Monday, October 22, 2012

पहले प्रायोजित गरीबी फिर धर्म परिवर्तन : कांग्रेस की अभाव-नीति – हिंदुत्व विनाश की एक लंबी योजना


भारत में एक चीज जो सच्ची है वह यह की दंगो में, बम विस्फोट में , नक्सल हमलों, मओवादियो के हमलों में सिर्फ हिंदू ही मरते हैं, इसका दूर गामी परिणाम यह है भारत में हिन्दुओ की संख्या कम होती जा रही है.
भारत में गरीबी है नहीं इसे जबरदस्ती प्रायोजित तरीके से लाया गया है और कायम किया गया है, भारत में कोई भी व्यक्ति हराम की नहीं खाना चाहता है परन्तु गली गली में शराब की दूकान बनाकर विवेक हरण की योजना बनाकर परिवारों को जलील कराकर उन्हें अपनी गरीबी का एक ही हल ईसाई बननेमें दिखाई देने के लिए बाध्य कर दिया है.


 यह ईसाई वर्ग एक स्थाई वोट बैंक भी बन जा रहा है जो कभी हिंदू संगठनो वोट नहीं देगा. इसी कारन इस काम में यूरोपीय देशो से सहायता प्राप्त ईसाई मिशनरिया भी अपना खूब सहयोग दे रही है. इस पूरी चाल के पीछे सोनिया का प्रायोजित भारत का ईसाईकरनकी दूरगामी साजिस है जिसमें भारत के बिके हुए हिंदू भी अज्ञानता से शामिल हैं और चर्च नियंत्रित मिडिया इस पर पर्दा डालने का काम कर रहा है. 


१)      आंकड़ा मिला है कोयला खदानों से निकालने वाले कोयले  का ६०% कोयला बिना किसी हिसाब के बाहर जा रहा है और वहा पर चौकीदारी करने वाला पुलिस भी करोड़पति बन जा रहे हैं. एक ट्रक में ३०-३५  टन से ज्यादा कोयला जाता है और उसका रेट ४०००-५००० प्रतिटन होता है (यूपी में कोयला १००००/- रुपये टन है) यानी एक ट्रक कम से कम १,२०,०००/- का माल चोरी कर रहा है. 


२)      यदि एक आदिवासी परिवार को साल भर में २ ट्रक कोयले का ही कीमत मिल जाए तो वह सुखी हो जाये, वह भी मेहनत करने के बाद, लेकिन उसे जानबूझ कर गरीब रखा जाता है जिससे वह माओवादियों  के चंगुल से बाहर न निकल  सके,  यही से असली खेल शुरू होता है. इन गरीब शोषितों की सहायता के लिए कांग्रेस ने विदेशी ईसाई मिशनरियों को लगा रखा है और माओवादी जबरन इन मिशानियो से पैसा लेकर इनका धर्म परिवर्तन कराने के बाद सुविधा देते है, यह काम दुर्र दराज के गावो में शुरू किया गया था जो अब सबके सामने आ चुका है. ईसाई मिशानियो का कांग्रेस का नाता किसी से छुपा नहीं है और जो कोई हिंदू नेता विरोध करता है, माओवादी उसे उड़ा देते है जिसमे मिशनारियों का नाम तक नहीं आता है.


३)      एक गरीब को रोटी चाहिए, वह मिशनरी उसे उपलब्ध करवा देती है, माओवादी उसे धर्म बदलने के बाद ज्यादा सुविधा दे देते है, उसे देखकर हर कोई ईसाई बनने के सोचने लगता है जिससे उसकी जिंदगी चलने लगे. माओवादी कोयले की लूट से भी हिस्सा लेते है और अधिकतर माओवादी संगठनो पर इस्साई माओवादियों का कब्ज़ा हो चुका है. यही कांग्रेस की दूरगामी परिणाम दायक  चाल है..


४)      कांग्रेस में हिंदू नामो वाले सोनिया मंडली के अधिकतर नेता, अधिकारी , एन जी ओ ईसाई ही है जो अपने काम को हिन्दुओ की आँख में धूल झोंककर अंजाम दे रहे हैं जो हिंदू समर्थक नेता है भी वे पैसे की लालच में चुप है, बहुत सारे कालाधन और औरत के साथ वीडियो के चक्कर में ब्लैकमेल हो रहे हैं. कोई कट्टर बनने की कोशिश् करता है तो उसे किसी क़ानूनी जाल में जेल में डाल दिया जाता है, बहुत कट्टर होने पर मौत के मुह में......

 
भारत जैसे सनातनी इतिहास वाले प्राकृतिक संपदा से भरपुर देश से हिन्दुओ की संख्या घटते जाना हिन्दुओ के लिए चिंता का विषय है क्योकि भारत ही एक मात्र हिंदू बाहुल्य देश है, इससे इनकी सुरक्षा जुडी हुई है और  हिन्दुओ के लिए दूसरे नंबर का खतरा इस्लामभी अपने तालिबानी संस्करण में भारत में एक बड़ी योजना के साथ क्रियाशील है परन्तु भारत की मिडिया सिर्फ हिंदू संगठनों को सबसे बड़ा खतरा बताने में व्यस्त है जिसकी वजह से सेकुलरशब्द हिन्दुओ के लिए विनाश का हथियार बनता जा रहा है.


हिन्दुओ के कोई भी देवी देवता बिना अश्त्र-शश्त्र के नही है क्योकि चाणक्य ने भी कहा है अपने खतरे को टालो नहीं, उसे पहचानते ही खतम कर दो, लेकिन एक और गहरी साजिस के तहत कांग्रेस सरकार हिन्दुओ को बौद्ध साबित करने में लगी है जिससे की काहिलो की एक कायर कौम तैयार की जा सके जो बिना किसी प्रतिरोध  के लिए सिर्फ मर जाने के लिए बनी हो. अंततः भारत की  इस सुख के धरती पर पुरे विश्व के म्लेक्ष काबिज हो जाये.


सनातन में दुष्टों और दुश्मनों को अनिवार्य दंड का विधान है इसीलिये सिर्फ सनातनी ही बने रहिये और हाँ, भारत के भविष्य की आशा बाबा - मोदी - स्वामी को अपना समर्थन देते रहिये.

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