डॉ0 संतोष राय की कलम से
जब किसी पुस्तक को धर्मग्रन्थ कहा जाता है ,तो लोगों को ऐसा
लगता है कि जरुर इस पुस्तक में ,जनकल्याण . आत्मोन्नति ,सदाचार और समाजसुधार की शिक्षा दी गयी होगी .कुरान भी एक
ऐसी किताब है ,मुसलमान जिसे
अल्लाह की किताब होने का दावा करते हैं .लेकिन जिस दिन से ही कुरान संकलित की गयी
थी ,उसी समय से ही
आजतक उसकी बेतुकी ,अटपटी ,अर्थहीन और
परस्पर विरोधी बातों पढ़कर लोग कहते हैं कि कुरान अल्लाह की किताब नहीं बल्कि किसी
ऐसे व्यक्ति की रचना है ,जिसका मानसिक
संतुलन ठीक नहीं होगा ,या वह व्यक्ति
अति कल्पनाशील व्यक्ति होगा .या उसे मतिभ्रम हो गया होगा .उस समय जो लोग मुहम्मद
साहब के बारे में ठीक से जानते थे वह मुहम्मद साहब के बारे में जो कहते थे वह
कुरान में इस प्रकार कहा गया है ,
1-दिवास्वप्न का
रोगी
ऐसे लोग जागते हुए भी सपना देखते हैं , और उनको सपने की
बात सच लगती है ,इस रोग को Day dreamigया disambiguation-कहा जाता है
.लोग कहते हैं कि इसकी बातें दिवास्वप्न की तरह
हैं ,जिसे इसने अपनी
कल्पना से गढ़ लिया है "सूरा -अल अम्बिया 21:5
इसी रोग के कारण मुहम्मद साहब को दिन में भी सपने में
अद्भुत नज़ारे दिखते थे . कुरान में कहा है .
शहर के परले पार बेर के पेड़ के पास ,जन्नत के बिलकुल
पास , जब बेर पर कुछ
छाया सी पड़ी तो मैनें अल्लाह की निशानियाँ देखीं "
सूरा -नज्म 53:14 से 18
हदीस में इस आयत का खुलासा इस प्रकार दिया गया है , देखिये यह हदीस ,
अब्दुल्लाह ने कहा कि एकबार रसूल एक पेड़ से टिक कर आराम कर
रहे थे ,तो उन्होंने कहा
मैंने देखा कि पूरे आसमान में क्षतिज तक हरे रंग का गलीचा बिछा हुआ है . फिर
उन्होने कुरान की सूरा-नज्म की 14 से 18 तक की आयत सुना दी
حَدَّثَنَا حَفْصُ بْنُ عُمَرَ، حَدَّثَنَا شُعْبَةُ، عَنِ
الأَعْمَشِ، عَنْ إِبْرَاهِيمَ، عَنْ عَلْقَمَةَ، عَنْ عَبْدِ اللَّهِ ـ رضى الله
عنه – {لَقَدْ رَأَى مِنْ آيَاتِ رَبِّهِ الْكُبْرَى} قَالَ رَأَى رَفْرَفًا
أَخْضَرَ سَدَّ أُفُقَ السَّمَاءِ."
"सही बुखारी
-जिल्द 4 किताब 54 हदीस 456
2- पागल कवि
लोग कहते हैं यह एक पागल कवि है "सूरा -अत तूर 52:30
लोग बोले कि इसके अन्दर पागलपन भरा है "सूरा -अल
मोमिनून 23:70
( there is
madness in him )
लोग खाते हैं कि यह एक उन्मादी कवि है "सूरा -साफ्फात 37:36
3-मुहम्मद चालाकी
जब लोग मुहम्मद को पागल कहने लगे तो उन्होंने लोगों भरोसा
दिलाने के लिए यह आयतें सुना दी .
