Tuesday, July 24, 2012

सभी अल्लाह जहन्नम में हैं !!

सत्‍यवादी

प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय


इस लेख का शीर्षक देखते ही लोग अवश्य चौंक जाएँगे ,और कह देंगे कि ऐसा नहीं हो सकता .लेकिन यही सत्य है .क्योंकि आजतक मुसलमानों को जो भी सिखाया जाता है ,और मुल्ले लोगों को इस्लाम के बुनियादी नियम और मान्यताओं के बारे में जो भी बताते रहते हैं ,कुरान और हदीसों से उसके विपरीत और उलटी बातें सिद्ध होती हैं .ऎसी ही कुछ मुख्य बातों के बारे में कुरान और प्रमाणिक हदीसों आधार पर विश्लेषण किया जा रहा है .ताकि लोगों का इस्लामी मान्यताओं के बारे में जो भ्रम है वह दूर हो जाये .जो अल्लाह की एकत्व , उसके अजन्मा होने , उसके न्याय , और जन्नत और जहन्नम के बारे में है .जैसे कि,
1-एक नहीं कई अल्लाह 
इस पहले भाग पर आपत्ति करने वाले और टिपण्णी करने वालों से निवेदन है कि वह पहले ठीक से अरबी व्याकरण सीख लें , फिर बात करें . क्योंकि कुरान से कई अल्लाह सिद्ध हो रहे हैं .फिर ध्यान से इन आयतों को पढ़ें .




"إِنَّا نَحْنُ نَرِثُ الْأَرْضَ وَمَنْ عَلَيْهَا  "
"हम ही इस पृथ्वी के और जो कुछ उस पर है उसके वारिस होंगे "सूरा - मरियम 19 :40 
( Surely We inherit the earth and all those who are on it, )
यदि हम पहली आयत को ध्यान से पढ़ें तो अल्लाह अरबी में खुद के लिए " नहनुنحنُ " शब्द का प्रयोग कर रहा है जिसका अर्थ हम या We होता है जो बहुवचन है और कई लोगों के लिए बोला जाता है .यानि अल्लाह व्यक्तियों का समूह है .
"وَلَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنْسَانَ مِنْ صَلْصَالٍ مِنْ حَمَإٍ مَسْنُونٍ"
और हमने मनुष्य को सड़ी काली मिटटी और बजने वाले गारे से बनाया " सूरा-अल हिज्र 15 :26 
(We created man of clay that gives forth sound, of black mud in shape)
"وَالْجَانَّ خَلَقْنَاهُ مِنْ قَبْلُ مِنْ نَارِ السَّمُومِ   "
 हमने इस से पहले जिन्नों को लू की लपट से बनाया था " सूरा- अल हिज्र 15 :27 
(We created Jinn  before, of intensely hot fire. )
इसी तरह अगली दौनों आयतों में अरबी में " खलकना خلقنا" शब्द है , जिसका अर्थ है " हमने बनाया We created " यह भी बहुवचन है ,जो एक से अधिक लोगों को प्रकट कर रहा है . अगर अल्लाह एक होता तो वह अरबी में " खलक्नी خلقني" शब्द कहता जिसका अर्थ है "मैंने बनाया I created " जो एक वचन है 
इन आयतों के अतिरिक्त खुद अल्लाह ने स्वीकार किया है कि वह एक सत्ता नहीं एक समूह है , यह आयत देखिये ,
" हमारे अलावा और भी हैं जिन पर तुम कुदरत नहीं पा सके " सूरा -अल फतह 48 :21 
"وَأُخْرَىٰ لَمْ تَقْدِرُوا عَلَيْهَا  "48:21


