Friday, February 11, 2011

तुष्टिकरण नहीं चलेगी


Dr. Santosh Rai

उच्चतम न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी व ए.के. गांगुली के इस वक्तव्य का हिन्दू महासभा ने हार्दिक अभिनंदन किया है जिसमें उन्होंने सरकार की धर्म-निरपेक्षता पर सवाल उठाते हुये उसकी इस बात के लिये खिंचायी की कि वह हिन्दुओं से जुड़े कानूनों में बदलाव करती है, दूसरे समुदाय से जुड़े कानूनोें में वह कुछ भी बदलाव नही करती। माननीय न्यायधीशों की यह टिप्पणी राष्ट्रीय महिला आयोग की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान की थी। 
हिन्दू महासभा के वरिष्ठ नेता बाबा नंद किशोर मिश्रा ने कहा कि सरकार हिन्दुओं के आस्था के विन्दुओं पर हस्तक्षेप करती है लेकिन बड़े खेद का विषय है कि अल्पसंख्यकों के धार्मिक एवं आस्था के विन्दुओं में सरकार पूरी तरह चुप्पी साध लेती है, यह चिंतनीय विषय है। इस पर राष्ट्रीय स्तर पर खुली बहस होनी चाहिये एवं राष्ट्रीय हित में निर्णय लेना चाहिये।

मिश्रा जी ने आगे कहा कि लोकतंत्र में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका द्वारा निष्पक्ष होकर राष्ट्रहित में निर्णय करना चाहिये। बहुत ही दुःख का विषय है की राष्ट्रीय हित गौण हो गया है और अल्पसंख्यक वोट बैंक की नीति हावी हो गयी है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण केरल उच्च न्यायालय द्वारा गत दिनों लिया गया निर्णय जो कि राष्ट्रहित में नही है।
हिन्दू महासभा स्वागत समिति के अध्यक्ष डाॅ0 संतोष राय ने कहा कि इस्लामी बैंक की स्थापना शरीयत की स्थापना माना जायेगा। सरकार बार-बार उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना क्यों कर रही है। समान नागरिक संहिता क्यों नहीं लागू करती, धारा 370 क्यों नही हटाती, गो हत्या क्यों बंदी कानून क्यों नही बनाती। सरकार हिन्दुओं के सहिष्णुता की परीक्षा न ले नही तो इसके भयंकर दुष्परिणाम सरकार एवं छद्म धर्म-निरपेक्षतावादी, तुष्टीकरण पोषण करने वाले राजनीतिक पार्टियों को भुगतनी पड़ेगी।
    श्री राय ने आगे कहा कि हिन्दुओं के आस्था के साथ सरकार द्वारा खिलवाड़ किये जाने के खिलाफ हिन्दू महासभा राष्ट्रीय स्तर पर जन-जागरण अभियान चलायेगी और सरकार के तुष्टीकरण नीतियों व तथाकथित छद्म धर्म-निरपेक्षता को ध्वस्त करेगी।

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