डॉ0 संतोष राय
यद्यपि इस्लाम
अवतारवाद को नहीं मानता , लेकिन कुरान और
हदीस में अल्लाह का जो स्वरूप , स्वभाव ,और काम बताये गए हैं .वह एक अरब के एक अनपढ़
व्यक्ति से बिलकुल मिलते हैं ,जकरिया नायक जैसे
मुस्लिम प्रचारक कुछ भी कहें कि कुरान में अल्लाह को निराकार , सर्वव्यापी और सबकुछ जानने वाला ईश्वर बताया
गया है .लेकिन यदि कुरान को निष्पक्ष होकर पढ़ें तो स्पष्ट हो जायेगा कि कोई साकार
अरबी इन्सान था ,जो अल्लाह के भेस
में लोगों से जिहाद और लूटमार करवाया करता था . और कुरान में अल्लाह के बारे में
जो बातें लिखी गयी हैं वह भारत , यूनान , और यहूदी कहनियों से लेकर लिखी गयी है ,
जैसा खुद कुरान में कहा है ,
"यह तो पहले लोगों
की कहानियां हैं 'सूरा -नहल 16:24
"और लोग कहते हैं
कि यह कुरान तो पहले लोगों की कल्पित
कहानियां हैं ,जिसे तुमने (
मुहम्मद ने ) कुरान में शामिल कर लिया है "
सूरा -अल फुरकान 25:5
अल्लाह के बारे
में बाकी जितनी बातें कुरान में लिखी गयी हैं वह मुहम्मद साहब के दिमाग की उपज हैं
,.तभी मुल्ले कहते हैं कि
ईमान के बारे में " अकल का दखल "नहीं होना चाहए .यहाँ पर संक्षिप्त में
बताया जा रहा है कि मुसलमानों का अल्लाह कैसा है और क्या करता है ,और लोगों को क्या सिखाता है
1-अल्लाह के नाम से
धोखा
"जब मूसा एक मैदान
के छोर पर दूर खड़ा था , तो उसे पुकारा
गया " हे मूसा मैं ही अल्लाह हूँ
" सूरा -अल कसस 28:30
"इस से साफ़ पता
चलता है कि किसी व्यक्ति ने मूसा को धोखा देने के लिए कहा होगा कि " मैं
अल्लाह हूँ )
2-शरीरधारी अल्लाह
दी गयीं कुरान की
इन आयतों से सिद्ध होता है कि मुसलमानों का अल्लाह निराकार नहीं बल्कि साकार था ,
जिसके हाथ भी थे
"जब लोग बैयत ( Allegiance
) कर रहे थे अलह का हाथ उनके हाथों में था
"सूरा -अल फतह 48:10
"यहूदी कहते हैं
कि अल्लाह का एक हाथ बंधा हुआ है ,लेकिन देख लो
अल्लाह के दोनो हाथ खुले हिये हैं सूरा - मायदा 5:64
3-अल्लाह का चेहरा
"इस प्रथ्वी की
हरेक चीज एक दिन मिट जाएगी .लेकिन सिर्फ अल्लाह का चेहरा बचा रहेगा
"सूरा -रहमान 55:26-27
( इस आयत में अरबी
में "वज्हوجهُ " शब्द आया है ,जिसका अर्थ Face होता है )
4-अल्लाह की आदतें
और शौक
कुरान के अल्लाह
की आदतें और शौक वही हैं ,जो एक अरबी बद्दू
के होते हैं ,इनके नमूने
देखिये
1.बात बात पर कसम
खाना
"कसम है रात की जब
वह पूरी तरह से छा जाये "सूरा -अल लैल 92:1
"कसम है चढ़ते हुए
सूरज की "सूरा -अश शम्श 91:1
2.नफरत करना
"अल्लाह उन लोगों
को पसंद करता है जो जो उसकी बातों पर राजी हो जाएँ "सूरा अल बय्यिना 98:8
"अल्लाह काफिरों
से नफरत करता है "सूरा-रूम 30:45
3.गुप्त बातें
सुनने का शौकीन
"जब लोग गुप्त
बातें करते हैं तो अल्लाह चुपचाप सुनता रहता है .और तीन लोगों में ऐसा कोई नहीं
होगा जिसमे चौथा अल्लाह नहीं हो और पांच लोगों में ऐसा कोई नहीं होगा जिसमे छठवां
अल्लाह न हो "सूरा -मुजादिला 58:7
5-अल्लाह के काम
कुरान का अल्लाह
जो काम करता है और अपने लोगों से करवाता है वही आजकल के हरेक आतंकवादी दल का नेता
कर रहा है , जैसा की कुरान की