2-अल्लाह अजन्मा नहीं है 

मुसलमानों को एक और भ्रम है कि अल्लाह का जन्म नहीं हुआ , लेकिन हदीसों से पता चलता है कि उसका समय , जीवनकाल यानि आयु होती है और आयु उसी कि होती है जिसका जन्म होता है .चूँकि उस समय सन , महीने और तारीख नहीं थे इस लिए आरबी में केवल "दहर دهر" शब्द आया है जिस अर्थ " आयु Age , काल Period या समय Time शब्द से काम लिया गया है . हदीसें देखिये ,
"अबू हुरैरा ने कहा , रसूल ने कहा है ,अल्लाह ने कहा है , आदम की संतान मेरा काल पूछ कर मुझे दुखी कर देते हैं , उन से कहो मैं भी दिन और रात के चक्र में फसा हुआ हूँ .और समय की तरह समाप्त होने वाला हूँ "
Sahih al-Bukhari, Volume 8, Book 73, Number 200
"अबू हुरैरा ने कहा , रसूल ने कहा है ,अल्लाह ने कहा है , जो लोग मेरी अवधि पूछ कर मुझे तंग करते हैं , उन से कह दो मेरी आयु समय की तरह है जो दिन और रात समाप्त होती जाती है "
Sahih al-Bukhari, Volume 9, Book 93, Number 583


इन हदीसों से साबित होता है कि अल्लाह समय धीमे धीमे समाप्त हो रहा था 
.
3-अल्लाह की पहिचान जाँघों से 
अल्लाह की सही पहिचान इबादत से नहीं बल्कि उसकी जांघों से होती है , इसलिए मुल्लों , और सभी मुसलमानों को चाहिए कि पहले अल्लाह के नीचे के कपडे निकल कर जांघें देख लें . फिर उसे सिजदा करें , यही रसूल ने कहा है , देख लो .
"सईदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने बताया ,कि अल्लाह कई प्रकार के हैं और कब कोई कहेगा कि मैं ही तुम्हारा अल्लाह हूँ , तो तुम कहोगे तू मेरा अल्लाह नहीं हो सकता और तुम उस से बात नहीं करोगे .तब लोगों ने पूछा कि हम उसे कैसे पहिचानें ,रसूल ने बताया जाँघों से .और जब अल्लाह नेअपनी जांघ उघाड़ कर दिखाई तो लोग पहिचान गए और सिजदे में गिर गए ."
Sahih Al-Bukhari, Volume 9, Book 93, Number 532s
"अबू हुरैरा ने कहा , रसूल ने इब्ने हातिम से कहा था , अगर तुम कभी अपने भाई से लड़ाई करो तो , उसके चेहरे पर घूंसा नहीं मारना .,क्यों अल्लाह ने मनुष्य का चेहरा अपने जैसा ही बनाया है "
Sahih Muslim, Book 032, Number 6325

4-भ्रष्टाचारी अल्लाह 
मुसलमान लोगों को धोखा दने के लिए कहते हैं , कि हमारा अल्लाह तो बड़ा न्यायकारी है . लेकिन हदीसों से साबित है कि अल्लाह के राज में बिलकुल अंधेर होता था .नीचे से ऊपर तक सभी बेईमान और भ्रष्टाचारी है .कोई मूर्ख भी ऐसे अल्लाह को नहीं मानेगा .
"अबू जर ने कहा कि एक बार रसूल के पास अल्लाह का फ़रिश्ता जिब्रील आया और बोला . मैं एक खुशखबरी लाया हूँ .कि अल्लाह बिना इबादत किये ही लोगों को जन्नत में दाखिल कर देगा .रसूल ने पूछा कि उसने चोरी , और बलात्कार भी किया हो तो भी .जिब्रील ने कहा हाँ , चाहे चोरी , डाका लूट , और बलात्कार या अप्राकृतिक सेक्स क्यों न किया हो , जन्नत जायेगा "
Sahih al-Bukhari, Volume 9, Book 93, Number 579


"अबू मूसा ने कहा तब रसूल ने बताया कि जब कियामत के दिन हिसाब होगा तो अल्लाह हरेक पापी मुसलमान की जगह एक एक निष्पाप यहूदी या ईसाई को जहन्नम में घुसेड देगा .और उनके बदले मुसलमान को छोड़ देगा ."
Sahih Muslim, Book 037, Number 6665


