Tuesday, August 2, 2011

अल्लाह को पहचान लो !


बी.एन. शर्मा

प्रस्‍तुति-डॉ0 संतोष राय

भारत में जितने भी धर्म है ,सब में ईश्वर के बारे में लगभग एकसी मान्यताएं और विश्वास है .और अनेकों संतों ,भक्तों ,कवियों और विद्वानों ने अपनी अपनी बुद्धि से ईश्वर के महानता और गुणों का बखान करने के किये हजारों ग्रन्थ लिखे हैं .फिर भी वह ईश्वर के गुणों का वर्णन नहीं कर सके . 
लेकिन मुहम्मद ,उसके साथियों और मुस्लिम उलेमा ने अपने अल्लाह की अपनी बुद्धि से जो वर्णन किया है ,वह अब तक लोगों को पता नहीं था .क्योंकि मुसलमान इसे छुपा लेते थे .अब मुसलमानों ने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार दी है ,और सारी बातें इन्टरनेट पर डाल दी है .उसी से लेकर अल्लाह के बारे में कुछ जानकारी आपके सामने दी जा रही है .ताकि आप लोग अल्लाह के बारे में अपना भ्रम दूर कर सकें .कि क्या ऐसा अल्लाह भी ,ईश्वर हो सकता है .इसे गौर से पढ़िए -


1-अल्लाह ने जन्नत उँगलियों पर उठा रखी है 


 Allah  is holding the earth and heaven on his fingers
हमारा ईमान है कि अल्लाह लोगों के बीच में उनके दिल आपस में बदलता रहता है .और अपनी एक उंगली से प्रथ्वी को और दूसरी से स्वर्ग को उठाये रखता है .


We read in Al-Tauhfa al-Madania by Hamad bin Nassir al-Mu'amar, page 131:


وندين أن الله تعالى مقلب القلوب وأن القلوب بين إصبعين من أصابعه وأنه يضع السموات على أصبع والأرضين على أصبع


“We believe that Allah almighty changes the hearts and the hearts are between two of his (Allah) fingers and he put the heavens on a finger and the earth on another finger” 


2-अल्लाह मच्छर पर सवारी करता है 
Allah  travel over a mosquito 
पता चला कि जब फ़रिश्ते उस तख़्त को उठाने में नाकाम हो गए ,जिस पर अल्लाह अपनी शानो शौकत से बैठता है ,तो उन्होंने झुक कर कहा इस भारी तख़्त को जमीन से उठाकर स्वर्ग तक लेजाने की ताकत हमारे अन्दर नहीं ,और सिवाय अल्लाह के कोई दूसरा इसे नहीं उठा सकता .तब अल्लाह एक मच्छर पर सवार हो गया ,जो उसे तख़्त के साथ उठाकर सातों आसमानों तक घुमाकर ले गया .तख़्त कितना भारी होगा 


Imam Darami records in his book Aqa'id al-Salaf, page 443:


وقد بلغنا أنـهم -الملائكة- حين حملوا العرش وفــوقــه الجــبار في عزته وبـهائه ، ضعفوا عن حمله واستكانوا وحنوا على ركبهم حتى لقنوا ( لا حول ولا قوة إلا بالله ) فاستقلوا به بقدرة الله وإرادته ، ولولا ذلك ما استقل به العرش ، ولا الحملة ولا السماوات ولا الأرض ولا من فيهن . ولو قد شاء لاستقر على ظهر بعوضة فاستقلت به بقدرته ولطف ربوبيته ، فكيف على عرش عظيم أكبر من السماوات السبع ؟ 


"It has reached us that when the Angels lifted the throne while the almighty is on top of it in his might and glory, they were weak in lifting it, and they rested and bent onto their knees until they said (there is no might or power except with Allah) but they lifted it with His power and will, and if it wasn't for it (His power and will), it would not have been possible for the throne, or those that carry it or the skies or the earth or whoever is inside it. And if he so wished, he would have mounted on the back of a mosquito and she would have carried Him by His Divine Grace, so how about a great throne that is larger than the seven skies? 
3-अल्लाह को मोटापे की बीमारी है 
Allah suffers from weight gain 
खालिद बिन मदान ने कहा जब से दुनिया बनी है,तख़्त पर अल्लाह का वजन बढ़ता जा रहा है .और उसे मोटापे की बीमारी हो गयी है 


We read in Al-Sunnah by Abdullah Ibn Ahmad ibn Hanbal, page 161: 


خالد بن معدان انه كان يقول أن الرحمن ليثقل على حملة العرش من أول النهار


Khalid bin Madaan said: ‘Allah's weight becomes heavy on the throne in the beginning of the day’
4-अल्लाह जहन्नम में रह चुका है 
 Allah  is in hell 
रसूल ने कहा कि जब लोगों को जहन्नम की आग में झोंका जायेगा तो ,आग कहेगी क्या अभी और लोग भी आने वाले हैं .लेकिन जब अल्लाह जैसे ही अपना पैर उस जहन्नम की आग में रखेगा तो वह कहेगी बस ,बस ,काफी हो गया .
( उस दिन जहन्नम से पूछा कि क्या तू भर गयी है ?वह बोली अभी कुछ और लोग चाहिए .कुरआन .सूरा -काफ 50 :30 )


We read in Sahih Bukhari that the Prophet (saws) said:
"    "سيتم يكب الناس في النار (جهنم)، وسوف يقول :" هل هناك أي أكثر (في المستقبل(50:30) حتى يضع الله قدمه عليها، وسوف يقول "القات القات!" (كفى! كى!) "  "


"The people will be thrown into the (Hell) Fire and it will say: 'Are there any more (to come)?(50:30) till Allah puts his foot over it and it will say 'Qat! Qat!" (Enough! Enough!)" 
Sahih Bukhari Arabic-English Volume 6 hadith number 371 translated by Dr Muhsin Khan
5-अल्लाह चकित हो जाता है 


 Allah  wonders 
आश्चर्यचकित होजाना अल्लाह की विशेषता है ,जो कुरान और हदीसों से साबित है.




