संविधान
का मखौल उड़ा सरे आम सरकारी संपत्ति पर मस्जिद बनाया जाना खतरनाक: विहिप
नई दिल्ली, जुलाई १३, २०१२. दिल्ली के सुभाष पार्क की बहुमूल्य
जमीन पर
अनाधिकृत कब्जा कर सरकारी देखरेख में जिस प्रकार मस्जिद का निर्माण कराया जा रहा है उसने एक बार फिर मुगलिया काल की याद ताजा करदी है. विश्व हिन्दू परिषद् दिल्ली के महा मंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन ने दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति शीला दीक्षित से पूछा है की क्या वह दिल्ली को मुस्लिम राज्य बनाना चाहती हैं? उन्होंन
कहा है की सरकारी सम्पत्ति पर कब्जा करवा कर संविधान व देश के करदाताओं की खून पसीने की कमाई का जो दुरुपयोग दिल्ली
सरकार ने किया है उसे दिल्ली की जनता कतई बर्दास्त नहीं
करेगी. मजे की बात यह है की यह कार्य
कोई चोरी छुपे न होकर
सरकारी संरक्षण में चल रहा है. और
उसे दिल्ली के मुस्लिम राजनेता अंजाम दे रहे है. दिल्ली में पुराने मन्दिरों को सरकार तोड़ रही है और लालकिले के पास की बेस कीमती भूमि को अराजक तत्वों को सोंपकर मूक दर्शक बनी है. इससे देश की राजधानी में अराजकता की स्थिति बनेगी.
विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया की की लालकिले से सटी इस सरकारी भूमि का तालिबानीकरण किए जाने से छुब्द विहिप व बजरंग दल दिल्ली ने आज एक आपात बैठक
बुलाई. जिसमें दिल्ली सरकार की अकर्मण्यता व संवैधानिक
मूल्यों की रक्षा में विफलता के
विरुद्ध रोष प्रकट किया गया तथा शीला सरकार को आगाह किया गया की इसे यदि तुरंत नहीं रोका गया तो देश की राजधानी में अराजकता की
स्थिति निर्माण होगी. विहिप की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा
गया है की यह कोई पहली घटना
नहीं है जब दिल्ली सरकार
ने तालिबानियों के समक्ष घुटने
टेके हों, इससे से पूर्व भी स्थानीय लोगों के हितों को अनदेखी व् तथा कानून का मखौल उड़ाते हुए जंग पुरा में ड़ीड़ीए की भूमि पर, तथा बीके दत्त कालानी में पुरातत्व
विभाग की भूमि पर भी कब्जे इसी सरकार ने कराए हैं.
इसके अतिरिक्त पुरातत्व विभाग के ३६ स्थानों पर जबरन नमाज पढ़े जाने की शिकायत
अनेक बार पुरातत्व विभाग करा चुका है किन्तु आज तक कोई कार्यवाही या मदद सरकार से उसे नहीं मिली. प्रस्ताव में कहा गया है की हमारे महा मंत्री श्री
सत्येन्द्र मोहन ने १२/०७/१२ की रात १-३० बजे १०० नम्बर पर फोन
कर सरकारी भूमि पर जबरन
कब्जे की शिकायत दर्ज कराई थी किन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई. विहिप इसके विरुद्ध उपराज्यपाल से शिकायत करेगी तथा आवश्यकता हुई
तो कोर्ट की शरण में भी जाएगी तथा शीला सरकार की कलाई खोलेगी.
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