नई दिल्ली
(संवाददाता)। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने आज सरदार भगत सिंह, गोल मार्केट
स्थित कार्यालय में अखण्ड भारत
संकल्प दिवस समारोह मनाया। समारोह
की अध्यक्षता डॉ0 जयवीर भारद्वाज
ने की। उन्होने अपने संबोधन में अखण्ड
भारत के निर्माण को वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया।
श्री भारद्वाज ने
आगे कहा कि हिन्दू महासभा अखण्ड भारत निर्माण के लिये शीघ्र ही भारत सरकार को
ज्ञापन सौंपेगी और अपना आंदोलन तेज करेगी। आगे उन्होने अपने संबोधन में कहा कि
अखण्ड भारत के निर्माण हेतु देश के नौजवानों को हिन्दू महासभा के नेतृत्व में
क्रांति का बिगुल फूंकना होगा। अखण्ड भारत के निर्माण के बिना हिन्द की आजादी
अधूरी है।
इस अवसर पर
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव पं0 बाबा नंद किशोर मिश्रा ने समारोह में उपस्थित कार्यकर्ताओं को अखण्ड भारत के
निर्माण का संकल्प दिलाया। आगे उन्होने कहा कि सन् 1947 में धार्मिक आधार पर पाकिस्तान का निर्माण इस उद्देश्य से
किया गया कि कुछ समय बाद पाकिस्तान पुनः भारत में शामिल हो जायेगा। लेकिन कांग्रेस
की मुस्लिम तुष्टीकरण व छद्म धर्मनिरपेक्ष राजनीति ने अखण्ड भारत के निर्माण के
मार्ग में सबसे बड़ी बाधा बनकर उभरी।
वहीं राष्ट्रीय
उपाध्यक्ष डॉ0 राकेश रंजन सिंह
ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रिटिश हुकूमत ने सन् 1947 में भारत-पाक विभाजन से पहले भी अपनी भारत विरोधी नीतियों
के चलते श्री लंका, भूटान, बर्मा जैसे अन्य कई भारतीय भू-भाग को अखण्ड
भारत से अलग करके भारत की भौगोलिक सीमाओं को संकुचित करने का सफल अभियान चलाते
रहे।
वरिष्ठ नेता व
उत्तर भारत के प्रभारी रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि योजनाबद्ध कार्यक्रम
अपनाकर अखण्ड भारत का निर्माण हो सकेगा। जिसमें शुद्धि अभियान पर हिन्दू महासभा को
विशेष ध्यान देना होगा। यह प्रक्रिया हिन्दू राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर
साबित होगा।
इस समारोह में
सरदार रवि रंजन सिंह, कार्यालय मंत्री
आचार्य मदन, प्रदेश उपाध्यक्ष
जयदीप कपूर, त्रिभुवन सिंह,
निशांत जिंदल, सदस्य उच्चाधिकार समिति एवं केन्द्रीय सलाकार समिति के
सदस्य दर्शन सिंह भल्ला, संजय सिंह चौधरी,
सहित अनेक नेताओं ने अपने विचार प्रकट कर भारत
की एकता और अखण्डता को बनाये रखने का संकल्प लिया।
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