Tuesday, September 4, 2012

राष्‍ट्रहित में हिन्‍दू महासभा ने राष्‍ट्रपति को सौंपा ज्ञापन पत्र

 
महामहिम राष्ट्रपति जी,
भारत गणराज्य,
नई दिल्ली-110001
ज्ञापन पत्र
मान्यवर,
सादर जय हिन्दू राष्ट्र
आज दिनांक 3 सितंबर, 2012 को अखिल भारत हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और केंन्द्र सरकार की हिन्दू विरोधी नीतियों के विरूद्ध गिरफ्तारी दी। प्रदर्शनकारियों की ओर से आपसे राष्ट्रहित में निम्न मांग की जाती है-

1ः पाकिस्तान से राजनयिक संबंध समाप्त करो

 एक दशक से पाकिस्तान में वहाँ के अल्पसंख्यक हिन्दुओं का निरंतर उत्पीड़न किया जा रहा है। हिन्दुओं की लड़कियों का अपहरण कर उनकी जबरन मुस्लिम युवकों से शादी कराना, हिन्दुओं को जबरन इस्लाम में धर्मांतरण के लिये विवश करना, धर्मांतरण से इंकार करने वाले हिन्दुओं को उनकी संपत्ति से बेदखल करने का प्रयास करना अत्यंत चिंताजनक है। हिन्दू महासभा पाकिस्तान में हिन्दुओं के उत्पीड़न पर आपसे पाकिस्तान से राजनयिक संबंध समाप्त करने की माँग करती है। 

2ः पाकिस्तानी हिन्दुओं को भारतीय नागरिकता दो

पाकिस्तान में उत्पीड़ित हिन्दुओं के परिवार अपने प्राण और अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिये भारत में सामूहिक पलायन कर रहे हैं। भारत आने वाले पाकिस्तानी हिन्दू भारत से वापस नही जाना चाहते। हिन्दू महासभा पाकिस्तान से भारत आने वाले हिन्दुओं को उनकी इच्छा पर तत्काल भारतीय नागरिकता प्रदान करने, नागरिकता की प्रक्रिया पूरी होने तक पाकिस्तानी हिन्दुओं के आवास, भोजन, रोजगार और उनके बच्चों की शिक्षा का विशेष प्रबंध की मांग करती है।

3ः बांग्लादेशी घुसपैठियों का राजनैतिक संरक्षण बंद करो

करोड़ो बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या भारत की एकता और अखण्डता के लिये निरंतर अभिशाप बनती जा रही है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के माध्यम से भारत में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इस पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय भी समय-समय पर अपनी चिंता व्यक्त करके भारत सरकार को बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस बांग्लादेश भेजने का दिशा-निर्देश जारी करता रहा है। दुर्भाग्य से बांग्लादेशी घुसपैठी अनैतिक तरीके से भारत का मतदाता होने का अधिकार प्राप्त कर लिया है। कांग्रेस और अन्य समस्त छद्म धर्म निरपेक्ष राजनैतिक दल उनका वोट बैंक के रूप में प्रयोग कर  रहे हैं। वोट बैंक के लालच में बांग्लादेशी घुसपैठियों को उनके देश वापस न भेजकर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना के अपराध की श्रेणी में आता है। हिन्दू महासभा विशेष अभियान चलाकर तीन माह के अंदर भारत में रह रहे करोड़ों बांग्लादेशी घुसपैठियों के बांग्लादेश वापस भेजने की मांग करती है। 

4ःअसम में सांप्रदायिक हिंसा और केन्द्र सरकार असम में बोडो हिन्दुओं को निशाना बनाकर बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा की जा रही सांप्रदायिक हिंसा असम को कश्मीर की तर्ज पर हिन्दू विहीन करने की सोची समझी साजिश है। उसके लिये केन्द्र सरकार की मुस्लिम वोट बैंक की कुत्सित राजनीति पूरी तरह से उत्तरदायी है। लाखों असमिया नागरिकों को शरणार्थी बनने पर विवश होना पड़ा है। सांप्रदायिक हिंसा के दोषियों को गिरफ्तार कर उन्हें फाँसी पर लटकाने और शरणार्थी बनें लाखों असमिया नागरिकों का तत्काल पुर्नवास करने की हिन्दू महासभा मांग करती है। 
5ः उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अल्पशासन काल में उसकी मुस्लिम तुष्टीकरण की नीतियों के अतिवाद के चलते पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हिन्दुओं को निशाना बनाकर की जा रही सांप्रदायिक हिंसा में हिन्दुओं की हत्याएं हो रही हैं और उनके धर्म स्थलों को तोड़ा जा रहा है। अतिवादियों द्वारा उनके घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को जलाया जा रहा है। समूचे प्रदेश में जंगल राज स्थापित हो रहा है और हिन्दू समाज का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इसकी दोषी समाजवादी पार्टी सरकार को तत्काल बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग की जाती है।