We read in Sefat Allah by Alawi al-Saqaaf, page 58: 


التَّعَجُّبُ صفةٌ فعليَّةٌ خبريَّةٌ ثابتةٌ لله عَزَّ وجَلَّ بالكتاب والسنة. 


“Wondering is a quality of Allah proven by Quran and Sunnah” 
 6-अल्लाह को शर्म आती है 
 Allah  possesses shy qualities 
शर्मा जाना (लज्जित होजाना )अल्लाह की विशेषता है ,जो कुरान और हदीसों से साबित है 


We read in Sefat Allah by Alawi al-Saqaaf, page 86: 


الْحَيَاءُ وَالاسْتِحْيَاءُ صفةٌ خبريَّةٌ ثابتةٌ لله عَزَّ وجَلَّ بالكتاب والسنة 


“Shyness is a quality of Allah proven by the Quran and Sunnah”. 
7-अल्लाह एक वस्तु और एक व्यक्ति है 
 Allah  is a ‘thing’ and a ‘person’ 
अल्लाह को व्यक्ति या "शख्स "कहने की अनुमति है .


We read in Sefat Allah by Alawi al-Saqaaf, page 125: 


يجوز إطلاق لفظة (شخص) على الله عَزَّ وجَلَّ 


“It is permissible to use the word (person) for Allah almighty” 
अल्लाह को एक चीज "शय "कहने की अनुमति है ,यह अल्लाह का गुण है 


On page 130, we read: 


يصح إطلاق لفظة (شيء) على الله عَزَّ وجَلَّ 


“It is permissible to use the word (a thing) to qualify Allah almighty.” 
8-अल्लाह हरेक बुराई की जड़ है 
 Allah is the root source of acts of polytheism, fornication and homosexuality 
इमाम अबू हनीफा ने अपनी मसनद में लिखा है कि फ़रिश्ते ,नबी ,किताबें अच्छाइयां और बुराइयां सब अल्लाह भेजता है .और शिर्क ,व्यभिचार और समलैंगिकता की जड़ अल्लाह ही है .


In the recognized Ahl'ul Sunnah work Musnad Abu Hanifa, page 152 we read: 


الإيمان بالله وملائكته وكتبه ورسله والقدر خيره وشره من الله 


"Iman is to believe in Allah, His angels, His books, His messengers, qadr, the good and the evil is all from Allah” 
Musnad Abu Hanifa, page 152
इब्ने उमर ने कहा ,एक आदमी अबू बकर के पास गया और बोला ,क्या आप मानते हैं की व्यभिचार भी अल्लाह के आदेश से होता है .अबूबकर ने कहा ,हाँ ,तब वह बोला अब मैं देखता हूँ कि तुम मुझे सजा क्यों देते हो .अबू बकर ने कहा खेना के बेटे एक आदमी मेरे साथ है ,जो तेरी नाक तोड़ देगा .


Similarly Allamah Hibatullah Lalkai (d. 418 H) records:




Ibn Umar said: ‘A man came to Abu Bakr and asked: ‘Do you believe that adultery is from God?’ He (Abu Bakr) replied: ‘Yes’. He said: ‘God will make me do it and then will punish me?’ He (Abu Bakr) replied: ‘Yes, Oh son of Khena, by Allah if there was a man with me I would order him to smash your nose’. 


وقال بن عمر : "جاء رجل إلى أبي بكر وسأل :" هل تعتقد أن الزنا هو من عند الله "إنه (أبو بكر) فأجاب :" نعم ". وقال : "الله سيجعل لي بذلك ، وبعد ذلك سوف يعاقبني؟" انه (أبو بكر) فأجاب : "نعم ، يا ابن ، والله لو كان هناك رجل معي أود أن تأمره لسحق ' .
मुझे तो ऐसा लगता है कि मुसलमान अल्लाह की तारीफ़ नहीं बल्कि बुराई कर रहे है और उसके दुर्गुणों का प्रचार कर रहे हैं सछ बात तो यह है कि कोई अल्लाह जैसी चीज नहीं है .अल्लाह के नाम से कोई चालाक व्यक्ति अनपढ़ ,मूर्ख ,उज्जड और लालची अरब के लोगों को मुर्ख बनाता था ,और उनको आतंक ,लूट ,हत्या ,और बलात्कार के लिए प्रेरित करके अपना उल्लू सीधा करता रहता था .
आज भी मुसलमान इसी अल्लाह के नाम पर धोखा खा रहे हैं ,और लोगों को धोखा दे रहे है .इस अल्लाह से दूर रहिये .

http://www.answering-ansar.org/wahabis/en/chap5.php

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