विश्व
में फैलता इस्लामिक आतंकवाद ?
डॉ0 संतोष राय
सही मायने में देखा जाये तो इस्लामिक
आतंकवाद तलवार के बल से, जबरन धर्मांतरण व ज्यादा बच्चे पैदा
करने से बढ़ा है। लेकिन इसमें आतंकवाद यानी बम विस्फोट व मार-काट, तलवार की धारों ने इस धर्म को बढ़ाने में ज्यादा मदद की है। आज लगभग
पूरा विश्व इस्लामिक आतंकवाद की चपेट में है। यदि पूरा विश्व इस्लामिक आतंकवाद
से बचना चाहता है तो एक बार इस्लाम वनाम् मानवता का युद्ध करना होगा। पूरे विश्व को इस्लाम
से लड़ना ही होगा। वर्ना एक ऐसा धर्म जो पैचाशिकता, अशिक्षा, मानवता की हत्या करना सिखाता है, का बोलबाला हो जायेगा।
इस्लामिक
आतंकवाद की शुरूआत सौदी अरब में मुहम्मद
के जन्म के (इस 570) समय ज्यादातर लोग यहूदी (Jew) और ईसाई (Christian)
धर्मावलंबी थे, और कुछ आदिवासियों का अलग धर्म था जो
अब लुप्तप्राय हो चुका है। वहां पर आतंक
फैला कर मुहम्मद और उसके अनुयायियों ने जनता को मुसलमान बनाया और सउदी अरब को
तलवार के बल से इस्लामी देश बना दिया।
तत्पश्चात
सउदी अरब के मुस्लिमों ने कुरान से प्रभावित होकर यमन, फिलिस्तीन, इजिप्त, जोर्डन आदि यहूदी (Judaism) धर्मी
राष्ट्रों पर जबरजस्त हमला कर मुस्लिम देशों में बदल दिया। यही प्रक्रिया आज इस्लामी
जेहादी पूरे विश्व में अपनाये हुये हैं। देखते-देखते पड़ोस के उत्तरी अफ्रीका, ओमान, टर्की, ईराक आदि ईसाई देशों में ये हमला कर
मुसलमान बनाया। इन देशों में जमकर कत्लेआम
हुआ। जो मुसलमान नही बनें उन्हें मौत के घाट उतार दिया, उनकी मां-बहनों के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। ईसाई, यहूदियों की संपत्तियां छीन ली गयी।
इधर, जहां
कभी एक समय भारत का भगवा लहराता था, ईरान
एक पारसी (Zoroastrian) देश था, लेकिन ईरान के पारसी धर्मावलंबियों के साथ जिस जघन्यता, क्रूरता से मुसलमान बनाया गया उसे
इतिहास न कभी भूलेगा न ही इन इस्लामिक
दरिंदों को क्षमा करेगा। आज यह विश्वास ही नही होता कि ईरान में पारसी धर्म भी
था। वहां पारसी धर्म एकदम से लुप्त हो गया। कुछ
पारसी वहां से भाग कर गुजरात में
आकर बस गये।
अफगानिस्तान
जो महाभारत काल में गांधार के नाम से जाना
जाता था, वो भी इस्लाम की काली छाया से न बच
पाया, यहां बौद्ध (Buddhism) धर्म का भारी प्रभाव था। यहां पर भी
इस्लामिक जेहादियों ने भारी रक्तपात किया, फिर
इसे भी इस्लामी देश बना दिया। बामियान की
बौद्ध की मुर्तियों को तालिबान ने तोपों
से उड़वा दिया, सारी दुनिया में जिसका भारी विरोध हुआ मगर इस्लामिक दरिंदों के कान
पर किसी भी तरह से जूं नही रेंगी।
इसी
तरह पाकिस्तान जो कभी भारत का हिस्सा था।
यहाँ पंजाब, सिंध राज्यों में हिन्दू राजा थे
जिनकी राजशाही हिन्दू रीति-रिवाजों के आधार पर चलता था। मगर यहां भी इस्लामिक
क्रूर पंजों ने उसे अपने गिरफ्त में ले लिया। जो भी हिंदू राजा थे उनकी क्रूरतम
पूर्वक हत्या कर दी गयी,
हिंदू जनता को बलपूर्वक इस्लाम स्वीकार करवाया गया। इसी तहर हजारों
साल तक भारत में राज करने वाले मुगलों ने करोड़ों लोगों का कत्लेआम किया, करोड़ों को मुसलमान बनाया, लेकिन वे भारत को पूरी तरह इस्लामी
राष्ट्र बनाने में कामयाब नहीं हो सके, भारत
के युवा पीढि़यों को डटकर इस्लामी जेहादियों का मुकाबला करना है वर्ना सत्य
सनातन धर्म बहुत ही मुश्किलों में फंस
जायेगा।
तत्पश्चात
इस्लामिक जेहादी समुद्री यात्राओं के द्वारा मलेशिया और इंडोनेशिया चले जाते हैं।
वहां भी खूब मार-काट कत्लेआम होता है। ये दोनों बौद्ध राष्ट्र आज इस्लामी राष्ट्र
बन चुके हैं। वहां के मुसलमान हिन्दुओं की पूज्य गौमाता की गर्दन काटकर खुले-आम सड़कों पर घूमते हैं और
कहते हैं जो गैर मुसलमान यदि इस्लाम नही
अपनायेगा उसे इसी तरह काट डाला जायेगा।
हिन्दू
भाईयों यदि अभी होश नही संभाला तो फिर देखना अपने बांधव, रिश्तेदारों की हत्या अपने आंखों के
सामने। आपके इन्हीं आंखों के सामने आपकी
मां, बहन, बेटी का बलात्कार होगा आप
कुछ नही कर पाओगे। अभी ज्यादा नही कुछ सप्ताह पूर्व मुलायम पुत्र अखिलेश के राज में, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में मुसलमानों ने एक हिन्दू दलित लड़की के साथ
सामूहिक बलात्कार किया। दलितभाई सब
मिलकर थाने में एफआईआर दर्ज कराने गये तो उन्हें वहां से भगा
दिया गया। जरा सोचें अभी यह हाल है तो आगे
क्या होगा।
आपने
कश्मीर, असम और केरल में देख
ही रहे हैं, मुस्लिम जेहादी यही खेल पूरे देश में
खेलना चाह रहे हैं। यदि आप मुसलमानों और सेकुलरों के बात पर विश्वास करेंगे तो
आपके साथ धोखा होगा। यही स्थिति रही तो एक दिन पूरा भारत मुगलिस्तान बन जायेगा।
इसलिये मेरा यही कहना है कि स्वयं सावधान हो जाइये और आस-पास के लोगों को इस्लामिक
जेहाद के प्रति सावधान करिये।
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