6ः भ्रष्टाचार पर केन्द्र सरकार को बर्खास्त करो

कोयला आबंटन प्रकरण के भ्रष्टाचार में प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह की संलिप्तता ने संपूर्ण भारतवासियों को लज्जित किया है। इससे पूर्व भी टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला सहित अनेक घोटालों में केन्द्र सरकार के मंत्री संलिप्त पाये गये।  स्वतंत्र भारत के इतिहास में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार अब तक देश में गठित सरकारों में सबसे अधिक भ्रष्ट सरकार सिद्ध हुयी है। महाभ्रष्ट संप्रग सरकार को तत्काल बर्खास्त कर मध्यावधि चुनाव कराने की मांग की जाती है।

7ःमहाराष्ट्र सरकार बर्खास्त करो 

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के आजाद पार्क में अतिवादी मुस्लिमों द्वारा सन् 1857 के शहीदों के स्मारक का विध्वंस करना राष्ट्रीय शर्म का विषय है। महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार की छद्म धर्म निरपेक्षता और वोट

बैंक की राजनीति इसके लिये पूर्णतया उत्तरदायी है। अतः आपसे महाराष्ट्र सरकार को भंग करके राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की जाती है।

8ः सन् 1947 के शरणार्थी हिन्दुओं को भारतीय नागरिकता दो

सन् 1947 में देश विभाजन के पश्चात स्वधर्म और स्वसंस्कृति की रक्षार्थ लगभग दो लाख पाकिस्तानी हिन्दुओं ने इस्लाम के समक्ष नतमस्तक होने से इंकार कर दिया और अपनी समस्त चल-अचल संपत्ति छोड़कर जम्मू में शरण लेने आये। वर्तमान में उन हिन्दू शरणार्थियों की संख्या लगभग 6 लाख हो गयी है। दुर्भाग्य का विषय है कि उन हिन्दुओं को आज-तक भारतीय नागरिकता प्रदान नही की जा सकी, जिस कारण उन्हें जम्मू कश्मीर विधान सभा चुनाव में वोट डालने, सरकारी नौकरी करने, उनके बच्चों को सरकारी स्कूलों से शिक्षा प्राप्त करने और अन्य मौलिक अधिकारों से वंचित रखा गया है। आपसे सन् 1947 में पाकिस्तान से भारत आये समस्त हिन्दुओं को भारतीय नागरिकता तत्काल प्रदान करने की मांग की जाती है।

9ः चकमा बौद्ध-हिन्दू शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दो

सन् 1947 में देश विभाजन के पश्चात पूर्वी पाकिस्तान(वर्तमान बांग्लादेश) से उत्तर पूर्वी भारत में आकर बसने वाले चकमा बौद्ध-हिन्दू शरणार्थियों को आज तक भारत की नागरिकता प्रदान न करना हिन्दू समाज के खिलाफ सोची समझी हिन्दू विरोधी रणनीति है और उनके मानवाधिकार और मौलिक अधिकारों का खुला अतिक्रमण है। समस्त चकमा बौद्ध- हिन्दू शरणार्थियों को तत्काल प्रभाव से भारतीय नागरिकता प्रदान की जाये।
     महामहिम राष्ट्रपति जी, क्या हिन्दू होना अपराध है? यदि नहीं तो ज्ञापन में शामिल समस्त मांगो पर सकारात्मक निर्णय लेकर 15 दिन के अंदर हिन्दू महासभा को लिखित रूप से अवगत करायें, अन्यथा हिन्दू महासभा अपनी माँगों के समर्थन में देशव्यापी आंदोलन आरंभ करेगी।

     हम आपके आभारी रहेंगे।
            आपके स्नेहाभिलाषी 

(पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र)  (सरदार रवि रंजन सिंह)                (रविन्द्र द्विवेदी)
    राष्ट्रीय महामंत्री         सदस्य, केन्द्रीय सलाहकार समिति          प्रभारी उत्तर भारत

No comments: