उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश हैं कि
तालाबों, कुओं पर किसी भी
व्यक्ति का अतिक्रमण हो, उसे तत्काल प्रभाव
से हटा दिया जाये। चाहे यह अतिक्रमण कितना भी पुराना क्यों न हो। इसी को ध्यान में
रखते हुए शासन और प्रशासन की अनदेखी के
चलते जलस्रोतों को बर्बाद होते देख वर्ष 2001 में एक पीआईएल 4787/2001 उच्चतम न्यायालय
में दाखिल की गई। दाखिल पीआईएल की गम्भीरता को देखते हुए 25 जुलाई 2001 को सैयद शाह कादरी
एवं एसएन फूकन न्यायाधीशों ने संयुक्त रूप से आदेश दिया कि तालाबों, पोखरों, बावडि़यों तथा कुओं
का न तो स्वरूप बदला जा सकता है और न ही किसी तरह का अतिक्रमण किया जा सकता है।
तालाबों, पोखरों, बावडि़यों तथा कुओं
पर जो भी अतिक्रमण हो उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाये।
सनद रहे कि प्रदेश के शहरी एवं ग्रॉमीण
क्षेत्रों में अनेकों स्थानों पर भूजल की उपलब्धता में कमीं आने के साथ ही भूजल
स्तर में तेजी से गिरावट आई और भूगर्भशास्त्रियों ने आशंका जाहिर की कि यदि यही
हालात रहे तो आगामी वर्षों में पानी का भयंकर संकट देश के समक्ष खड़ा हो जाएगा तब
इसी को ध्यान रखते हुए 18 फरवरी 2013 को प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश भूजल
प्रबन्धन, वर्षाजल संचयन एवं
भूजल रिचार्ज हेतु समग्र नीति’ लागू की गई। इस समग्र नीति को क्रियान्वयन को कई विभागों को सौंपा गया।
इतना ही नहीं भूजल की स्थिति को देखते हुए
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्राकृतिक जलस्रोतों तालाबों, पोखरों तथा कुओं को
संरक्षित करने के लिये 1 अप्रैल 2015 को ‘मुख्यमंत्री जल
बचाओ अभियान योजना’ को लागू किया है।
जिसे कड़ाई से पालन करनें पर पूरी तरह जोर दिया है। लेकिन शासन-प्रशासन ने उच्चतम
न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए जलस्रोतों पर कोई भी ध्यान नहीं दिया।
क्या है यहाँ के अतिक्रमण का मामला
भूमाफियाओं द्वारा भूजल से संबंधित
अतिक्रमण का मामला ग्रॉम/पोस्ट-परियत, क्षेत्र-बरसठी, तहसील-मडि़याहूँ, जिला-जौनपुर, उत्तर प्रदेश का एक
नया मामला संज्ञान में आया है। यहाँ के सरकारी अधिकारियों के सरपरस्ती में एक कुँआ
जिसे ग्रॉमवासी कोतवाली का ईनारा कहते हैं जो पखण्डी सोनार व मल्लर तिवारी के घर
के पास में है, का तीन ओर से जमीन
के लालच में एक दबंग महिला विजय लक्ष्मी व उसके पति सुरेश वकील (उमर) नें बुरी तरह अतिक्रमण कर लिया है। ये कुआँ
गाँव परियत का एक ऐसा पुराना कुआँ है जहाँ से गाँव के किसान अपने खेतों की सिंचाई
किया करते थे, मगर भूमाफिया
दबंगों के कारण आज यह कुआँ अपने दुर्भाग्य और दुर्दिन पर जार-जार से रो रहा है।
सनद रहे कि उपरोक्त दबंग व भूमाफिया विजय लक्ष्मी एवं उसके पति सुरेश वकील (उमर)
दूसरे के जमीन को कब्जाने की नियति रखने वाले लोभी प्रकृति के हैं जिनकी कुदृष्टि दूसरों के जमीन पर हमेंशा लगी
रहती है।
ज्ञात रहे कि उपरोक्त कुँआ को पूर्व, पश्चिम और उत्तर की
ओर से पूरी तरह भूमाफियाओं नें घेर लिया है। इसमें दक्षिण की ओर से एक लिंटर पड़ा
है। भूमाफियाओं नें इसे सिर्फ आगे की ओर कुआँ
तक जानें के लिए एक छोटा सा सँकरा रास्ता छोड़ा है। गाँव के सारे ग्रॉमवासी
सब कुछ जानते हुए उपरोक्त भूमाफियाओं के दबंगई के डर से मौन साध लिए हैं, गाँव वाले इनके आगे
बुरी तरह सहमें से रहते हैं। ये माफिया खुलेआम कहते हैं कि कोई हमारा कुछ बिगाड़
नहीं सकता जिसको मेरी शिकायत जहाँ भी करनी हो कर दे। सपा के कुछ छुटभैया नेता
परोक्ष रूप से इनके सहायक हैं जिनके दम पर ये भूमाफिया अपने घिनौने काम को अंजाम
देते हैं। सनद रहे कि जब कुँआ के अतिक्रमण की जानकारी पहली बार सरकारी अधिकारियों को मिली तो ऑनन-फॉनन
में इस अतिक्रमण को गिरा दिया गया, मगर पैसे और पावर के दम पर ये दबंग फिर इस कुँआ का बुरी तरह अतिक्रमण
करने में सफल हो गए।
आज आवश्यकता है इस कोतवाली के कुँआ का
अतिक्रमण पूरी तरह से छुड़ाया जाए व माननीय मुख्यमंत्री के आदेशों का यथाशीघ्र
पालन कराया जाए। ग्रॉम परियत के सारे ग्रॉमवासी , आस-पास के किसान व पथिक इस कुँआ के अतिक्रमण से
छुटकारा चाहते हैं।
आंदोलन की तैयारी
शासन-प्रशासन की लापरवाही के कारण आज
तालाब और कुँओं का न तो ठीक से रख-रखाव हो रहा है
न ही अवैध अतिक्रमण से बचाव । इसी को ध्यान में रखते हुए सामाजिक
कार्यकर्ता व राष्ट्रवादी नेता पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र व डॉ0 संतोष राय नें पूरे देश में एक
आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है, इसके लिए जहाँ कहीं भी कुँआ व तालाब का अतिक्रमण है उसे हटवाने के लिए वे
हरसंभव प्रयास करेंग चाहे उसके लिए किसी भी उन्हें किसी भी सीमा तक जाना हो। और, इसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश
के एक छोटे से गाँव परियत से कर दी है। ज्ञात रहे कि यहाँ के कुँआ का अतिक्रमण
हटाने के लिए पं0 बाबा नंद किशोर
मिश्र नें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को 15/19 अप्रैल, 2016 को एक पत्र भी
लिखा है। अब देखना है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस पर क्या कार्यवाही करते हैं।
अवैध अतिक्रमण पर मुख्यमंत्री से शिकायत
अवैध
अतिक्रमण पर मुख्यमंत्री से शिकायत
अवैध अतिक्रमण पर मुख्यमंत्री से शिकायत
अवैध अतिक्रमण पर मुख्यमंत्री मौन
http://deshhit.blogspot.in/2016/05/blog-post.html
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