5-अल्लाह को धोखा 
.इस हदीस से पता होता है कि या तो अल्लाह लापरवाह है , या उसके फ़रिश्ते रिश्वतखोर हैं , वर्ना सबको उल्लू बनाकर नरक के लोग जन्नत में कैसे घुस गए .और उनको वहीँ क्यों रहने दिया गया .
" अनस बिन मलिक ने कहा की , रसूल ने बताया तब कुछ ऐसे भी लोग होंगे जो अपना हुलिया और रंग बदल लेंगे .फिर नजर बचा कर जहन्नम से भाग कर जन्नत में घुस जायेंगे और जन्नत के लोग उनको " अल जहन्नमयीन Al-Jahannamiyin'الجهنّميين " कहकर स्वागत करेंगे "
Sahih al-Bukhari, Volume 8, Book 76, Number 56


6-अल्लाह जहन्नम में गए 
इन अगली हदीसों से यही सिद्ध होता है कि जब यह सभी अल्लाह इतने बेईमान और अन्यायी थे तो जहन्नम में नहीं जाते तो क्या दुबई में जाते .यह वहीं के लायक हैं .और अभी भी वहीँ होंगे .क्योंकि जहन्नम का दरवाजा बंद है .
"अबू हुरैरा ने कहा , रसूल ने बताया , जब जन्नत और जहन्नम बहस कर रहे थे , तो जन्नत ने कहा कि मैं तो लाचार , कमजोर लोगों को पसंद करती हूँ और उन पर रहम करती हूँ तब जहन्नम ने कहा मुझे तो ढीठ , अन्यायी और प्रभावशाली लोग पसंद हैं , और उन्हीं से पूरी जगह भर दूंगी .और जब ऐसे ही लोगों को जहन्नम में डाला जा रहा था . जहन्नम ने तीन बार पूछा क्या अभी भी कोई बाकी रह गया है .अभी भी जगह खाली है तब अल्लाह को भेजा गया . जैसे ही अल्लाह ने जहन्नम के अन्दर पैर डाला , जहन्नम बोली " कत. कत "इतना काफी है . और द्वार बंद कर दिया गया 
.وسوف يقولون: القات! زراعة القات! زراعة القات! (كفى! كفى! كفى!).


Bukhari-Volume 9, Book 93, Number 541:
"अनस बिन मलिक में कहा कि रसूल ने बताया कि जब तक अल्लाह अन्दर नहीं घुसे जहन्नम पूछती रही , क्या कोई और आने से रह गया है . लेकिन जैसे अल्लाह ने प्रवेश किया , जहन्नम बोली बस बस काफी हो गया ,और सभी तरफ द्वार बंद हो गए "
Bukhari-Volume 8, Book 78, Number 654:
" अनस ने कहा रसूल ने बताया जिस समय लोगों को जननं में धकेला जा रहा था , और जहन्नम पूछ रही थी कि क्या अब भी कोई बाकी रह गया है , और जब अल्लाह अन्दर गए तो बोली कत कत , यानि काफी है .उसी के बारे में कुरान की इस आयात में लिखा है "
सूरा - काफ 50 :30 
" और उस दिन जब पूछा गया कि क्या जहन्नम पूरी तरह से भर गयी है , या अभी भी जगह खाली है ? " सूरा -काफ 50 :30 
Bukhari-Volume 6, Book 60, Number 371:


इस्लाम के सभी फिरके कुरान को प्रमाणिक मानते हैं , और चूँकि कुरान में इन आयतों में अल्लाह के लिए बहुवचन ( Plurel ) शब्द प्रयुक्त किया गया है , जिस से पता चलता है कि अल्लाह एक नहीं बल्कि एक समूह है .और हदीसों में जहाँ भी अल्लाह के जहन्नम में जाने की बात बताई गयी है , वहां सभी अल्लाह समझना चाहिए.यही नहीं जिन हदीसों में अल्लाह के जहन्नम में जाने की घटना बतायी है वह अरबी के व्याकरण के अनुसार " माजी " यानी "भूतकाल ( Past Perfect ) में दी गयी है . इसका अर्थ है . यह घटना हो चुकी है .और हदीस में अल्लाह के जहन्नम से वापस निकलने का कोई उल्लेख नहीं मिलता है . इसलिए हम कह सकते हैं कि, 


" आज भी अल्लाह जहन्नम में है " 

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