मुहम्मद को न कोई उन्माद हुआ और न यह भूतग्रस्त है
"सूरा -आराफ 7:184
(Muhamad not mad
and possessed )
हे नबी तुम साथियों से कहो कि तुम्हारा यह साथी (मुहम्मद )
पागल नहीं हुआ "सुरा -तकबीर 81:22
हे नबी तुम खड़े हो जाओ और दो एक अपने लोगों को साथ ले लो
जो लोगों से कहें कि हमारा साथी पागल नहीं हुआ "सूरा -सबा 34:46
" हे नबी तुम पर
तुम्हारे रब की कृपा है कि तुम अभीतक पागल नहीं हुए "सूरा -कलम -68:2
4-पागल कहने से
नाराज
यद्यपि मुहम्मद साहब ने पूरा प्रयास किया कि लोग उनको पागल
नहीं कहें , फिर भी यदि कोई
पागल कह देता था ,तो वह उसे जहन्नम
का भय दिखाते थे ,
और जिन लोगों ने हमारा आदर पूर्वक अभिवादन नहीं किया ,उनके लिए तो
जहन्नम ही ठिकाना है "सूरा -मुजादिला 58:8
5-काल्पनिक
फ़रिश्ता
मुहम्मद साहब ने लोगों में यह बात फैला रखी थी ,कि मैं तो अनपढ़
हूँ ,मैं कुरान की
आयतें कैसे लिख सकता हूँ . मुझे तो अल्लाह अपने खास फ़रिश्ते जिब्रील (Gabriel ) द्वारा कुरान की
आयतें भेजता रहता है .और यह वही फ़रिश्ता है ,जिसका उल्लेख तौरेत और इंजील में किया गया है .मुहम्मद साहब
यही बातें अपनी सबसे छोटी पत्नी आयशा से भी कहते थे .जो एक बच्ची और नादान थी
.मुहम्मद साहब को लगा कि उनकी गप्पों पर आयशा विश्वास कर लेगी . इस लिए एक दिन
उन्हों आयशा से जो कहा था वह इस हदीस में दिया है ,
"अबू सलमा ने कहा
कि अचानक रसूल ने आयशा को पुकार कर कहा ,आयशा वहां देखो जिब्रील खड़ा है ,जो तुम्हें सलाम
कर रहा है ,तुम उसके सलाम का
जवाब दो .आयशा बोली लेकिन मुझे वहां कोई दिखाई दे रहा है .
"
حَدَّثَنَا عَبْدُ اللَّهِ بْنُ مُحَمَّدٍ، حَدَّثَنَا هِشَامٌ،
أَخْبَرَنَا مَعْمَرٌ، عَنِ الزُّهْرِيِّ، عَنْ أَبِي سَلَمَةَ، عَنْ عَائِشَةَ ـ
رضى الله عنها ـ أَنَّ النَّبِيَّ صلى الله عليه وسلم قَالَ لَهَا " يَا
عَائِشَةُ، هَذَا جِبْرِيلُ يَقْرَأُ عَلَيْكِ السَّلاَمَ ". فَقَالَتْ
وَعَلَيْهِ السَّلاَمُ وَرَحْمَةُ اللَّهِ وَبَرَكَاتُهُ. تَرَى مَا لاَ
أَرَى. تُرِيدُ النَّبِيَّ صلى الله عليه وسلم.
बुखारी -जिल्द 4 किताब 54 हदीस 440
इसीतरह जब लोगों ने जब मुहम्मद साहब से उस फ़रिश्ते के आकार
प्रकार ,रंगरूप के बारे
में सवाल किया तो मुहम्मद साहब ने बड़ी चालाकी से यह जवाब दे दिया , जो इस हदीस में
दिया है ,
"याह्या बिन
सुलेमान ने कहा कि रसूल ने बताया कि एकबार जिब्रील ने मेरे घर आने का वादा किया था
,मगर दीवार पर एक
कुत्ते की तस्वीर देख कर वह डर गया .और वापिस चला गया . बुखारी -
"حَدَّثَنَا يَحْيَى بْنُ سُلَيْمَانَ،
قَالَ حَدَّثَنِي ابْنُ وَهْبٍ، قَالَ حَدَّثَنِي عُمَرُ، عَنْ سَالِمٍ، عَنْ
أَبِيهِ، قَالَ وَعَدَ النَّبِيَّ صلى الله عليه وسلم جِبْرِيلُ فَقَالَ إِنَّا
لاَ نَدْخُلُ بَيْتًا فِيهِ صُورَةٌ وَلاَ كَلْبٌ.
