवर्ल्ड को 70,000 दिए थे.
हालांकि जनवरी 2006 में वर्सोवा पुलिस स्टेशन ने अंधेरी में रेलवे मोबाइल कोर्ट पर मजिस्ट्रेट को इनके खिलाफ मामले को वर्गीकरण करने के लिए पूछा क्योंकि जांच के दैरान पुलिस ने भंडारकर के खिलाफ दाखिल मामले से संबंधित शिकायत को पूरी तरह गलत पाया था इसीलिए इस मामले को पूरी तरह से रद्द करने के लिए कहा.
सूत्रों से यह ज्ञात हुआ है कि राष्ट्रीय महिला आयोग अतिशीघ्र स्थानिय पुलिस और न्यायालय को एक पत्र लिखने वाला है कि फिल्म इंडस्ट्री में मधुर भंडारकर और सुहैल खान जैसे लोगों पर कानूनी कारवायी की जाये ताकि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं का शोषण बंद हो, और इस तरह के शोषण व जघन्य कुकर्म करने वालों को ऐसी सजा मिले जिससे इस तरह के अपराधी ऐसे अपराध करने से डरें।