अखिल भारत हिन्दू महासभा के केन्द्रीय उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय
संगठन मंत्री(तदर्थ समिति) डॉ0 संतोष राय ने अपने
लिखित प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश का पालन यदि
दिल्ली नगर निगम, पुरातत्व विभाग एवं
दिल्ली पुलिस लागू करने में असफल है तो यह कार्य हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं
द्वारा किया जा सकता है। यदि इसी प्रकार तीनों विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठी रही तो
हिन्दू महासभा कानून का पालन करने के लिये बाध्य है।
एक बात तो सुनिश्चित है कि यदि उपरोक्त तीनों विभाग मुस्लिम
तुष्टीकरण के कारण कानून का पालन करने में विफल है, इसके साथ इन तीनों
विभागों को एक विशेष समुदाय के आक्रोश का भी डर है। लेकिन वर्तमान दिल्ली सरकार व
केन्द्र सरकार को बहुसंख्यक हिन्दू समाज का तनिक भी चिंता नही है। आगे अखिल भारत
हिन्दू महासभा के नेता डॉ0 संतोष राय ने अपने
बयान में कहा कि हम उच्च न्यायालय के आदेश के पालन की बात कर रहे हैं जिससे इस देश
में जंगल राज न कायम होने पाये।
देश की राजधानी की सुरक्षा करने या न्यायालय के निर्णय के
पालन में यदि केन्द्र सरकार विफल रहती है तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा कर
उसे सेना को सुपुर्द करा देना चाहिए जो न तो अवैध निर्माण में सहयोगी बनेगी और न
ही ऐसे किसी निर्माण को टिकने ही देगी ताकि राजधानी में जंगल राज कायम होने से
रोका जा सके।वर्तमान सरकार राजधानी के हिन्दुओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है।
वह हिन्दुओं के धर्म स्थलों को निशाना बनाना बंद करे।
हिन्दू महासभा के नेता डॉ0 संतोष राय ने आगे अपने बयान में कहा कि दिल्ली पुलिस दोहरा
चरित्र अपनाते हुये उच्च न्यायालय से यह कह रही है की हमारे पास पुलिस बल की भारी कमी है जिसके कारण पांडव कालीन मन्दिर की
दीवार के ऊपर बने अवैध सुभाष पार्क ढाँचे को हम आपके आदेशानुसार नहीं हटा सकते हैं
वहीं दूसरी ओर पुलिस अपने दल बल के साथ कल दोपहर दिल्ली के ही मीरा बाग के बी
ब्लाक स्थित सनातन धर्म मन्दिर को धराशायी करने
पहुँच गयी. आखिर दिल्ली पुलिस का यह दोगला चरित्र हिन्दुआंे के मंदिर को
धराशायी करने के लिये क्यों दिखता है।
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