जिल्द 4 किताब 54 हदीस 450
6-कुरान में बेतुकी
आयतें
इतना होने पर भी मुहम्मद साहब फ़रिश्ते के बहाने कुरान में
बेतुकी ,निरर्थक , और बेसिर पर की
आयतें बनाते रहे , जिसके कुछ नमूने
देखिये
-"कसम है उनकी ,जो पंक्तिबद्ध हो
जाते हैं .और फिर डाँटते हैं .और झिड़कते हैं .फिर इसका जिक्र करते हैं "
सूरा-अस साफ्फात 37 :1 से 3
-"कसम है तूर की
.और लिखी हुई किताब की .और खुले हुए पर्ण)(parchament) की .और अपने घर की ऊंची छत की "सूरा -अत
तूर 52 :1 से 4
-"कसम है उनकी जो
आखिरी सीमा तक जा लेते हैं.और इधर उधर निकल लेते हैं .और उतराते(float) हैं "सूरा
-अन नाजिआत 79 :1 से 3
-"कसम है उनकी जो
हिनकारते है ,फिर आग झाड़ते
हैं "सूरा -आदियात 100:1-2
वह खड़खडाने वाली चीज , क्या है वह खड़खडाने वाली चीज "सूरा -अल कारिया 101:1-2
और जब लोग कुरान की ऐसी ही पागलपन की बातें सुन सुन कर ऊब
गए तो मुहम्मद साहब ने लोगों को यह आयत सुना दी ,
"और तुम्हारे रब
ने अबतक तुम्हें नहीं छोड़ा और न तुम से ऊब गया है "सूरा -अज जुहा 93:3
7-अल्लाह ने
मुहम्मद की बुद्धि छीन ली
यह एक अटल सत्य है कि जैसे हरेक ढोंगी ,पाखंडी और झूठे
लोगों का एक न एक दिन भंडा जरुर फूट जाता है . उसी तरह आखिर मुहम्मद साहब को
स्वीकार करना पड़ा की उनकी बुद्धि अल्लाह ने छीन ली थी .जैसा इस प्रमाणित हदीस में
दिया है ,
उबदा बिन अस्सामित ने कहा कि जब लोग रमजान महीने की रात
लैलतुल कद्र की सही तारीख के बारे में बहस कर रहे तो ,रसूल बोले मैं
तुम्हें सही तारीख इस लिए नहीं बता सकता , क्योंकि अल्लाह ने मेरी बुद्धि छीन ली है knowledge was taken away ("
أَخْبَرَنَا قُتَيْبَةُ بْنُ سَعِيدٍ، حَدَّثَنَا إِسْمَاعِيلُ بْنُ
جَعْفَرٍ، عَنْ حُمَيْدٍ، عَنْ أَنَسٍ، قَالَ أَخْبَرَنِي عُبَادَةُ بْنُ
الصَّامِتِ، أَنَّ رَسُولَ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم خَرَجَ يُخْبِرُ بِلَيْلَةِ
الْقَدْرِ، فَتَلاَحَى رَجُلاَنِ مِنَ الْمُسْلِمِينَ فَقَالَ " إِنِّي
خَرَجْتُ لأُخْبِرَكُمْ بِلَيْلَةِ الْقَدْرِ، وَإِنَّهُ تَلاَحَى فُلاَنٌ
وَفُلاَنٌ فَرُفِعَتْ وَعَسَى أَنْ يَكُونَ خَيْرًا لَكُمُ الْتَمِسُوهَا فِي
السَّبْعِ وَالتِّسْعِ وَالْخَمْسِ ".
सही बुखारी -जिल्द 1 किताब 2 हदीस 47
निष्कर्ष -इस्लाम के प्रचारक कितने भी कुतर्क करें ,और कुरान को
अल्लाह की किताब साबित करने का कितना प्रयास करें ,लेकिन हदीस से यह सिद्ध हो चूका है कि अल्लाह
ने ही मुहम्मद साहब की बुद्धि छीन ली थी .और ऊपर से मुस्लिम विद्वान् यह भी दावा
करते हैं कि मुहम्मद साहब अनपढ़ थे . और यही कारण कि कुरान में जगह ,जगह बेतुकी ,ऊंटपटांग ,निरर्थक और
मानवता विरोधी बातों की भरमार है .और ऐसी बातें सिर्फ एक विक्षिप्त , व्यक्ति ही कह
सकता है , जिसकी बुद्धि
नष्ट हो गयी हो .
और कुरान को वही लोग मान सकते हैं जिनकी बुद्धि छिन गयी हो
. हमारी बुद्धि अभी तक सुरक्षित है
http://www.islamreview.com/articles/Meaningless_Quranic_Verses.shtml
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