ये चित्र सोमालिया का है, जहां मुस्लिम आतंकियों ने इस बच्चे की मां को मार डाला
डॉ0 संतोष राय की कलम से
इस बच्चे को जरा गौर से देखें, यह विलख-विलख कर अपनी मां के लिये रो रहा है। इसकी मां उठ
नही रही हैं। ये बच्चा अपनी मां के आंचल पकड़ कर खींच रहा है। बच्चा रोता जा रहा
है कि मां उठ जायेगी। लेकिन इस बच्चे को ये पता नही है कि इसकी मां सदा के लिये
सो गयी है। बच्चे को क्या पता वो अपनी
मां को चिरनिद्रा से जगाना चाह रहा है।
मित्रों इस तस्वीर को देखकर बरबस ही मेरे
आंखों से आंसू बह निकले। आपको हम बतादें कि इसकी मां को इस्लामिक आतंकवादियों ने
मार डाला है। ये सोमालिया की घटना है। सोचिये उन मुस्लिम आतंकवादियों का इस नन्हें से
बच्चे ने क्या बिगाड़ा था जो बिना किसी गलती के ही मां से बिछड़ने की सजा पा रहा
है।
आज मुस्लिम विद्वान इस्लाम को मानवता का धर्म
बताते हैं, लेकिन कुरान में एकदम स्पष्ट लिखा है
कई जगहों पर कि जिसका इस्लाम में ईमान न हो उसे मार डालो,
इस्लाम पर इमान न लाने वाला काफिर है।
मुस्लिम
नेता हमेशा लोगों के दिमागों में यही बात ठूंसने की कोशिश करते रहते हैं कि इस्लाम
एक शांति का धर्म है . और उसका आतंकवाद से कोई सम्बन्ध नहीं है .लेकिब जब भी कोई
मुस्लिम आतंकवादी पकड़ा जाता है , तो
यह मुल्ले मौलवी और नेता चुप्पी साध लेते .या कहने लगते हैं कि आतंकवादियों का कोई
धर्म नहीं होता है .लेकिन मुस्लिम आतंकवादियों को बचाने के लिए मानव अधिकारों की
दुहाई देकर दिग्विजय सिंह और तीस्ता सीतल वाड जैसे लोग आगे हो जाते हैं .वास्तव
में ऐसे लोग वही होते हैं ,
जो यातो वर्ण संकर यानि दोगले होते हैं
, या जिनको मुस्लिम देशों से धन मिलता है
,या फिर वह लोग होते हैं जिनको इस्लाम
और मुसलमानों की मानसिकता के बारे में ठीक से ज्ञान नहीं होता है .चूँकि लोगों को
इस्लाम का सही ज्ञान देना बहुत जरूरी है ,इसलिए
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी जा रही हैं .जो कुरान और हदीसों पर आधारित हैं .
क्योंकि मुसलमान इन्हीं का पालन करते हैं .
कुछ मुर्ख लोग इस्लामी आतंकवाद का कारण, मुसलमानों पर किये गए , अन्याय , अत्याचार , भेदभाव और उपेक्षा को बताते हैं , लेकिन मुसलमान आतंकवाद को इस्लाम का
शुद्ध रूप मान उस में आनंद प्राप्त करते है , जैसा
कि ईरान के मुल्ला आयातुलाह खुमैनी ने कहा है .
इस्लाम
का असली आनंद लोगों कि हत्या करना और अल्लाह के लिए मर जाने ने है .
"The purest joy in Islam is to kill and be killed for Allah
"
"وأنقى الفرح
في الإسلام هو القتل، ويقتل في سبيل الله "
अब्दुल्लाह बिन किस ने कहा , एक बार रसूल एक व्यक्ति से लड़ रहे थे
. तो उन्होंने अपनी तलवार लहराते हुए चिल्ला कर कहा , सुन लो जन्नत का दरवाजा तलवारों के
साये तले होता है . यह सुनते ही अबू मूसा ने म्यान से तलवार निकाली, और नंगी तलवार लेकर रसूल के
प्रतिद्वंदी की तरफ दौड़ा और उसे क़त्ल कर दिया ".सही मुस्लिम -किताब 20 हदीस
4681
क्योकि
इस्लाम की मान्यता है , जन्नत का द्वार तलवारों के साये के तले
होता है .इसलिए मुसलमानों के लिए हत्याएं करना और जिहाद करना जरुरी है चाहे किसी
ने उनका कुछ भी बुरा नहीं किया हो .