इन आयतों से पता चलता है , जैसे
1.लोगों को घेरना
"अल्लाह लोगों को
चारों तरफ से घेर लेता है ,फिर उनकी गिनती
भी कर लेता है "
सूरा -मरियम 19:94
2.जिहादियों की
परीक्षा
"हम सभी जिहादियों
की परीक्षा जरुर करते हैं ,ताकि वह ठीक तरह
से जिहाद करें ,और हम उनके जिहाद
के बारे में जान सकें "सूरा -मुहम्मद 47:31
3-वसूली करना
हमारे पास वसूली
करने वाले हैं ,जो लोगों से
दौनों तरफ से वसूली करते हैं .कुछ दायीं तरफ से वसूलते हैं और बायीं तरफ से वसूलते
हैं .और बाक़ी लोग इस ताक में रहते हैं कि ( पकडे गए ) लोग के मुंह से कोई आवाज
नहीं निकल सके "सूरा -काफ -50:17-18
6-अल्लाह डींगें
प्रसिद्ध कहावत
है कि गाड़ी के नीचे चलने वाला कुत्ता यही समझता है कि वह सारी गाडी का बोझ उठा
रहा है , इसी तरह कुरान का अल्लाह
भी कुरान में ऐसी ही शेखी बघार रहा है ,
"अल्लाह ने ही
आकाश को धरती पर गिरने से रोक रखा है 'सूरा -अल हज्ज 22:65
( कुरान की यह आयत
यूनानी कहानी से ली गयी है ,जिसमे एक यूनानी
देवता टाइटन एटलस (Titan Atlas ) को आकाश उठाते
हुए बताया गया है )
अल्लाह आकाश और
धरती को रोके रहता है ,कि कहीं यह अपनी
जगह से खिसक (deviate ) न जाएँ
"सूरा -35:41
7-अल्लाह की
मूर्खता
मुसलमान दावा
करते रहते हैं कि उनका अल्लाह सब जानता है , लेकिन इस आयत से उसकी मूर्खता साफ पता चलती है ,क्योंकि वह जन्नत को धरती के बराबर बता रहा है
.इस जरा सी जन्नत में जिन्दा और मरे हुए सभी मुसलमान कैसे समां जायेंगे , कुरान में कहा है
जन्नत का विस्तार
(Breadth ) इस धरती के विस्तार के
बराबर है .और उन लोगों के लिए हैं ,जो अल्लाह और
उसके रसूल पर ईमान लायेंगे " सूरा -अल हदीद 57:21
8-अल्लाह का
तर्कहीन दावा
अल्लाह ने एक और
बेतुका दावा कर दिया कि वह मुर्दों को जिन्दा करेगा और उनसे हिसाब करेगा कि मरने
से लेकर जिन्दा होनेतक उन्होंने क्या काम किये हैं , कुरान की इस आयत को देखिये
"हम पहले मुरदों
को जिन्दा कर देंगे ,फिर उनके कर्मों
का विवरण लिखते जायेंगे "
सूरा -यासीन 36:12
9-अल्लाह का
सिंहासन
अल्लाह ने बिना
किसी सहारे के आकाश को ऊँचा किया ,फिर उस पर अपना
सिंहासन जमा कर आराम से बैठ गया , जैसा तुम देखते
हो "सूरा-रअद -13:2
हे नबी तुम
देखोगे कि फरिश्ते चारों तरफ से घेरा बना कर अल्लाह का सिंहासन उठा कर खड़े हुए
हैं "सूरा अज जुमुर 39:75
( कुरान की यह आयत
भारत की प्रसिद्ध कथा "सिंहासन बत्तीसी " से प्रभावित होकर लिखी गयी
होगी )
निष्कर्ष -बताइए
जिसके हाथ हों , जिसको उठाने के
लिए कई लोग चाहिए ,जो लोगों से जबरन
धन वसूल करता हो वह ईश्वर कैसे हो सकता है ?इन सभी उदाहरणों को देख कर कोई भी व्यक्ति आसानी से समझ
सकता है कि अल्लाह ईश्वर नहीं हो सकता . बल्कि कोई मनुष्य अल्लाह के भेस में
लूटमार करके राज करना चाहता था .और उसको यह भी पता था कि मरने के बाद सिर्फ उसकी
तस्वीर ही बाकि रह जायेगी .जैसे रोमन सम्राटों के सिक्कों पर उनकी तस्वीर आज तक
मौजूद है .
"ईश्वर अल्लाह
तेरा नाम " कहने वाले अज्ञानी हैं !
http://www.answering-islam.org/Authors/Fisher/Topical/ch13.htm
No comments:
Post a Comment