Thursday, April 3, 2014

सेबी प्रमुख यू. के. सिन्हा का कार्यकाल बढाना और सहारा प्रमुख को जेल भेजने का रहस्य क्या है ?

डॉ संतोष राय 
अखिल भारत हिन्दू महासभा 
Email : drsrai@yahoo.com

सेबी अध्यक्ष यूके सिन्हा को दो साल का सेवा-विस्तार मिला है। वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार अब वह अब 2016 तक इस पर पर रहेंगे। सूत्रों से ज्ञात हुआ है की सिन्हा वित्त मंत्री पी. चिंदम्बरम के करीबी भी हैं और इस इसका उन्हें लाभ मिला !

यह सेवा विस्तार 18 फरवरी 2016 तक प्रभावी रहेगा। पिछले तीन साल से सेबी के प्रमुख के पद पर तैनात सिन्हा के कार्यकाल में पूंजी बाजार में कुछ के लिए कई बड़े कदम उठाए गए।

इनमें बाजार की दृष्टि से संवेदनशील सूचनाओं का नियमित प्रकाशन और मर्चेंट बैंकर्स के लिए बाजार में कारोबार के नियम कड़े करने तथा विदेशी निवेशकों की नई श्रेणी को मान्यता देना शामिल है।

सिन्हा के तीन पूर्ववर्तियों - सी बी भावे, एम दामोदरन और जी एन वाजपेयी का कार्यकाल तीन साल का ही था। सिर्फ डी आर मेहता ने 1995 से 2002 तक सबसे अधिक लंबे समय तक सेबी के अध्यक्ष के तौर पर काम किया।

सेबी प्रमुख सिन्हा ने कभी उन कम्पनियों पर कार्यवाही नहीं की जो की अवैध तरीके से धन उगाही की और उन कम्पनियों के कर्ता-धर्ता कांग्रेस से जुड़े थे ! सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के मामले में सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है और पिछली तारीखों पर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की संपत्तियों की पूरी डिटेल देने को कहा और सेबी से कहा की वो इन संपत्तियों को बेचकर लोगों का धन वापस करे जिसे सेबी ने तब मान भी लिया था लेकिन अचानक सेबी में कौन सा बदलाव आ गया की वह इन संपत्तियों को न तो बेचेगी और सहारा प्रमुख को जेल भी जाना पड़े ! यहाँ तो यह हुआ को सौ जूते भी खाए और सौ प्याज भी खाए !

यदि सहारा प्रमुख अपराधी हैं तो अब तक सेबी क्या कर रही थी और क्या सहारा प्रमुख ने कांग्रेस पार्टी को चंदा नहीं दिया होगा ! भारत में लाखों विदेशी कम्पनिया भारत के नागरिकों को लुट रही है तब सेबी कहाँ चला जाता है ! विजय माल्या ने अब तक बैंकों का कर्ज नहीं चुकाया है और भारत का वित्त मंत्री चुप है और किंगफ़िशर के कर्मचारियों को अब तक वेतन नहीं मिला यहाँ तक की किंगफिशर के शेयर धारकों के साथ भी धोखा हुआ ! 

सेबी और सेबी के अधिकारी अमेरिका के पिट्ठू बन गए हैं और अब सेबी राष्ट्रविरोधी कार्यों में लिप्त हो चुकी है ! सेबी प्रमुख सिन्हा का बहिष्कार करो !