मुसलमान किसी भी देश में रहें हमेशा फसाद करते
रहते है , कई लोग इसका कारण राजनीतिक व्यवस्था और
भ्रष्ट सरकारें बताते हैं ,
लेकिन असली कारण कुरान है , जो कहती है ,
وَأَعِدُّواْ لَهُم مَّا اسْتَطَعْتُم مِّن
قُوَّةٍ وَمِن رِّبَاطِ الْخَيْلِ تُرْهِبُونَ بِهِ عَدْوَّ اللّهِ وَعَدُوَّكُمْ
وَآخَرِينَ مِن دُونِهِمْ لاَ تَعْلَمُونَهُمُ اللّهُ يَعْلَمُهُمْ وَمَا
تُنفِقُواْ مِن شَيْءٍ فِي سَبِيلِ اللّهِ يُوَفَّ إِلَيْكُمْ وَأَنتُمْ لاَ
تُظْلَمُونَ. سورة الأنفال- Al-Anfâl -8:60
तुम
आसपास के सभी लोगों से लड़ते रहो , चाहे
तुम उनको जानते भी नहीं हो , और
युद्ध के लिए सभी साधनों ( टैंक , हवाई
जहाज , मिसाइल ,और तोपें ) का प्रयोग करो .ताकि लोग भयभीत रहें .और लड़ाई के लिए तुम
जो भी खर्चा करोगे अलह उसकी पूर्ति कर देगा , और
अल्लाह अन्याय नहीं करता " सूरा -अनफ़ाल 8 :60
भले दुनिया बहार के लोग और सुप्रीम कोर्ट भी
जिहादी आतंकवादियों को अपराधी साबित कर दे लेकिन मुसलमान उनको महान और व्यक्ति और
निर्दोष मानते रहेंगे . क्योंकि अल्लाह की नजर में उनका दर्जा सबसे बड़ा है .
जो
लोग ईमान लाये और अल्लाह की राह में अपनी जानों से जिहाद किया अल्लाह के यहाँ
सिर्फ उनके लिए बड़ा दर्जा है " सूरा - तौबा 9 :20
यही
कारण है कि अजमल कसाब विरुद्ध सभी प्रमाण होने के बाद भी एक भी मुसलमान उसे अपराधी
नहीं मानता.
मुसलमानों का दावा है कि उनका अल्लाह बड़ा
न्यायकारी और सर्वज्ञ है ,
लेकिन अल्लाह पूरा सनकी ,और पागल है , क्योंकि वह लोगों के कर्मो का फैसला
कर्मो के गुण दोषों के आधार नहीं बल्कि कर्मों का वजन तौल कर करता है .
हम
कियामत के दिन इंसाफ का तराजू रखेंगे और हिसाब करने के लिए हम काफी हैं "
सूरा -अल अम्बिया 21 :47
अल्लाह
के इसी सनकी इंसाफ के अनुसार आतंकवादी तौल पर सभी मुसलमानों पर भारी पड़ते है ,
अबू हुरैरा ने कहा , रसूल ने कहा ,जब अल्लाह लोगों के कर्मो को तौलेगा , तो ,जो लोग नमाजें पढ़ते हैं और रोजे रखते हैं ,उनकी तुलना में जो जिहाद करते है और
लोगों को मारते हैं , या खुद मर जाते हैं , उनका वजन अधिक निकलेगा . और अल्लाह
उन्हीं जो जन्नत में जाने देगा ."
बुखारी
-जिल्द 4 किताब 52 हदीस 46
अबू हुरैरा ने कहा कि एक बार रसूल ने कहा , मैंने हमेशा आतंक से ही जीत हासिल कि
है . और जब में सो रहा था अल्लाह ने मुझे दुनिया के सभी खजानों कि चाभी दे कर कहा
था , अपने लोगों से कहो वह दुनिया की
सम्पूर्ण दौलत लूट कर तुम्हारे सामने रख दें , और
दूसरों के लिए कुछ भी नहीं छोड़ें "
बुखारी
- जिल्द 4 किताब 52 हदीस 220
मुसलमानों
कि वकालत करने वाले लोगों को पता होना चाहिए कि इस्लाम विश्व में शांति नहीं , बल्कि आतंकवाद से मरघट जैसा सन्नाटा
फैलाना चाहता है .
अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि इस्लाम कोई धर्म है ही नही इसका निचोड़ ही लूट, हिंसा और बलात्कार है। अभी इनोसेंस ऑफ मुस्लिम फिल्म आयी उसमें सब कुछ सच-सच दिखाया गया मगर मुसलमान पचा नही पाये। इस्लाम में मतांतरित करने से पहले
इन सब बुराइयों के बारे में नही बताया जाता।
आज जहां भी
मुस्लिम बहुसंख्यक के रूप में हैं वहां मार-काट मची हुयी है।
समय रहते ऐसे धर्म जो धर्म के नाम पर अधर्म व मानवता के
विरूद्ध कार्य करता हो उस पर पाबंदी लगनी चाहिये। नही तो ऐसे पता नही कितने मासूम बच्चे
अनाथ होते रहेंगे, मां के कोख उजड़ते रहेंगे, बहनों के सिंदूर मिटते रहेंगे। विश्व के हिन्दुओं जागो और इस इस्लाम रूपी
दैत्य का विनाश करदो।
No comments:
Post a Comment