Friday, April 8, 2011

सावधान ! कपटी मीडिया की चालों को समझें

बलराम                             प्रस्‍तुतिः डॉ0 संतोष राय

पिछले ६ वर्षों से  मनमोहन -सोनिया के घोटाला राज में आम आदमी मंहगाई की मार से तिल -तिल कर मरने पर मजबूर हो रहा है ,इनकी सरकार के लुटेरे मंत्रियों के काले कारनामे जिस प्रकार रोज उद्घाटित हो रहे हैं उससे जनता लुटी पिटी असहाय सी महसूस कर रही है . इन चोर नेताओं और विदेशी आकाओं के इशारों पर धूर्त मीडिया ने पहले तो क्रिकेट का कृत्रिम खुमार पैदा करके सारे  घोटालो को दबाने का भरसक प्रयास किया .बल्कि चोरों के सरदार मनमोहन सिंह ,और घोटालों व षड्यंत्रों की देवी सोनिया मैडम को उसके भोंदू युवराज के साथ हीरो बनाने का भोंडा प्रयास भी किया . पर धन्य हैं "अन्ना हजारे "जिन्होंने अपने अनशन से दुबारा भ्रष्टाचार को मुख्य समाचार बना दिया है .
बंधुओं आपको भी लगता होगा आजकल मीडिया के सभी चैनल भ्रष्टाचार के खिलाफ जी  जान से देशभक्ति में जुटे हैं . मगर सावधान ! इनके कपट को समझने की कोशिश करें .मुझे कुछ  बिंदु ध्यान आये हैं जिन्हें मैं आपके साथ बांटना चाहता हूँ .
१- ५अप्रैल को अन्ना साहिब अनशन पर बैठे ,समाचार बना , पर मनमोहन -सोनिया -भोंदू युवराज कहाँ अय्याशियों में मस्त हैं मीडिया ने बताना जरूरी नहीं समझा बल्कि उमा भारती आदि उन नेताओं को सबसे खतरनाक और बुरा साबित करने पर जुट गए जो अनशन में भाग लेने पहुंचे थे मगर उन्हें मंच पर जाने से रोका गया था .
२.    ६ अप्रैल - सरकार  के मुखिया को अब भी फुर्सत नहीं मिली हाँ अपने भांड मनीष तिवारी के माध्यम से अनशन की हवा निकालने की कोशिश की मीडिया भी उसके बहाने कोशिश में जुटा तो जरूर था मगर जब अनशन कर्ताओं ने मनीष तिवारी की भद्द पीट दी तो मीडिया का रुख बदला ,फिर  कपिल सिब्बलऔर अम्बिका सोनी के बयान से अनशन का मजाक उड़ाने का प्रयास हुआ .
३.  अन्ना  के बयानों के बाद शरद पवार ने मंत्री समूह से इस्तीफ़ा   दिया तो मीडिया में जहां एक और इसे अनशन की भारी विजय बताई गयी वहीँ दूसरी ओर स्टार न्यूज़ का  किशोर अजवानी शरद पवार के साक्षातकार के  बहाने चुपचाप उसके महिमामंडन  में जुट गया .
४. अनशन को ३ दिन हो गए कपिल सिब्बल से बातचीत आरम्भ हुई .सरदार जी और मैडम को अब तक भी प्रतिक्रिया तक देना आवश्यक नहीं लगा .  इस समय भे मीडिया चुपचाप एक प्रयास में लगा  था की गलती से भी चोरों के सरदार और घोटालो की रानी का नाम बदनाम ना हो जाए इसलिए सभी पार्टियों के राजनेताओं को बदनाम करने पर जुट जाओ .
5.  शाम को घोटाला रानी- सोनिया  ( जो शायद अब तक अन्ना के मरने का इन्तजार कर रही थी ) के ह्रदय में अचानक अन्ना के प्रति हमदर्दी  फूट पड़ी हर चैनल पर ब्रेकिंग न्यूज़ चल पड़ी की सोनिया गाँधी ने चिंता जताई , वो ह्रदय से अनशन के पक्ष में है . किसी पत्रकार ने ये सवाल नहीं उठाया की हे लुटेरों की अम्मा ! अगर भ्रष्टाचार की इतनी ही चिंता है तो क्यों डकैतों की नेता बनी हुई है , अगर अन्ना  के प्रति सहानुभूति है तो अपने घर से कुछ दूर जंतर मंतर तक पहुँचने में क्या लूट के पैसों की बोरियां अड़ गई थी ? आई बी एन ७ पर आशुतोष  चालाकी से लोकपाल विधेयक की अनुपयोगिता सिद्ध करने में जुटा रहा
                    अब आप लोग देखते रहिये की  मीडिया  कैसे पूरे प्रकरण का मुख्य  हीरो घोटाला रानी- सोनिया  , भोंदू युवराज और मनमोहन को बना कर कितनी चालाकी से लुटेरों को बचाने में जुटेगा .
                        कल की खबर थी की हसन अली के रिश्ते सलमान और शाहरुख़ खान भांड से हैं  .मीडिया ने गलती से भी खबर सामने नहीं आने दी . इनको भी जल्दी मीडिया सबसे बड़ा समाजसेवक बना के प्रस्तुत कर ही देगा .
                                   जय हो -----------------------------------------------वन्दे मातरम्