Tuesday, September 4, 2012

केन्द्र सरकार ने सत्ता में रहने का अधिकार खोया-हिन्दू महासभा


डॉ0 संतोष राय

     पाकिस्तान में हिन्दुओं का उत्पीड़न, असम, उत्तर-प्रदेश और महाराष्ट्र में सांप्रदायिक हिंसा, बांग्लादेशी घुसपैठियों का राजनैतिक संरक्षण और हिन्दू शरणार्थियों की उपेक्षा, भ्रष्टाचार सहित अनेंक मांगो को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र और केन्द्रीय सलाहकार समिति के सदस्य सरदार रविरंजन सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर प्रचंड प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को हिन्दू महासभा के उत्तर भारत के प्रभारी रविन्द्र द्विवेदी सहित अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया।

     रविन्द्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान में हिन्दुओं के उत्पीड़न  पर भारत सरकार के मौन की कड़ी निंदा करते हुये केन्द्र सरकार से पाकिस्तान से राजनयिक संबंध तत्काल समाप्त करने की मांग की। उन्होने भारत में पाकिस्तान से पलायन कर आने वाले उत्पीड़ित हिन्दुओं की उपेक्षा पर भी गहरा आक्रोश जताया। रविन्द्र द्विवेदी ने पाकिस्तान से भारत आने वाले हिन्दू शरणार्थियों को उनकी इच्छा पर तत्काल भारतीय नागरिकता प्रदान करने, नागरिकता की प्रक्रिया पूरी होने तक उत्पीड़ित पाकिस्तानी हिन्दुओं के आवास, भोजन, रोजगार और उनके बच्चों की शिक्षा का विशेष प्रबंध कर उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा की मांग भी की।

     प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करते हुये राष्ट्रीय महामंत्री पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि जहां केन्द्र सरकार उत्पीड़ित पाकिस्तानी हिन्दुओं की उपेक्षा कर रही है, वहीं बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोट बैंक के लालच में राजनीतिक संरक्षण दे रही है। असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा आदिवासी बोडो हिन्दुओं को निशाना बनाकर सांप्रदायिक हिंसा करना केन्द्र सरकार की इसी नीति का दुष्परिणाम है। बाबा मिश्र ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा असम में बोडो हिन्दू संस्कृति, असम की भूमि और उनके आध्यात्मिक विचारधारा को निरंतर नष्ट किया जा रहा है। इससे हिन्दू महासभा किसी भी कीमत पर सहन नही करेगी। उन्होने कहा कि असम दंगों के लिये जिम्मेदार केन्द्र सरकार ने सत्ता में बने रहने का अधिकार खो दिया है।

     हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ0 जयवीर भारद्वाज ने उत्तर प्रदेश में वर्ग विशेष द्वारा हिन्दुओं को निशाना बनाकर सुनियोजित तरीके से की जा रही सांप्रदायिक हिंसा के लिये प्रदेश की समाजवादी सरकार के अपरिपक्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मुस्लिम तुष्टीकरण के अतिवाद को दोषी ठहराया। उन्होने सपा सरकार को भंग करके वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। केन्द्रीय सलाहकार समिति के सदस्य सरदार रवि रंजन सिंह ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा कि केन्द्र सरकार की भेद-भाव वाली छद्म धर्म निरपेक्ष राजनीति ने  हमेंशा हिन्दुओं के हितों से देश को वंचित रखा है। उन्होने कहा कि हिन्दू हितों की रक्षा धर्म सापेक्ष हिन्दू राजनीति के बिना संभव नही है। उन्होने हिन्दू समाज से वोट बैंक बनाने का आह्वान किया, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में मुस्लिम परस्त कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को सत्ता से बेदखल कर उन्हें उचित सबक सिखाया जा सके।

     प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को ज्ञापन देने के लिये राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ना चाहा तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पार्लियामंेट थाना के पास बलपूर्वक रोक लिया। रोके जाने से आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने विरोध स्वरूप गिरफ्तारियां दी। बाद में गिरफ्तार हुये सभी कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया। रिहाई से पूर्व बाबा नंद किशोर मिश्रा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों शिष्ट मंडल ने राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति को संबोधित अपनी मांगों का 9 सूत्रीय ज्ञापन पत्र सौंपा।

     गिरफ्तारी देने वालों में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ0 राकेश रंजन सिंह, कार्यालय मंत्री आचार्य मदन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक चोपड़ा, एडवोकेट सुशील मिश्र, पूर्व प्रभारी लक्ष्मण सिंह वर्मा(लच्छू भैया), हिन्दू स्वराज्य सेना के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र भाटी, श्याम गोपाल, मदन लाल गुप्ता, विजेन्द्र सिंह(राजू पारचा), संजीव माथुर, दर्शन शेर सिंह भल्ला, संजय चौधरी, सपन दत्ता, अजय नॉयक, सुदर्शन शर्मा, मनोज कोहली, जंग बहादुर क्षत्रिय, रविन्द्र वोहरा, रमेश वाल्मीकि सहित अनेक कार्यकर्ता शामिल थे।

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