बांग्लादेश में रहने वाले १० लाख हिन्दुओं की लगभग २१ लाख एकड़ भूमि को कट्टरपंथी मुस्लिमों ने हड़प लिया है। हिन्दुओं या अल्पसंख्यकों की भूमि को कानून की आड़ में हड़पा जा रहा है और इस तरह १९७१ के बाद से लगातार हिन्दुओं से उनकी भूमि छीनी जा रही है। यह खुलासा ढाका विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्रा के प्रोपफेसर अबुल बरकत ने किया। डॉ. बरकत ...ने बांग्लादेश में कट्टरपंथी तथा आतंकवादी अर्थव्यवस्था पर विशेष अध्ययन किया है। प्रो. अबुल बरकत ने टेलीफोन पर हुई एक विशेष बातचीत में बताया कि बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों की भूमि को कुछ ताकतवर लोगों द्वारा हड़पने की परम्परा १९७१ से चली आ रही है। इसके लिए उस कानून का सहारा लिया जाता रहा है, जो कि १९६५ में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान सरकार ने लागू किया था। १९६५ में पाकिस्तान सरकार पर लागू किया गया शत्रु भूमि अधिनियम (एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट) १९७१ में बांग्लादेश के निर्माण के बाद बांग्लादेश में भी लागू किया गया और इसका नाम बदलकर वेस्टेड प्रॉपर्टी एक्ट कर दिया गया। इस एक्ट की आड़ में बांग्लादेश के ४० प्रतिशत कट्टरपंथी व ताकतवर लोगों ने हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों की लगभग २१ लाख एकड़ भूमि हड़प ली है।
श्री बरकत के अनुसार बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने वेस्टेड प्रॉपर्टी एक्ट को हटा दिया था और इस एक्ट के स्थान पर एक नया कानून बनाया था। इस नए कानून के जरिए हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों की हड़पी गई भूमि को लौटाने की बात कही गई थी। लेकिन यह नया कानून कट्टरपंथियों के कारण बांग्लादेश में लागू नहीं हो पाया। शेख हसीना की सरकार गिराने के बाद जब बांग्लादेश में खालिदा जिया सत्ता में आई तो इस नए कानून को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया और पुराने कानून को और भी विकृत करके लागू कर दिया। श्री बरकत के अनुसार खालिदा जिया सरकार द्वारा लागू किए गए पुराने कानून के कारण बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों के लिए कई तरह की समस्याएं पैदा हो गई हैं, जिसका निराकरण करने में वर्तमान सरकार की शायद कोई दिलचस्पी नहीं है और इसके कारण वहाँ कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया जा रहा है।
(अयोध्या संवाद' कारसेवकपुरम्, ;अयोध्या २९.१२.२००५ से ४.१.२००६ तक से साभार)
श्री बरकत के अनुसार बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने वेस्टेड प्रॉपर्टी एक्ट को हटा दिया था और इस एक्ट के स्थान पर एक नया कानून बनाया था। इस नए कानून के जरिए हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों की हड़पी गई भूमि को लौटाने की बात कही गई थी। लेकिन यह नया कानून कट्टरपंथियों के कारण बांग्लादेश में लागू नहीं हो पाया। शेख हसीना की सरकार गिराने के बाद जब बांग्लादेश में खालिदा जिया सत्ता में आई तो इस नए कानून को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया और पुराने कानून को और भी विकृत करके लागू कर दिया। श्री बरकत के अनुसार खालिदा जिया सरकार द्वारा लागू किए गए पुराने कानून के कारण बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों के लिए कई तरह की समस्याएं पैदा हो गई हैं, जिसका निराकरण करने में वर्तमान सरकार की शायद कोई दिलचस्पी नहीं है और इसके कारण वहाँ कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया जा रहा है।
(अयोध्या संवाद' कारसेवकपुरम्, ;अयोध्या २९.१२.२००५ से ४.१.२००६ तक से साभार)
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